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कबाड़ का जुगाड़: हमीरपुर में फिजिक्स लेक्चरर ने वेस्ट से बना दी सैनिटाइजर सुरंग - सैनिटाइजर सुरंग

हमीरपुर के लगवान गांव के चार प्रगतिशील युवाओं ने कबाड़ से ये सैनिटाइजर सुरंग तैयार कर दी है. अब वे इसे विशेषज्ञों की देखरेख में गांव के चौराहे पर लगाना चाहते हैं, ताकि कर्फ्यू ढील के समय वहां आने वाले लोगों को लाभ मिले.

sanitizer tunnel from junk
सैनिटाइजर सुरंग
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Published : Apr 15, 2020, 6:47 PM IST

Updated : Apr 16, 2020, 6:22 PM IST

हमीरपुर: दुनिया भर में कोरोना वायरस को लेकर खौफ है, वहीं इससे बचाव के लिए सैनिटाइजेशन एक महत्वपूर्ण हथियार है. इन्सान को सैनिटाइज करने का एक उपकरण है सैनिटाइजर टनल. सैनिटाइजर टनल की चर्चा इन दिनों कई देश में हो रही है. कई जगह इनका इस्तेमाल भी किया जा रहा है.

वहीं, हमीरपुर के लगवान गांव के चार प्रगतिशील युवाओं ने कबाड़ से ये सैनिटाइजर सुरंग तैयार कर दी है. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिक्कर खतरियां में फिजिक्स के प्रवक्ता अजय शर्मा की देखरेख में सिर्फ तीन दिन में बनी इस सुरंग में पंचायती राज विभाग के कनिष्ठ अभियंता पंकज कानूनगो, कनिष्ठ अभियंता सुनील और मिस्त्री शेर सिंह का भी योगदान रहा.

वीडियो.

ईटीवी भारत संवाददाता गांव लगवान पहुंचे और कबाड़ से तैयार की गई इस सेनिटाइजर टनल के निर्माताओं से बात की. फिजिक्स लेक्चरर अजय शर्मा ने बताया कि टीम ने इसका ट्रायल कर लिया है. अब वे इसे विशेषज्ञों की देखरेख में गांव के चौराहे पर लगाना चाहते हैं, ताकि कर्फ्यू ढील के समय वहां आने वाले लोगों को लाभ मिले. इनका मानना है कि प्रशासन चाहे तो इसे अपने अधीन लेकर जिला अस्पताल या कहीं भी प्रयोग कर सकता है और वे ऐसी और सुरंगें भी बना सकते हैं.

सुरंग बनाने लिए युवाओं ने यहां पॉलीहाउस में बेकार पड़ी पाइप, टैंट हाउस के बेकार सामान से ढांचा और बेकार विज्ञापन बोर्डों से इसे कवर किया. टुल्लू पंप घर का प्रयोग किया. करीब सात फीट लंबी, तीन फीट चौड़ी और नौ फीट ऊंची सुरंग में सैनिटाइजर स्प्रे के लिए 24 प्वाइंट हैं. इससे एक व्यक्ति सिर से पांव तक आधे से एक मिनट में बिना भीगे सैनिटाइज हो सकता है.

अजय शर्मा ने बताया कि इसका आइडिया उन्हें छोटे सैनिटाइजर के स्प्रे से मिला.टनल को घर पर ही बनाया गया. कर्फ्यू ढील के समय कबाड़ जुटाया गया और इसे बनाया. शारीरिक दूरी का पूरा ख्याल रखा गया. जब एक व्यक्ति काम कर रहा होता था तो अन्य दूर खड़े हो जाते. उसके बाद दूसरा सैनिटाइजर लगाकर काम करता.उनका कहना है कि सरकार टनल को जिला अस्तपाल में लगाना चाहे तो हमें खुशी होगी. फिलहाल इसे गांव में लगाने की योजना है.

ये भी पढ़ें: कोरोना की मार...कैसे कांगड़ा-टी निकलेगी हिमाचल से बाहर, बागानों में ही मुरझा रही पत्तियां

हमीरपुर: दुनिया भर में कोरोना वायरस को लेकर खौफ है, वहीं इससे बचाव के लिए सैनिटाइजेशन एक महत्वपूर्ण हथियार है. इन्सान को सैनिटाइज करने का एक उपकरण है सैनिटाइजर टनल. सैनिटाइजर टनल की चर्चा इन दिनों कई देश में हो रही है. कई जगह इनका इस्तेमाल भी किया जा रहा है.

वहीं, हमीरपुर के लगवान गांव के चार प्रगतिशील युवाओं ने कबाड़ से ये सैनिटाइजर सुरंग तैयार कर दी है. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिक्कर खतरियां में फिजिक्स के प्रवक्ता अजय शर्मा की देखरेख में सिर्फ तीन दिन में बनी इस सुरंग में पंचायती राज विभाग के कनिष्ठ अभियंता पंकज कानूनगो, कनिष्ठ अभियंता सुनील और मिस्त्री शेर सिंह का भी योगदान रहा.

वीडियो.

ईटीवी भारत संवाददाता गांव लगवान पहुंचे और कबाड़ से तैयार की गई इस सेनिटाइजर टनल के निर्माताओं से बात की. फिजिक्स लेक्चरर अजय शर्मा ने बताया कि टीम ने इसका ट्रायल कर लिया है. अब वे इसे विशेषज्ञों की देखरेख में गांव के चौराहे पर लगाना चाहते हैं, ताकि कर्फ्यू ढील के समय वहां आने वाले लोगों को लाभ मिले. इनका मानना है कि प्रशासन चाहे तो इसे अपने अधीन लेकर जिला अस्पताल या कहीं भी प्रयोग कर सकता है और वे ऐसी और सुरंगें भी बना सकते हैं.

सुरंग बनाने लिए युवाओं ने यहां पॉलीहाउस में बेकार पड़ी पाइप, टैंट हाउस के बेकार सामान से ढांचा और बेकार विज्ञापन बोर्डों से इसे कवर किया. टुल्लू पंप घर का प्रयोग किया. करीब सात फीट लंबी, तीन फीट चौड़ी और नौ फीट ऊंची सुरंग में सैनिटाइजर स्प्रे के लिए 24 प्वाइंट हैं. इससे एक व्यक्ति सिर से पांव तक आधे से एक मिनट में बिना भीगे सैनिटाइज हो सकता है.

अजय शर्मा ने बताया कि इसका आइडिया उन्हें छोटे सैनिटाइजर के स्प्रे से मिला.टनल को घर पर ही बनाया गया. कर्फ्यू ढील के समय कबाड़ जुटाया गया और इसे बनाया. शारीरिक दूरी का पूरा ख्याल रखा गया. जब एक व्यक्ति काम कर रहा होता था तो अन्य दूर खड़े हो जाते. उसके बाद दूसरा सैनिटाइजर लगाकर काम करता.उनका कहना है कि सरकार टनल को जिला अस्तपाल में लगाना चाहे तो हमें खुशी होगी. फिलहाल इसे गांव में लगाने की योजना है.

ये भी पढ़ें: कोरोना की मार...कैसे कांगड़ा-टी निकलेगी हिमाचल से बाहर, बागानों में ही मुरझा रही पत्तियां

Last Updated : Apr 16, 2020, 6:22 PM IST
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