हमीरपुर: भंग किए गए कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर पेपर लीक प्रकरण में आयोग के कर्ता धर्ता रहे पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को आखिरकार विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी को हमीरपुर में ही गिरफ्तार किया गया है. जिसे मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में मेडिकल करवाने के लिए ले जाए जा रहा है. आरोपी को बुधवार यानी आज हमीरपुर में अदालत में पेश किया जाएगा. जितेंद्र कंवर से विजिलेंस की टीम पिछले कई दिनों से लगातार पूछताछ कर रही थी. अधिकारी के गिरफ्तारी के प्रयास कई दिनों से लगाए जा रहे थे. सरकार की तरफ से पूर्व सचिव के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी 1 मार्च को प्रदेश सरकार की तरफ से दी गई थी. जिसके बाद अधिकारी को पेपर लीक प्रकरण में जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 965 मामले में दर्ज एफआईआर में नामजद किया गया था.
इस मामले में अधिकारी के खिलाफ पर्याप्त पुख्ता सबूत जांच में विजिलेंस को प्राप्त हुए हैं जिसके चलते देर से ही सही लेकिन 6 साल तक आयोग के सचिव रहे अधिकारी को विजिलेंस ने गिरफ्तार करने की हिम्मत दिखाई है. गौरतलब है कि 23 दिसंबर 2022 को पेपर लीक प्रकरण का विजिलेंस ने भंडाफोड़ किया था. मामले में कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात महिला कर्मचारी उमा आजाद समेत 6 लोगों पर केस दर्ज किया गया था जिसमें 2 अभ्यर्थी एक दलाल उमा आजाद के दो बेटे और घर पर काम करने वाला एक नौकर शामिल था. पेपर लीक प्रकरण में अभी तक 5 FIR अलग-अलग पांच पोस्ट कोड में दर्ज हो चुकी है. इस मामले में पूर्व सचिव का नाम जोड़ने के बाद लगातार यह कयास लगाए जा रहे थे कि विजिलेंस अधिकारी को गिरफ्तार करेगी, लेकिन लंबे समय से गिरफ्तारी टल रही थी.
आयोग के फंक्शनिंग सस्पेंड करने के बाद शिमला तलब किया गए थे पूर्व सचिव, लगातार हो रही थी पूछताछ: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को प्रदेश सरकार की तरफ से शिमला तलब किया गया था. इस बीच अधिकारी को विजिलेंस हमीरपुर के तरफ से लगातार पूछताछ के लिए कार्यालय बुलाया गया इस बीच सरकार की तरफ से आयोग को पिछले दिनों भंग कर दिया गया. अभियोग चलाने के लिए सरकार की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद बिजनेस ने जांच को और तेज किया. आखिरकार केस दर्ज होने के साढ़े 3 महीने के बाद पूर्व सचिव को गिरफ्तार किया गया है.
पूर्व सचिव के पास ही था कंट्रोलर ऑफ एग्जाम का जिम्मा: आयोग के पूर्व सचिव के पास कंट्रोलर ऑफ एग्जाम का जिम्मा भी था. ऐसे में तमाम परीक्षाओं की जिम्मेदारी उनकी ही बनती थी. परीक्षाओं के आयोजन में गोपनीय शाखा में तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है इस शाखा में तैनात कर्मचारी पेपर लीक में मुख्य आरोपी पाए गए और अब आयोग के कर्ता धर्ता भी धरे गए हैं.