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Skoda Auto ने भारत में पूरे किए 25 साल, जानें 2030 तक क्या है कंपनी का प्लान - SKODA COMPLETES 25 YEARS IN INDIA

Skoda Auto ने भारत में 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं. इसकी शुरुआत छत्रपति संभाजीनगर प्लांट से हुई थी, जब कंपनी ने 2000 में Skoda Octavia को लॉन्च किया था.

Skoda Kylaq
Skoda Kylaq (फोटो - Skoda Auto)
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By ETV Bharat Tech Team

Published : Jan 31, 2025, 5:17 PM IST

हैदराबाद: Skoda Auto साल 2025 में भारत में अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रही है. ऑटोमेकर ने जनवरी 2000 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया था और महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (जिसे पहले औरंगाबाद के नाम से जाना जाता था) में अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किया था. विशेष रूप से, Skoda भारत में आने और अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाला पहला Volkswagen ग्रुप ब्रांड था.

Skoda Auto India: 25 साल का सफर
Skoda Auto ने भारत में आधुनिक Octavia लॉन्च करने की योजना बनाई. यह सेडान Skoda का सबसे ऐतिहासिक और सफल मॉडल है, जिसने पिछले साल अपनी 65वीं वर्षगांठ मनाई. चूंकि छत्रपति संभाजीनगर में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट निर्माणाधीन था, इसलिए Skoda ने Octavia के आयातित भागों को किराए की फेसेलिटी में असेंबलकिया.

स्थानीय स्तर पर निर्मित Skoda Octavia भारतीय बाजार में सफल रही, जिससे Fabia, Rapid, Superb और Kodiaq जैसे अन्य वैश्विक मॉडलों के लिए रास्ता साफ हुआ. इसके बाद ऑटोमेकर ने अपनी मूल कंपनी Volkswagen के साथ साझेदारी की और महाराष्ट्र के पुणे में स्थित अपने चाकन प्लांट में काम करना शुरू किया, जो इसका दूसरा प्लांट था.

चाकन प्लांट स्थानीय रूप से उत्पादित Skoda Rapid का केंद्र बन गया, इसके बाद Skoda Kushaq और Slavia का उत्पादन हुआ. Skoda Kushaq और Slavia को कंपनी के India 2.0 प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में स्थानीयकृत MQB A0-IN प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है, जिसे पहली बार नवंबर 2001 में पेश किया गया था.

उल्लेखनीय रूप से, हाल ही में लॉन्च की गई सबकॉम्पैक्ट एसयूवी, Skoda Kylaq को भी इसी प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है, जिससे कंपनी के अनुसार 95 प्रतिशत स्थानीयकरण हुआ है.

Skoda Auto के सीईओ क्लॉस ज़ेलमर ने इस अवसर पर कहा कि
"हमने भारत में 25 वर्षों के एक्सपीरिएंस का लाभ उठाते हुए इस फलते-फूलते बाज़ार को अपनी अंतर्राष्ट्रीय विकास रणनीति का आधार बनाया है. अपनी जबरदस्त प्रतिभा, बढ़ती उपभोक्ता मांग और अन्य बाज़ारों तक पहुंच के साथ, भारत यूरोप के बाहर हमारा दूसरा स्तंभ बन रहा है और ASEAN, मध्य पूर्व और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बिक्री की संभावनाओं को और बढ़ाने में मदद कर रहा है."

ज़ेलमर ने आगे बताया कि साल 2001 में Skoda Octavia के साथ बाज़ार में प्रवेश करने के बाद से ही कंपनी भारत में एक उल्लेखनीय ब्रांड रही है. मौजूदा समय में, Skoda दो प्लांट्स में उत्पादन करती है और कंपनी ने भारत के लिए विशेष रूप से तीन नए मॉडल लॉन्च किए हैं, जिससे 95 प्रतिशत तक स्थानीयकरण हासिल हुआ है.

इन मॉडलों में Skoda Kushaq, Slavia, और हाल ही में पेश की गई Skoda Kylaq कॉम्पैक्ट एसयूवी शामिल हैं, जो Skoa Octavia और Superb के पूरक हैं, जिन्हें बढ़ते डीलर नेटवर्क के माध्यम से भी बेचा जाता है.

सीईओ ने कहा कि
"पिछले दो सालों में, हमने देश भर में ग्राहकों के साथ संपर्क 35 प्रतिशत तक बढ़ाया है. भारत Skoda Auto के वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों में भी योगदान देता है. एक प्लांट पहले से ही पूरी तरह से हरित ऊर्जा पर चल रहा है, जबकि पुणे के प्लांट ने अपनी फोटोवोल्टिक प्रणाली का विस्तार किया है, ताकि इसकी बिजली की ज़रूरतों का 30 प्रतिशत तक पूरा किया जा सके. मैं अपने सभी भारतीय सहयोगियों को हमारे विकास के अगले चरण में मदद करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, और विशेष रूप से हमारे ग्राहकों को हमारे उत्पादों पर उनके भरोसे के लिए. इस जुनून के साथ, हम अगले 25 वर्षों में और भी बड़ी चीजें हासिल कर सकते हैं."

भारत का Skoda की अंतर्राष्ट्रीय योजनाओं में प्रमुख योगदानकर्ता
साल 2018 में, चेक ऑटोमेकर निर्माता को भारत में Volkswagen ग्रुप की सभी गतिविधियों का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था. इस दौरान, Skoda ने भारतीय बाजार के लिए विशेष रूप से MQB-A0-IN प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया. Skoda Kushaq चाकन प्लांट में इस प्लेटफ़ॉर्म पर निर्मित पहला वाहन था.

इस बीच, Skoda ने भारत को अपना प्रमुख बाज़ार बनाया, जिसके ज़रिए उसने मध्य पूर्व, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और आसियान क्षेत्र में अपना विस्तार किया. साल 2023 में, कंपनी ने वियतनाम को कार के पुर्जे निर्यात करने के लिए एक आधुनिक लॉजिस्टिक्स सुविधा खोली.

2030 तक भारत में कार्बन तटस्थता प्लांट
Skoda Auto अपने चाकन और छत्रपति संभाजीनगर प्लांट्स को कार्बन न्यूट्रल बनाने की योजना बना रही है. छत्रपति संभाजीनगर प्लांट पहले से ही पूरी तरह से हरित ऊर्जा पर काम कर रहा है. वहीं चाकन प्लांट 2030 तक कार्बन न्यूट्रल हासिल कर लेगा.

यह 500 हेक्टेयर का प्लांट 300 से अधिक प्रजातियों के पौधों, पेड़ों और जानवरों को आवास प्रदान करता है. इसके अलावा, चाकन प्लांट में, Skoda ने अपने फोटोवोल्टिक सिस्टम का विस्तार किया है, जो सालाना 26.6 गीगावॉट बिजली का उत्पादन करने में सक्षम है. यह प्लांट की बिजली खपत का 30 प्रतिशत कवर करता है.

हैदराबाद: Skoda Auto साल 2025 में भारत में अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रही है. ऑटोमेकर ने जनवरी 2000 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया था और महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (जिसे पहले औरंगाबाद के नाम से जाना जाता था) में अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किया था. विशेष रूप से, Skoda भारत में आने और अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाला पहला Volkswagen ग्रुप ब्रांड था.

Skoda Auto India: 25 साल का सफर
Skoda Auto ने भारत में आधुनिक Octavia लॉन्च करने की योजना बनाई. यह सेडान Skoda का सबसे ऐतिहासिक और सफल मॉडल है, जिसने पिछले साल अपनी 65वीं वर्षगांठ मनाई. चूंकि छत्रपति संभाजीनगर में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट निर्माणाधीन था, इसलिए Skoda ने Octavia के आयातित भागों को किराए की फेसेलिटी में असेंबलकिया.

स्थानीय स्तर पर निर्मित Skoda Octavia भारतीय बाजार में सफल रही, जिससे Fabia, Rapid, Superb और Kodiaq जैसे अन्य वैश्विक मॉडलों के लिए रास्ता साफ हुआ. इसके बाद ऑटोमेकर ने अपनी मूल कंपनी Volkswagen के साथ साझेदारी की और महाराष्ट्र के पुणे में स्थित अपने चाकन प्लांट में काम करना शुरू किया, जो इसका दूसरा प्लांट था.

चाकन प्लांट स्थानीय रूप से उत्पादित Skoda Rapid का केंद्र बन गया, इसके बाद Skoda Kushaq और Slavia का उत्पादन हुआ. Skoda Kushaq और Slavia को कंपनी के India 2.0 प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में स्थानीयकृत MQB A0-IN प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है, जिसे पहली बार नवंबर 2001 में पेश किया गया था.

उल्लेखनीय रूप से, हाल ही में लॉन्च की गई सबकॉम्पैक्ट एसयूवी, Skoda Kylaq को भी इसी प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है, जिससे कंपनी के अनुसार 95 प्रतिशत स्थानीयकरण हुआ है.

Skoda Auto के सीईओ क्लॉस ज़ेलमर ने इस अवसर पर कहा कि
"हमने भारत में 25 वर्षों के एक्सपीरिएंस का लाभ उठाते हुए इस फलते-फूलते बाज़ार को अपनी अंतर्राष्ट्रीय विकास रणनीति का आधार बनाया है. अपनी जबरदस्त प्रतिभा, बढ़ती उपभोक्ता मांग और अन्य बाज़ारों तक पहुंच के साथ, भारत यूरोप के बाहर हमारा दूसरा स्तंभ बन रहा है और ASEAN, मध्य पूर्व और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बिक्री की संभावनाओं को और बढ़ाने में मदद कर रहा है."

ज़ेलमर ने आगे बताया कि साल 2001 में Skoda Octavia के साथ बाज़ार में प्रवेश करने के बाद से ही कंपनी भारत में एक उल्लेखनीय ब्रांड रही है. मौजूदा समय में, Skoda दो प्लांट्स में उत्पादन करती है और कंपनी ने भारत के लिए विशेष रूप से तीन नए मॉडल लॉन्च किए हैं, जिससे 95 प्रतिशत तक स्थानीयकरण हासिल हुआ है.

इन मॉडलों में Skoda Kushaq, Slavia, और हाल ही में पेश की गई Skoda Kylaq कॉम्पैक्ट एसयूवी शामिल हैं, जो Skoa Octavia और Superb के पूरक हैं, जिन्हें बढ़ते डीलर नेटवर्क के माध्यम से भी बेचा जाता है.

सीईओ ने कहा कि
"पिछले दो सालों में, हमने देश भर में ग्राहकों के साथ संपर्क 35 प्रतिशत तक बढ़ाया है. भारत Skoda Auto के वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों में भी योगदान देता है. एक प्लांट पहले से ही पूरी तरह से हरित ऊर्जा पर चल रहा है, जबकि पुणे के प्लांट ने अपनी फोटोवोल्टिक प्रणाली का विस्तार किया है, ताकि इसकी बिजली की ज़रूरतों का 30 प्रतिशत तक पूरा किया जा सके. मैं अपने सभी भारतीय सहयोगियों को हमारे विकास के अगले चरण में मदद करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, और विशेष रूप से हमारे ग्राहकों को हमारे उत्पादों पर उनके भरोसे के लिए. इस जुनून के साथ, हम अगले 25 वर्षों में और भी बड़ी चीजें हासिल कर सकते हैं."

भारत का Skoda की अंतर्राष्ट्रीय योजनाओं में प्रमुख योगदानकर्ता
साल 2018 में, चेक ऑटोमेकर निर्माता को भारत में Volkswagen ग्रुप की सभी गतिविधियों का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था. इस दौरान, Skoda ने भारतीय बाजार के लिए विशेष रूप से MQB-A0-IN प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया. Skoda Kushaq चाकन प्लांट में इस प्लेटफ़ॉर्म पर निर्मित पहला वाहन था.

इस बीच, Skoda ने भारत को अपना प्रमुख बाज़ार बनाया, जिसके ज़रिए उसने मध्य पूर्व, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और आसियान क्षेत्र में अपना विस्तार किया. साल 2023 में, कंपनी ने वियतनाम को कार के पुर्जे निर्यात करने के लिए एक आधुनिक लॉजिस्टिक्स सुविधा खोली.

2030 तक भारत में कार्बन तटस्थता प्लांट
Skoda Auto अपने चाकन और छत्रपति संभाजीनगर प्लांट्स को कार्बन न्यूट्रल बनाने की योजना बना रही है. छत्रपति संभाजीनगर प्लांट पहले से ही पूरी तरह से हरित ऊर्जा पर काम कर रहा है. वहीं चाकन प्लांट 2030 तक कार्बन न्यूट्रल हासिल कर लेगा.

यह 500 हेक्टेयर का प्लांट 300 से अधिक प्रजातियों के पौधों, पेड़ों और जानवरों को आवास प्रदान करता है. इसके अलावा, चाकन प्लांट में, Skoda ने अपने फोटोवोल्टिक सिस्टम का विस्तार किया है, जो सालाना 26.6 गीगावॉट बिजली का उत्पादन करने में सक्षम है. यह प्लांट की बिजली खपत का 30 प्रतिशत कवर करता है.

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