हमीरपुर: अब ग्रामीण स्तर पर क्लस्टर सैंपलिंग पर बल दिया जा रहा है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग को बढ़ाया भी है. इस दौरान विभाग द्वारा रैपिड एंटीजन टेस्टिंग पर अधिक जोर दिया जा रहा है, ताकि ऑन स्पॉट ही कोरोना संक्रमण के मामलों का पता चल सके.
स्वास्थ्य विभाग हमीरपुर ने जिले के 6 स्वास्थ्य उपमंडलों में गांव स्तर पर टेस्टिंग करने के निर्देश दिए हैं, ताकि गांव में कोरोना संक्रमण के मामलों का पता लगाया जा सके. हमीरपुर सीएमओ डॉ. आरके अग्निहोत्री ने बताया की उपमंडल स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को गांवों में टेस्टिंग बढ़ाने के लिए कहा गया है. इस दौरान क्लस्टर सैंपलिंग पर बल दिया गया है, ताकि संक्रमण को अधिक प्रभावी तरीके से रोका जा सके. एक से अधिक मामले निकलने पर पूरे क्षेत्र की टेस्टिंग पर ही बल दिया जा रहा है, ताकि संक्रमण को आगे फैलने से रोका जा सके.
कर्फ्यू लगने के बाद कम हुए केस
हमीरपुर जिला में कोरोना कर्फ्यू की शुरुआत में प्रति दिन औसतन 500 से 600 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे थे. वहीं, अब यह मामले प्रति दिन औसतन 100 से 150 के बीच ही रह गए हैं. गौरतलब है कि 1 जून से कोरोना कर्फ्यू में प्रदेश सरकार ने छूट देने का निर्णय लिया है. छूट मिलने के बाद कोरोना संक्रमण का ग्राफ किस दिशा में बढ़ता है यह देखना होगा.
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