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Carnation Cultivation In Hamirpur: हमीरपुर बन रहा फूल उत्पादन का हब, कारनेशन की खेती से बागवान बने लखपति

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Published : Jun 4, 2023, 8:47 PM IST

हमीरपुर में कारनेशन फूलों की खेती कर युवा बागवान ने लाखों रुपए कमाकर मिसाल कायम की है. शिव कुमार ने फूलों की खेती कर स्वरोजगार को अपनाया है. इसके साथ ही उन्होंने कई बेरोजगारों को भी रोजगार दिया है. शिव कुमार के पॉलीहाउस में उगाए कारनेशन देशभर में बेहतर दाम में बिक रहे हैं.

Carnation Flowers In Hamirpur
हमीरपुर का युवा बागबान कारनेशन फूलों की खेती कर बना लखपति,
हमीरपुर बन रहा फूल उत्पादन का हब

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के युवा बागवान इन दिनों कारनेशन फूलों की खेती कर लाखों की कमाई कर रहे हैं. इसी के साथ वह प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार की राह भी दिखा रहे हैं. इन्ही युवा बागवानों में से एक हैं हमीरपुर जिले के उखली गांव निवासी शिवकुमार. जिन्होंने फूलों की खेती कर अपने आर्थिक जीवन को सुदृढ़ किया है. शिव ने न सिर्फ स्वरोजगार को अपनाया है, बल्कि कई बेरोजगारों को भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं. साल 2018 में शिव कुमार ने 1000 वर्ग मीटर एरिया में पॉलीहाउस लगाकर कारनेशन फूलों की खेती शुरू की. हालांकि, कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन अब वह लाखों रुपए कमा रहे हैं. आज उनके बागवान में उगाए गए फूल दिल्ली सहित कई राज्यों में अपनी महक बिखेर रहे हैं.

फूलों की खेती से शिव कुमार बने लखपति: शिव कुमार हर साल अब 5 से 8 लाख से अधिक की कमाई कर रहे हैं. 1000 वर्ग मीटर एरिया में 5 साल पहले शिव कुमार ने कारनेशन प्रजाति के फूलों की खेती शुरू की थी. इन फूलों की मेट्रो सिटी में खासी डिमांड रहती है. ऐसे में फूलों की खेती आपको भी मालामल बना सकती है. 5 साल पहले शिव कुमार ने सरकार की पुष्प क्रांति योजना का लाभ उठा कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. स्वरोजगार के साथी शिव कुमार कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. 1000 वर्ग मीटर के पोलीहाउस फूलों की खेती शुरू करने वाले शिवकुमार ने अब 3000 वर्ग मीटर एरिया में फूलों की खेती शुरू कर दी है. वर्तमान में वह 4 लोगों को रोजगार दे रहे थे जबकि कार्य करने पर वह 8 से अधिक लोगों को रोजगार देंगे. 1000 वर्ग मीटर एरिया में फूलों की खेती से वह ₹5 से 8 लाख कमा रहे हैं. जबकि आने वाले दिनों में सालाना 15 से 20 लाख रुपए कमाने का लक्ष्य है.

हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत सब्सिडी: हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के अंतर्गत शिव कुमार को विभाग की तरफ से 28 लाख के सब्सिडी दी जा रही है. लगभग 40 लाख का प्रोजेक्ट लगाकर शिवकुमार स्वरोजगार के साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. शिव कुमार अपने गांव में ही सब्जी बेचकर जैसे-तैसे परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे. सुबह से लेकर शाम तक सब्जी की बिक्री से होने वाली आय और कृषि योग्य थोड़ी सी जमीन से पत्नी वंदना, बूढ़ी माता और बेटियों वाले परिवार का गुजारा मुश्किल से हो पा रहा था. आय का कोई अन्य साधन नजर नहीं आ रहा था. मुश्किल के दौर का सामना करने पर शिवकुमार को पुष्ट क्रांति योजना में राह नजर आई. शिव कुमार ने बताया कि 85 प्रतिशत अनुदान वाली इस योजना के माध्यम से किसानों-बागवानों को इतनी मदद मिलती है, जितनी मदद शायद उनके अपने सगे-संबंधी भी नहीं कर सकते हैं.

Carnation Flowers In Hamirpur
हमीरपुर जिला में फूलों की खेती

30 बागवानों को दिया गया प्रशिक्षण: हमीरपुर जिला में 30 बागवानों को कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में सात दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है. यहां से शिव कुमार ने प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद पॉलीहाउस में कारनेशन फूल की खेती आरंभ की. जिसकी दिल्ली जैसे बड़े शहरों में काफी मांग रहती है. शिव कुमार का यह प्रयोग पूरी तरह कामयाब रहा और उन्हें एक पॉलीहाउस से ही अच्छी आमदनी होने लगी. आजकल वह पांच से सात लाख रुपये तक के कारनेशन फूल बेच रहे हैं. इससे न केवल शिव कुमार के परिवार की आजीविका चल रही है, बल्कि कई अन्य लोगों को भी रोजगार मिल रहा है.

हमीरपुर में 75000 वर्ग मीटर में फूल उत्पादन: उद्यान विभाग हमीरपुर के उप निदेशक डॉक्टर राजेश्वर परमार का कहना है कि पुष्प क्रांति योजना के तहत 75000 वर्ग मीटर एरिया कवर किया गया है. पिछले साल प्रदेश के लगभग 30 बागवानों को एक करोड़ के लगभग सब्सिडी दी गई है. 30 बागवानों को हाल ही में पुष्प उत्पादन के सिलसिले में प्रशिक्षण दिया गया है. साल 2018 में शिव कुमार ने 1000 वर्ग मीटर एरिया में पॉलीहाउस लगाकर कारनेशन फूलों की खेती शुरू की थी. शुरू में लॉकडाउन के वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा लेकिन अंततः अब वह लाखों रुपए कमा रहे हैं.

दिल्ली में कारनेशन की बड़ी डिमांड: कृषि उपनिदेशक डॉ राजेश्वर परमार ने कहा कि पुष्प का सबसे बड़ा बाजार दिल्ली में है और यहां पर फूलों के बेहतर दाम पुष्प उत्पादकों को मिल रहे हैं. पुष्प उत्पादकों को बाजार तक फुल पहुंचाने के लिए ट्रेंड किया गया है और हमीरपुर जिला में वर्तमान में 100 किसान इसकी खेती कर रहे हैं. यह सभी किसान मिलकर दिल्ली में फूल पहुंचाते हैं और यहां पर बेहतर दाम मिल रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में पौधों की जांच के लिए बनेगी लैब, विदेशी पौधों की होगी स्कैनिंग

हमीरपुर बन रहा फूल उत्पादन का हब

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के युवा बागवान इन दिनों कारनेशन फूलों की खेती कर लाखों की कमाई कर रहे हैं. इसी के साथ वह प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार की राह भी दिखा रहे हैं. इन्ही युवा बागवानों में से एक हैं हमीरपुर जिले के उखली गांव निवासी शिवकुमार. जिन्होंने फूलों की खेती कर अपने आर्थिक जीवन को सुदृढ़ किया है. शिव ने न सिर्फ स्वरोजगार को अपनाया है, बल्कि कई बेरोजगारों को भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं. साल 2018 में शिव कुमार ने 1000 वर्ग मीटर एरिया में पॉलीहाउस लगाकर कारनेशन फूलों की खेती शुरू की. हालांकि, कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन अब वह लाखों रुपए कमा रहे हैं. आज उनके बागवान में उगाए गए फूल दिल्ली सहित कई राज्यों में अपनी महक बिखेर रहे हैं.

फूलों की खेती से शिव कुमार बने लखपति: शिव कुमार हर साल अब 5 से 8 लाख से अधिक की कमाई कर रहे हैं. 1000 वर्ग मीटर एरिया में 5 साल पहले शिव कुमार ने कारनेशन प्रजाति के फूलों की खेती शुरू की थी. इन फूलों की मेट्रो सिटी में खासी डिमांड रहती है. ऐसे में फूलों की खेती आपको भी मालामल बना सकती है. 5 साल पहले शिव कुमार ने सरकार की पुष्प क्रांति योजना का लाभ उठा कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. स्वरोजगार के साथी शिव कुमार कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. 1000 वर्ग मीटर के पोलीहाउस फूलों की खेती शुरू करने वाले शिवकुमार ने अब 3000 वर्ग मीटर एरिया में फूलों की खेती शुरू कर दी है. वर्तमान में वह 4 लोगों को रोजगार दे रहे थे जबकि कार्य करने पर वह 8 से अधिक लोगों को रोजगार देंगे. 1000 वर्ग मीटर एरिया में फूलों की खेती से वह ₹5 से 8 लाख कमा रहे हैं. जबकि आने वाले दिनों में सालाना 15 से 20 लाख रुपए कमाने का लक्ष्य है.

हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत सब्सिडी: हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के अंतर्गत शिव कुमार को विभाग की तरफ से 28 लाख के सब्सिडी दी जा रही है. लगभग 40 लाख का प्रोजेक्ट लगाकर शिवकुमार स्वरोजगार के साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. शिव कुमार अपने गांव में ही सब्जी बेचकर जैसे-तैसे परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे. सुबह से लेकर शाम तक सब्जी की बिक्री से होने वाली आय और कृषि योग्य थोड़ी सी जमीन से पत्नी वंदना, बूढ़ी माता और बेटियों वाले परिवार का गुजारा मुश्किल से हो पा रहा था. आय का कोई अन्य साधन नजर नहीं आ रहा था. मुश्किल के दौर का सामना करने पर शिवकुमार को पुष्ट क्रांति योजना में राह नजर आई. शिव कुमार ने बताया कि 85 प्रतिशत अनुदान वाली इस योजना के माध्यम से किसानों-बागवानों को इतनी मदद मिलती है, जितनी मदद शायद उनके अपने सगे-संबंधी भी नहीं कर सकते हैं.

Carnation Flowers In Hamirpur
हमीरपुर जिला में फूलों की खेती

30 बागवानों को दिया गया प्रशिक्षण: हमीरपुर जिला में 30 बागवानों को कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में सात दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है. यहां से शिव कुमार ने प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद पॉलीहाउस में कारनेशन फूल की खेती आरंभ की. जिसकी दिल्ली जैसे बड़े शहरों में काफी मांग रहती है. शिव कुमार का यह प्रयोग पूरी तरह कामयाब रहा और उन्हें एक पॉलीहाउस से ही अच्छी आमदनी होने लगी. आजकल वह पांच से सात लाख रुपये तक के कारनेशन फूल बेच रहे हैं. इससे न केवल शिव कुमार के परिवार की आजीविका चल रही है, बल्कि कई अन्य लोगों को भी रोजगार मिल रहा है.

हमीरपुर में 75000 वर्ग मीटर में फूल उत्पादन: उद्यान विभाग हमीरपुर के उप निदेशक डॉक्टर राजेश्वर परमार का कहना है कि पुष्प क्रांति योजना के तहत 75000 वर्ग मीटर एरिया कवर किया गया है. पिछले साल प्रदेश के लगभग 30 बागवानों को एक करोड़ के लगभग सब्सिडी दी गई है. 30 बागवानों को हाल ही में पुष्प उत्पादन के सिलसिले में प्रशिक्षण दिया गया है. साल 2018 में शिव कुमार ने 1000 वर्ग मीटर एरिया में पॉलीहाउस लगाकर कारनेशन फूलों की खेती शुरू की थी. शुरू में लॉकडाउन के वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा लेकिन अंततः अब वह लाखों रुपए कमा रहे हैं.

दिल्ली में कारनेशन की बड़ी डिमांड: कृषि उपनिदेशक डॉ राजेश्वर परमार ने कहा कि पुष्प का सबसे बड़ा बाजार दिल्ली में है और यहां पर फूलों के बेहतर दाम पुष्प उत्पादकों को मिल रहे हैं. पुष्प उत्पादकों को बाजार तक फुल पहुंचाने के लिए ट्रेंड किया गया है और हमीरपुर जिला में वर्तमान में 100 किसान इसकी खेती कर रहे हैं. यह सभी किसान मिलकर दिल्ली में फूल पहुंचाते हैं और यहां पर बेहतर दाम मिल रहे हैं.

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