हमीरपुर: जिला उपभोक्ता फोरम हमीरपुर में एक चश्मा विक्रेता को 17 हजार रुपए हर्जाना भरने के आदेश दिए हैं. साथ ही उपभोक्ता से चश्मा बनाने की एवज में लिए गए 44058 रुपये को नौ फीसदी ब्याज सहित वापस करने के आदेश दिए हैं. जिला कंज्यूमर फोरम के अध्यक्ष भुवनेश अवस्थी, फोरम के सदस्य कंचन बाला और सुशील शर्मा ने उपभोक्ता के शिकायत पत्र पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए हैं.
नकली चश्मे की वजह से कम हुई आंखों की रोशनी
हमीरपुर निवासी सुनील कौंडल ने नेत्र विशेषज्ञ की सलाह पर अपने पिता के लिए हमीरपुर के एक चश्मा विक्रेता से अक्तूबर 2013 में 44,058 रुपए की कीमत का एक चश्मा खरीदा था. चश्मा विक्रेता ने चश्मा खरीदने के वक्त व्यक्ति को बताया कि यह चश्मा नामी कंपनी का है और इससे आंखों की दृष्टि पूरी तरह से सेट हो जाएगी, लेकिन चश्मा पहनने के बाद उपभोक्ता की आंखों की रोशनी कम होने लगी. इसके बाद जब उपभोक्ता ने अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि कंपनी का चश्मा न होने के कारण आंखों की रोशनी कम हो गई है.
चश्मा विक्रेता को 9 प्रतिशत ब्याज पर लौटाने होंगे 44,058 रुपए
उपभोक्ता ने ऑनलाइन सर्च कर कंपनी का नाम पता ढूंढा और उनसे संपर्क किया, लेकिन कंपनी ने बताया कि उनका हिमाचल में कोई भी शोरूम या अधिकृत विक्रय केंद्र नहीं है. इस मामले को लेकर उपभोक्ता ने जिला कंज्यूमर फोरम हमीरपुर में शिकायत दर्ज करवाई. मामले पर सुनवाई करते हुए कंज्यूमर फोरम ने दुकानदार को 44,058 रुपए नौ फीसदी ब्याज के साथ लौटाने के आदेश दिए. साथ ही 10 हजार रुपये मानसिक प्रताड़ना का हर्जाना और सात हजार रुपये कानूनी खर्च देने के भी आदेश दिए. कंज्यूमर फोरम ने कहा कि निर्धारित समय के भीतर उपरोक्त राशि का भुगतान न करने पर दुकानदार को प्रतिदिन 200 रुपये के हिसाब से जुर्माना देना होगा.
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