हमीरपुरः नागरिकता बिल पर हिमाचल में सियासत गर्माने लगी है. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कांग्रेस को नसीहत दे डाली है.
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि नागरिकता बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास हो चुका है. और यह मोदी सरकार का तीसरा ऐतिहासिक फैसला है. इस फैसले का भाजपा पार्टी पर विश्वास रख सवा सौ करोड़ जनता इंतजार कर रही थी.
मोदी सरकार यह भलीभांति जानती है कि नागरिकता बिल देश को सुरक्षा को सशक्त बनाता है. कांग्रेस को इस बिल की अहमियत को समझना होगा कि यह बिल दूसरे देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों के लिए है जो उस देश में प्रताड़ित किए जा रहे हैं.
धूमल ने कहा कि कुछ अल्पसंख्यक नेताओं की राजनीति सिर्फ अल्पसंख्यक जनता को भड़का कर अपनी रोटियां सेक रहे हैं. कुछ मुट्ठी भर लोग होते हैं जो उनकी हां में हां मिलाते हैं, लेकिन ऐसी विचारधारा के लोगों को समझना होगा की देश बदल रहा है. इस देश के लोग बदल रहे हैं जिनकी विचारधारा देश के प्रति नहीं है उनसे गुजारिश है कि वह अपने आप को बदलें.
पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने कहा कि नागरिकता बिल से भारत देश में रहने वाले किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का कोई लेना देना नहीं है. वह देश के नागरिक है और हमेशा रहेंगे.
कांग्रेस पार्टी को समझना होगा कि शरणार्थी और घुसपैठिए में क्या फर्क होता है. दुनिया में अगर अल्पसंख्यक अगर सबसे ज्यादा कहीं सुरक्षित है तो वह भारत देश है.
अगर देश का विभाजन जिन्ना ने धर्म के आधार पर किया था तो कांग्रेस ने धर्म विभाजन को क्यों स्वीकार किया. कांग्रेस पार्टी व अन्य दल जो इस बिल के समर्थन में नहीं थे, उन्हें समझना होगा कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान इस्लामिक देश हैं.
किसी भी इस्लामिक देश में मुस्लिम समुदाय के लोग अल्पसंख्यक नहीं हो सकते और यह नागरिकता बिल अल्पसंख्यक लोगों के लिए है. जो इन इस्लामिक देशों में प्रताड़ित हो रहे हैं. नागरिकता बिल किसी भी धर्म को हनन नहीं करता है. भारत देश में रहने वाले हमारे मुस्लिम समुदाय के लोग देश के नागरिक हैं.