हमीरपुर: स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मचारियों के साथ ही हर विभाग हर वर्ग से जुड़ा व्यक्ति वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौर में मानवता की सेवा में जुटा है. ऐसे ही कोरोना योद्धा डाक विभाग ऊना जिले की टीम है. यह कोरोना योद्धा घर द्वार जाकर कोरोना की दृष्टि से बेहद संवेदनशील माने जाने वाले बुजुर्गों को पेंशन उपलब्ध करवा रहे हैं. इन दिनों यातायात संबंधी दिक्कतें पेश आ रही हैं ऐसे में यह सेवाएं और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं.
वीरवार को ऊना जिले के बुधान डाकघर में तैनात पोस्टमैन विपिन कुमार शर्मा हमीरपुर और ऊना जिले की सीमा स्थित एक गांव में पेंशन वितरण करने के लिए पहुंचे. मोबाइल डाकघर यानी चलते फिरते डाकघर के माध्यम से वह गांव में लोगों को पेंशन देने यहां आये थे.
इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने पोस्टमैन विपिन कुमार शर्मा से बातचीत की और जाना कि किस तरह से मोबाइल पोस्ट ऑफिस कार्य करता है. इस दौरान बातचीत में उन्होंने बताया कि इस मोबाइल पोस्ट ऑफिस की यह खास बात है कि जिन पेंशनरों का खाता डाक विभाग के पास नहीं भी है उनको भी उनके बैंक खाते से पेंशन कैश के रूप में उपलब्ध करवाई जा रही है.
पेंशनर महेंद्र पाल ने कहा कि उनका बैंक खाता डाक विभाग में नहीं था. बैंक में उनका खाता है, लेकिन फिर भी डिमांड करने पर डाक विभाग के कर्मचारी ने घर आकर उन्हें पेंशन उपलब्ध करवा दी. यह बहुत अच्छी सुविधा है जिसका फायदा उन्होंने उठाया है. आपको बता दें कि ऊना जिले में डाक विभाग ने यह सुविधा पूर्ण रुप से लागू कर दी है. वहीं, अगर अन्य जिलों की बात की जाए तो इस तरफ कम ही ध्यान दिया जा रहा है.
हालांकि कुछ जिन्होंने इस पर काम करना शुरू किया है, लेकिन व्यापक स्तर पर अभी यह काम नहीं किया जा रहा है. इस योजना का सीधा फायदा पेंशनरों को मिल सकता है और सामाजिक दूरी के नियम की पालना को भी इससे बढ़ावा मिलेगा. ऊना डाक विभाग के इस कार्य की राजभवन भी तारीफ कर चुका है जिला के एक पोस्टमैन पीपीई किट पहन कर भी लोगों को पेंशन वितरित की थी जिसका फोटो राजभवन पहुंचा तो कर्मचारियों की तारीफ के लिए बाकायदा विभाग को पत्र लिखा गया.
डाक विभाग ऊना के अधीक्षक राम तीरथ शर्मा से भी इस संपूर्ण व्यवस्था के बारे में बातचीत की गई. उन्होंने कहा कि चीफ पोस्ट मास्टर जनरल शमिता कुमार से बातचीत कर उन्होंने अनुमति ली थी. उनसे स्वकृति मिलने के बाद डीसी ऊना संदीप कुमार के सामने उन्होंने यह प्रस्ताव रखा इसके बाद चलते-फिरते डाकघर के लिए 4 गाड़ियों की व्यवस्था की गई अब लगातार अप्रैल महीने से यह कार्य जारी है.
हर महीने डाक विभाग के 30000 पेंशनरों को करोड़ों रुपए की पेंशन उपलब्ध करवाने के साथ ही उन पेंशनरों को भी पेंशन उपलब्ध करवाई जा रही है. जिनके खाते डाक विभाग के बजाय बैंक में मौजूद हैं, ताकि कोरोना काल में बुजुर्गों को घर से बाहर ना निकालना पड़े. उन्होंने कहा कि ऊना जिले कि सीमा के साथ लगते बिलासपुर और हमीरपुर जिला के कुछ एक क्षेत्रों में भी डिमांड के अनुसार घर द्वार पेंशनरों को पेंशन उपलब्ध करवाई जा रही है.
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