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वेतन नहीं मिला तो मां के क्रिया कर्म के लिए कर्मचारी ने GPF से मांगी राशि, आयोग से जवाब न मिलने से कर्मी निराश

कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को सरकार द्वारा भंग तो कर दिया गया है लेकिन कर्मचारियों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कर्मचारियों को फरवरी माह से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में कर्मी बेहद परेशान और हताश हैं. (dissolved SSC Hamirpur) (Employees of SSC Hamirpur have not received salary)

Employees of SSC Hamirpur have not received salary
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Published : Mar 21, 2023, 1:56 PM IST

कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है.

हमीरपुर: भंग किए जा चुके कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ गए हैं. हालात ऐसे हैं कि कर्मचारियों के पास परिजनों के क्रिया कर्म करने तक के पैसे नहीं हैं. कर्मचारी चयन आयोग के एक कर्मचारी की माता का पिछले दिनों देहांत हुआ था इस कर्मचारी के पास मां का क्रिया कर्म करने के लिए भी पर्याप्त पैसे नहीं हैं. आयोग को भंग कर दिया गया है लेकिन कर्मचारी हर दिन कार्यालय के बाहर पहुंच रहे हैं. इस कड़ी में मंगलवार को आयोग के कार्यालय के बाहर कर्मचारी एकत्र हुए और अपनी समस्याओं का दुखड़ा मीडिया कर्मियों के समक्ष रखा.

कर्मचारियों ने खुलासा करते हुए कहा कि आयोग में जो ओएसडी सरकार की तरफ से नियुक्त किया गया है वह उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है एक तरफ कार्मिक विभाग की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है तो दूसरी तरफ सरकार की तरफ से आयोग में लगाए गए ओएसडी उनके फोन तक नहीं उठाते हैं. ओएसडी से मुलाकात करने का प्रयास किया गया था लेकिन व्यस्तता के कारण उन्होंने मिलने का समय नहीं दिया है.

हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर कर्मचारी संघ के महासचिव जोगिंदर सिंह का कहना है कि फरवरी महीने का वेतन अभी तक कर्मचारियों को नहीं मिल सका है. उन्होंने कहा कि मार्च महीने का वेतन मिलना तो दूर जनवरी महीने का वेतन 20 फरवरी को मिला था. सरकार की तरफ से जो ओएसडी आयोग में लगाए गए हैं वह कर्मचारियों का फोन तक नहीं उठा रहे हैं. कर्मचारियों को स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं जारी किए गए हैं कि उन्हें किसे रिपोर्ट करना है. पिछले महीने कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन उनके पेंशन का केस भी सरकार को नहीं भेजा जा सकता है इस महीने भी कर्मचारी सेवानिवृत्त होने हैं.

एक कर्मचारी की माता का देहांत हुआ है उस कर्मचारी ने जीपीएफ के लिए आवेदन किया था. कर्मचारी के पास मां का क्रिया कर्म करने के लिए पैसे नहीं हैं. लेकिन उसे अभी तक पैसा नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि हर दिन कर्मचारी कार्यालय के बाहर पहुंच रहे हैं. आयोग भंग कर दिया गया है लेकिन कर्मचारी किसे रिपोर्ट करेंगे यह स्पष्ट नहीं किया गया है. ओएसडी से मिलने के लिए पिछले कल कर्मचारी पहुंचे थे लेकिन बैठक की व्यवस्था बताकर उन्होंने मुलाकात नहीं की. वेतन को लेकर जब कार्मिक विभाग से संपर्क किया जाता है तो वह ओएसडी से बातचीत करने के निर्देश देते हैं लेकिन ओएसडी की तरफ से उन्हें कार्मिक विभाग से संपर्क करने की सलाह दी जाती है.

गौरतलब है कि पिछले दिनों कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग किया गया है आयोग पेपर लीक मामले में लंबे समय से जांच चल रही है सरकार की तरफ से हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अनुपम ठाकुर को आयोग के ओएसडी का जिम्मा सौंपा गया है.

ये भी पढ़ें: सुक्खू सरकार के 100 दिन पूरे: सीमेंट विवाद था सबसे बड़ी चुनौती, 69 दिनों में सुलझा था मामला

कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है.

हमीरपुर: भंग किए जा चुके कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ गए हैं. हालात ऐसे हैं कि कर्मचारियों के पास परिजनों के क्रिया कर्म करने तक के पैसे नहीं हैं. कर्मचारी चयन आयोग के एक कर्मचारी की माता का पिछले दिनों देहांत हुआ था इस कर्मचारी के पास मां का क्रिया कर्म करने के लिए भी पर्याप्त पैसे नहीं हैं. आयोग को भंग कर दिया गया है लेकिन कर्मचारी हर दिन कार्यालय के बाहर पहुंच रहे हैं. इस कड़ी में मंगलवार को आयोग के कार्यालय के बाहर कर्मचारी एकत्र हुए और अपनी समस्याओं का दुखड़ा मीडिया कर्मियों के समक्ष रखा.

कर्मचारियों ने खुलासा करते हुए कहा कि आयोग में जो ओएसडी सरकार की तरफ से नियुक्त किया गया है वह उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है एक तरफ कार्मिक विभाग की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है तो दूसरी तरफ सरकार की तरफ से आयोग में लगाए गए ओएसडी उनके फोन तक नहीं उठाते हैं. ओएसडी से मुलाकात करने का प्रयास किया गया था लेकिन व्यस्तता के कारण उन्होंने मिलने का समय नहीं दिया है.

हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर कर्मचारी संघ के महासचिव जोगिंदर सिंह का कहना है कि फरवरी महीने का वेतन अभी तक कर्मचारियों को नहीं मिल सका है. उन्होंने कहा कि मार्च महीने का वेतन मिलना तो दूर जनवरी महीने का वेतन 20 फरवरी को मिला था. सरकार की तरफ से जो ओएसडी आयोग में लगाए गए हैं वह कर्मचारियों का फोन तक नहीं उठा रहे हैं. कर्मचारियों को स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं जारी किए गए हैं कि उन्हें किसे रिपोर्ट करना है. पिछले महीने कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन उनके पेंशन का केस भी सरकार को नहीं भेजा जा सकता है इस महीने भी कर्मचारी सेवानिवृत्त होने हैं.

एक कर्मचारी की माता का देहांत हुआ है उस कर्मचारी ने जीपीएफ के लिए आवेदन किया था. कर्मचारी के पास मां का क्रिया कर्म करने के लिए पैसे नहीं हैं. लेकिन उसे अभी तक पैसा नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि हर दिन कर्मचारी कार्यालय के बाहर पहुंच रहे हैं. आयोग भंग कर दिया गया है लेकिन कर्मचारी किसे रिपोर्ट करेंगे यह स्पष्ट नहीं किया गया है. ओएसडी से मिलने के लिए पिछले कल कर्मचारी पहुंचे थे लेकिन बैठक की व्यवस्था बताकर उन्होंने मुलाकात नहीं की. वेतन को लेकर जब कार्मिक विभाग से संपर्क किया जाता है तो वह ओएसडी से बातचीत करने के निर्देश देते हैं लेकिन ओएसडी की तरफ से उन्हें कार्मिक विभाग से संपर्क करने की सलाह दी जाती है.

गौरतलब है कि पिछले दिनों कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग किया गया है आयोग पेपर लीक मामले में लंबे समय से जांच चल रही है सरकार की तरफ से हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अनुपम ठाकुर को आयोग के ओएसडी का जिम्मा सौंपा गया है.

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