हमीरपुर: जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था चरम पर है. हालात ऐसे हैं कि मरीजों को दाखिल तो कर लिया जाता है, लेकिन उन्हें यह नहीं बताया जाता है कि उनका बेड नंबर क्या है. अस्पताल में मंगलवार को 3 माह की गर्भवती एक महिला का अबॉर्शन किया गया है. अबॉर्शन के बाद महिला मरीज को ओटी से सीधा वार्ड में भेज दिया गया. वार्ड में बिस्तर नहीं मिलने की वजह से महिला को मजबूरन ठंडे फर्श पर लेटना पड़ा. यह हाल उस जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था का है. जिससे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ताल्लुक रखते हैं. हालांकि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर खुद भी कई बार खुले मंच से मेडिकल कॉलेज में फैली अव्यवस्थाओं को जाहिर कर चुके हैं.
लापरवाह अस्पताल प्रबंधन और सुविधाओं की कमी मरीजों पर इस कदर भारी पड़ रही है कि गर्भवती सोमादेवी जो कि राजस्थान की रहने वाली हैं, करीब 2 घंटे तक अस्पताल के फर्श पर लेटी हुई नजर आईं. गर्भ में समस्या होने की वजह से उनका अबॉर्शन किया गया है. इसके बाद वार्ड में बिना किसी बिस्तर के ठंडे फर्श पर लेटने को मजबूर हैं. पति साथ है, लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई तक नहीं हो रही है. सोमा से जब पूछने की कोशिश की गई तो वह महज इतना ही बोल पाती हैं कि मेरा नाम सोमा है. महिला की हालत इतनी खराब थी कि उससे कुछ ज्यादा पूछना भी मुनासिब नहीं था. महिला को यह भी मालूम नहीं था कि उसे दाखिल किया गया है या फिर घर जाने के लिए कहा गया है. पति इधर उधर भटक रहा है लेकिन उसे भी कोई संतोषजनक जवाब कहीं से नहीं मिल पा रहा है.
वहीं, उत्तर प्रदेश के रहने वाला रोहताव अपनी गर्भवती पत्नी किरण को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचा था. पत्नी को बीपी की समस्या होने के कारण वे शनिवार से अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं. अंततः मंगलवार को उन्हें चेकअप के बाद डॉक्टर ने दाखिल तो कर लिया लेकिन दोनों पति पत्नी गायनी वार्ड में डॉक्टर नर्स और आने जाने वाले हर व्यक्ति का मुंह ताकते रहे. उन्हें यह बताने वाला नहीं है कि उन्हें कौन सा वार्ड नंबर मिला है. कोई बताए भी तो कैसे इस वार्ड में 40 बेड हैं और 78 मरीज पहले से ही दाखिल हैं.
मरीज किरण कहती हैं कि वह शनिवार को भी अस्पताल में आई थीं. आज यानी मंगलवार की सुबह उन्हें एडमिट कर लिया गया है, लेकिन अभी तक ना तो उनका चेकअप किया गया है और ना ही उन्हें बेड नंबर की जानकारी दी गई है जिस पर उन्हें दाखिल किया गया है.
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रोहताव कहते हैं कि सभी टेस्ट तो कर लिए गए हैं. डॉक्टर ने 4:00 बजे चेकअप करने की बात कही है. अभी तक तो कोई उनसे बातचीत नहीं कर रहा है. उनकी पत्नी को एडमिट कर लिया गया है, लेकिन अभी तक बेड नहीं मिल पाया है. पहले ही डॉक्टर ने 3:00 बजे चेक करने के लिए कहा और अब 4:00 बजे का समय दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
मेडिकल कॉलेज में फैली अव्यवस्था को लेकर जब चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चौहान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि गायनी वार्ड में 40 बेड हैं. वार्ड में इस वक्त दोगुना मरीज दाखिल हैं. जिसकी वजह से यहां आने वाले मरीजों को थोड़ी आसुविधा हो रही है.
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