हमीरपुर: बिना हेलमेट दुपहिया वाहन की सवारी जान जोखिम में डालना है. सड़क हादसों में सबसे ज्यादा गंभीर रूप से शिकार दुपहिया वाहन चालक ही होते हैं. सावधानी के साथ सुरक्षा की कमी के कारण छोटा सा हादसा भी जानलेवा साबित हो सकता है. पुलिस की तरफ से वक्त-वक्त पर इसके लिए जागरुकता अभियान भी चलाए जाते हैं. कई बार पुलिस सख्ती दिखाते हुए चालान भी करती है लेकिन कई लोग नियमों की अनदेखी करते हैं.
हमीरपुर में बढ़ रहा डबल हेलमेट का चलन
जिला हमीरपुर में बीते एक साल में डबल हेलमेट का चलन बढ़ रहा है. यानि दुपहिया वाहन पर सवार दोनों लोग हेलमेट पहन रहे हैं. इसके लिए पुलिस की सख्ती और जागरुकता अभियान दोनों ही जिम्मेदार है. दरअसल दुपहिया वाहन पर सवार लोगों को एक छोटे से हादसे में भी गंभीर और जानलेवा चोट लग सकती है इसलिये पुलिस से लेकर सड़क सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञ तक हर कोई दुपहिया वाहन चालक व सवार दोनों को हेलमेट पहनने की सलाह देते हैं.
हमीरपुर में हादसे कम हुए, चालान बढ़े
साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में हमीरपुर जिले में सड़क हादसों में 5 से 6 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. एसपी कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन के मुताबिक साल 2020 में हादसों की कमी की वजह लॉकडाउन भी हो सकता है लेकिन हादसों में आई ये कमी पुलिस के जागरुकता अभियान और चालान दोनों का नतीजा भी है.
आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में हादसे कम हुए लेकिन पुलिस ने इस दौरान चालान ज्यादा काटे.साल 2019 में यातायात के नियमों के उल्लंघन पर जिला भर में कुल 81,617 चालान जिला पुलिस द्वारा किए गए थे जबकि साल 2020 में 83,448 चालान काटे गए.
दुपहिया वाहनों पर विशेष नजर
हमीरपुर पुलिस की तरफ से समय-समय पर जागरुकता अभियान या सड़क सुरक्षा से जुड़े कार्यक्रम चलाए जाते हैं. इस दौरान पुलिस वाहन चालकों खासकर दुपहिया वाहन चालकों को यातायात से जुड़े नियमों के बारे में जागरुक करती है. दुपहिया वाहन चालकों को खासतौर पर हेलमेट पहनने, रफ्तार कम रखने जैसे सुरक्षा से जुड़ी सावधानियों को बारे में बताया जाता है.
जागरुकता अभियान के अलावा पुलिस सख्ती भी बरतती है और दुपहिया वाहन चालकों पर विशेष नजर रखते हुए उनके चालान काटती है. जिले में यातायात नियमों की पालना के लिए पिछले एक साल में पुलिस ने सख्ती भी बढ़ाई है जिसका असर सड़क पर दिखता भी है. बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाना, दुपहिया वाहन पर दो से अधिक सवारियां होने, ओवर स्पीडिंग, ड्रंक एंड ड्राइव जैसे मामलों में पुलिस सख्ती बरतती है और चालान करती है.
क्या कहते हैं एसपी?
आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 के मुकाबले 2020 में पुलिस ने ज्यादा चालान काटे हैं. ड्रंक एंड ड्राइव, सीट बेल्ट, ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड जैसे चालान कम हुए हैं लेकिन रैश ड्राइविंग, वाहन चलानेके दौरान मोबाइल के इस्तेमाल, ओवर स्पीडिंग के चालानों में बढ़ोतरी देखी गई है.
हमीरपुर पुलिस अधीक्षक कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन कहते हैं कि ओवर स्पीडिंग, ड्रंक एंड ड्राइव, हेलमेट ना पहनना और कई बार सड़कों पर अंधे मोड़ और ढलान भी हादसों की वजह बनते हैं. इसलिये पुलिस लोगों को यातायात के नियमों के लिए जागरुक भी कर रही है और उल्लंघन करने वालों के चालान भी काटे जा रहे हैं. खासकर दुपहिया वाहन चालकों पर पुलिस की पैनी नजर है इसलिये दुपहिया वाहन पर सवार दोनों लोगों को हेलमेट पहनने के लिए पुलिस सोशल मीडिया से लेकर प्रत्यक्ष रूप से भी जागरुक कर रही है और चालान भी काट रही है.