हमीरपुर: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर अब परीक्षा सुधार पर मिलकर काम करेंगे. इसके लिए एआईसीटीई और तकनीकी विवि प्राध्यापकों के लिए मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा. एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. अनिल डी सहस्त्रबुध्दे और तकनीकी विवि के कुलपति प्रो एसपी बंसल ने ऑनलाइन समझौते पर साइन किए.
एमओयू में प्राध्यापकों को एनआईटीटीटी (तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय पहल) के मापदंडों के मुताबिक प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा संज्ञानात्मक कौशल और रचनात्मक सोच एनबीए मान्यता और उसकी प्रक्रियाओं समस्याओं की पहचान कर उसे समाधान के लिए दृष्टिकोण विकसित करने एआईसीटीई के निर्धारित मॉडल पाठ्यक्रम के बारे में प्रशिक्षण देने का प्रावधान रहेगा.
प्राध्यापकों को कार्यशाला में नवाचार और स्टार्ट-अप के प्रारंभिक चरण में बौद्धिक संपदा प्रबंधन करने सहित मितव्ययी नवाचार और सामाजिक उद्यमशीलता के बारे में विशेषज्ञ जानकारी देंगे. एआईसीटीई और तकनीकी विवि पहले प्राध्यापकों को प्रशिक्षण देगा जो फिर छात्रों के माध्यम से समाज के लोगों को जागरूक करेंगे.
कुलपति ने कहा कि समझौते के तहत जल्द ही तकनीकी विवि पहली पांच दिवसीय आवासीय कार्यशाला का आयोजन करेगा, जिसमें तकनीकी विवि से संबंधित 40 शिक्षण संस्थानों के प्राध्यापक शिरकत करेंगे. उन्होंने कहा कि एआईसीटीई और तकनीकी विवि में बीच हुए एमओयू से प्राध्यापक और विद्यार्थियों में मिलकर नए कार्य करने की कला विकसित की जाएगी, जिससे नवाचार और नए आइडिया पर काम किया जाएगा.
इससे रोजगार की संभावना बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि तकनीकी विवि ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए एआईसीटीई के साथ प्राध्यापकों के प्रशिक्षण को लेकर एमओयू साइन किया है. उन्होंने कहा कि एआईसीटीई और तकनीकी विवि के बीच पांच साल के लिए एमओयू हुआ है, जिसके लिए एआईसीटीई प्रति प्रशिक्षण कार्यक्रम डेढ़ लाख रुपये की ग्रांट देगी.
कुलपति ने कहा कि तकनीकी विवि हमीरपुर जल्द ही पहली पांच दिवसीय आवासीय कार्यशाला आयोजित करेगा, जिसमें विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को बतौर स्त्रोत व्यक्ति के रूप में बुलाया जाएगा.