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अवाहदेवी मंदिर को जाने वाले रास्ते की हो रही अनदेखी, दो जिलों की पंचायतें ताक रही एक-दूसरे का मुंह - hamirpur roads

भोरंज के प्रसिद्ध मंदिर अवहदेवी में हयोड़ गांव से अवाहदेवी मंदिर तक जाने वाले राजराही रास्ते की अनदेखी हो रही है. चोलथरा से अवाहदेवी तक इसकी लंबाई लगभग 4 किलोमीटर के आसपास थी. मीरपुर और मंडी की दो पंचायतों के तहत पड़ने की वजह से ही यह राजराही और अहम रास्ता उपेक्षित रहा है.

Avahadevi temple
अवाहदेवी मंदिर
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Published : Jul 6, 2020, 10:41 PM IST

भोरंज/हमीरपुर: प्रदेश में एक ओर जंहा पर्यटन पर जोर दिया जा रहा है, वहीं पर्यटन से जुड़े धार्मिक स्थलों की अनदेखी हो रही है. उपमंडल भोरंज के प्रसिद्ध मंदिर अवहदेवी में हयोड़ गांव से अवाहदेवी मंदिर तक जाने वाले रास्ते की अनदेखी हो रही है.

रास्ते से राहगीरों की आवाजाही भी मुसीबत बनी है. चोलथरा से अवाहदेवी तक इसकी लंबाई लगभग 4 किलोमीटर के आसपास थी. लोगों ने दान से इकट्ठा की राशि से इसका रख-रखाव भी किया था, लेकिन एनएच-70 के निर्माण से इसका करीब 350 मीटर हिस्सा उजड़ गया.

इस रास्ते से हथोडू, चलैहली, चम्योलका आदि गांव के लोगों की आवाजाही होती है. हयोड़ के ग्रामीणों ने बताया कि ये रास्ता हमीरपुर की चंबोह और मंडी की चोलथरा पंचायतों की विभाजित रेखा पर स्थित है, जो राजस्व रिकॉर्ड में चार करम चौड़ा दर्ज है.

हमीरपुर और मंडी की दो पंचायतों के तहत पड़ने की वजह से ही यह अहम रास्ता उपेक्षित रहा है. रास्ते के सही रख-रखाव के लिए अभी तक दोनों पंचायतें एक-दूसरे का मुंह ताकती रही हैं.

चंबोह की प्रधान प्रीमला देव ने कहा कि रास्ते के पुनर्निर्माण के लिए ग्रामीणों की ओर से सुझाव आए हैं. पंचायत से में विचार-विमर्श किया जाएगा. उधर चोलथरा के प्रधान पवन ठाकुर ने भी कहा कि उपेक्षित रास्ते का शीघ्र रख-रखाव कर इसे बढ़िया स्वरूप दिया जाएगा.

भोरंज/हमीरपुर: प्रदेश में एक ओर जंहा पर्यटन पर जोर दिया जा रहा है, वहीं पर्यटन से जुड़े धार्मिक स्थलों की अनदेखी हो रही है. उपमंडल भोरंज के प्रसिद्ध मंदिर अवहदेवी में हयोड़ गांव से अवाहदेवी मंदिर तक जाने वाले रास्ते की अनदेखी हो रही है.

रास्ते से राहगीरों की आवाजाही भी मुसीबत बनी है. चोलथरा से अवाहदेवी तक इसकी लंबाई लगभग 4 किलोमीटर के आसपास थी. लोगों ने दान से इकट्ठा की राशि से इसका रख-रखाव भी किया था, लेकिन एनएच-70 के निर्माण से इसका करीब 350 मीटर हिस्सा उजड़ गया.

इस रास्ते से हथोडू, चलैहली, चम्योलका आदि गांव के लोगों की आवाजाही होती है. हयोड़ के ग्रामीणों ने बताया कि ये रास्ता हमीरपुर की चंबोह और मंडी की चोलथरा पंचायतों की विभाजित रेखा पर स्थित है, जो राजस्व रिकॉर्ड में चार करम चौड़ा दर्ज है.

हमीरपुर और मंडी की दो पंचायतों के तहत पड़ने की वजह से ही यह अहम रास्ता उपेक्षित रहा है. रास्ते के सही रख-रखाव के लिए अभी तक दोनों पंचायतें एक-दूसरे का मुंह ताकती रही हैं.

चंबोह की प्रधान प्रीमला देव ने कहा कि रास्ते के पुनर्निर्माण के लिए ग्रामीणों की ओर से सुझाव आए हैं. पंचायत से में विचार-विमर्श किया जाएगा. उधर चोलथरा के प्रधान पवन ठाकुर ने भी कहा कि उपेक्षित रास्ते का शीघ्र रख-रखाव कर इसे बढ़िया स्वरूप दिया जाएगा.

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