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KCC बैंक में किराए के नाम पर लाखों की लूट, MLA राजेंद्र राणा ने पूर्व निदेशक पर लगाए आरोप

राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने केंद्रीय कांगड़ा बैंक में सत्ता का दुरुपयोग करके नियमों को ताक पर रखकर बैंक के संसाधनों को लूटने का आरोप एक पूर्व बैंक निदेशक पर लगाया है.

राजेंद्र राणा, विधायक
राजेंद्र राणा, विधायक
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Published : Sep 25, 2020, 8:06 AM IST

सुजानपुर: केंद्रीय कांगड़ा बैंक में सत्ता का दुरुपयोग करके नियमों को ताक पर रखकर किस तरह बैंक के संसाधनों को लूटा जा रहा है. राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने ये बात जारी प्रेस बयान में कही. उन्होंने कहा कि बैंक के चेयरमैन को कागजों की हेरा-फेरी में किस तरह लाखों का लाभ केंद्रीय कांगड़ा बैंक ने दिया है. इस मामले पर वह पहले आवाज उठा चुके हैं.

बैंक की भ्रष्ट कारगुजारी के एक अन्य मामले में बैंक के एक अन्य निदेशक को भी भवन किराए की सूरत में लाखों का लाभ दिया जा रहा है. राणा ने खुलासा किया कि वर्ष 2008 से वर्ष 2013 तक निदेशक रह चुके इस व्यक्ति के किराए के गड़बड़झाले को लेकर किसी व्यक्ति ने शिकायत की थी, जिस पर उक्त निदेशक ने सरकार के समक्ष एफिडेविट रखा था कि वह जब तक बैंक के निदेशक रहेंगे, बैंक से किराया नहीं लेंगे, लेकिन बीजेपी सरकार के बनते ही ये महाशय फिर से बैंक के तीन सदस्यीय संचालक मंडल के सदस्य मनोनीत किए गए. उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल करके किराए से करोड़ों कमाने का मंसूबा बनाया.

चेयरमैन की तर्ज पर अपने भवन की देखरेख का जिम्मा उन्होंने अपनी पत्नी को दिया, जिसमें निदेशक की पत्नी ने बैंक के साथ समझौता दस्तावेज पर 1 अप्रैल 2019 को हस्ताक्षर किए, लेकिन इन दस्तावेजों को देखने पर साफ पता चलता है कि पत्नी की तरफ से उक्त निदेशक ने ही हस्ताक्षर किए हैं, जो कि अपने आप में जालसाजी का मामला है.

इस फर्जी समझौता दस्तावेज के आधार पर 1 अक्तूबर 2013 से किराया ही नहीं बढ़ाया गया, बल्कि बकाया किराया 66 हजार रुपये भी बैंक ने पूर्व निदेशक को थमाने का पुख्ता इंतजाम किया. इसके बाद चेयरमैन के नक्शे चिन्हों पर चलते हुए उन्होंने इस भवन की देखरेख का जिम्मा अपने सगे मामा की बहु जो कि गांव सहोतर लाहड़ डाकखना बछवाई जिला कांगड़ा की रहने वाली है को दिया.

भवन का किराया बढ़ाकर 18 अप्रैल 2019 से 22 हजार रुपये कर दिया गया. इस तरह 1 हजार प्रति माह से शुरू हुए इस किराए के खेल में लाखों रुपये वसूलने का इंतजाम कर डाला. किराए की बढ़ोतरी का यह फैसला संचालक मंडल की उस बैठक में लिया गया, जिसमें पूर्व निदेशक व प्रबंधक निदेशक महोदय स्वयं मौजूद थे.

इस तरह केंद्रीय कांगड़ा बैंक का संचालक मंडल किराए की आड़ में बैंक को लूटने लगा है. राणा ने कहा कि क्या सरकार नियमों के विपरीत चली इस लूट पर कुछ स्पष्ट करेगी. उन्होंने कहा कि बैंक के कुछ वफादार कर्मचारियों व अधिकारियों ने बताया कि लूट का यह सिलसिला अगर यूं ही चलता रहा तो करोड़ों का लाभ कमा रहा यह बैंक जल्द ही बर्बादी की कगार पर होगा.

सुजानपुर: केंद्रीय कांगड़ा बैंक में सत्ता का दुरुपयोग करके नियमों को ताक पर रखकर किस तरह बैंक के संसाधनों को लूटा जा रहा है. राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने ये बात जारी प्रेस बयान में कही. उन्होंने कहा कि बैंक के चेयरमैन को कागजों की हेरा-फेरी में किस तरह लाखों का लाभ केंद्रीय कांगड़ा बैंक ने दिया है. इस मामले पर वह पहले आवाज उठा चुके हैं.

बैंक की भ्रष्ट कारगुजारी के एक अन्य मामले में बैंक के एक अन्य निदेशक को भी भवन किराए की सूरत में लाखों का लाभ दिया जा रहा है. राणा ने खुलासा किया कि वर्ष 2008 से वर्ष 2013 तक निदेशक रह चुके इस व्यक्ति के किराए के गड़बड़झाले को लेकर किसी व्यक्ति ने शिकायत की थी, जिस पर उक्त निदेशक ने सरकार के समक्ष एफिडेविट रखा था कि वह जब तक बैंक के निदेशक रहेंगे, बैंक से किराया नहीं लेंगे, लेकिन बीजेपी सरकार के बनते ही ये महाशय फिर से बैंक के तीन सदस्यीय संचालक मंडल के सदस्य मनोनीत किए गए. उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल करके किराए से करोड़ों कमाने का मंसूबा बनाया.

चेयरमैन की तर्ज पर अपने भवन की देखरेख का जिम्मा उन्होंने अपनी पत्नी को दिया, जिसमें निदेशक की पत्नी ने बैंक के साथ समझौता दस्तावेज पर 1 अप्रैल 2019 को हस्ताक्षर किए, लेकिन इन दस्तावेजों को देखने पर साफ पता चलता है कि पत्नी की तरफ से उक्त निदेशक ने ही हस्ताक्षर किए हैं, जो कि अपने आप में जालसाजी का मामला है.

इस फर्जी समझौता दस्तावेज के आधार पर 1 अक्तूबर 2013 से किराया ही नहीं बढ़ाया गया, बल्कि बकाया किराया 66 हजार रुपये भी बैंक ने पूर्व निदेशक को थमाने का पुख्ता इंतजाम किया. इसके बाद चेयरमैन के नक्शे चिन्हों पर चलते हुए उन्होंने इस भवन की देखरेख का जिम्मा अपने सगे मामा की बहु जो कि गांव सहोतर लाहड़ डाकखना बछवाई जिला कांगड़ा की रहने वाली है को दिया.

भवन का किराया बढ़ाकर 18 अप्रैल 2019 से 22 हजार रुपये कर दिया गया. इस तरह 1 हजार प्रति माह से शुरू हुए इस किराए के खेल में लाखों रुपये वसूलने का इंतजाम कर डाला. किराए की बढ़ोतरी का यह फैसला संचालक मंडल की उस बैठक में लिया गया, जिसमें पूर्व निदेशक व प्रबंधक निदेशक महोदय स्वयं मौजूद थे.

इस तरह केंद्रीय कांगड़ा बैंक का संचालक मंडल किराए की आड़ में बैंक को लूटने लगा है. राणा ने कहा कि क्या सरकार नियमों के विपरीत चली इस लूट पर कुछ स्पष्ट करेगी. उन्होंने कहा कि बैंक के कुछ वफादार कर्मचारियों व अधिकारियों ने बताया कि लूट का यह सिलसिला अगर यूं ही चलता रहा तो करोड़ों का लाभ कमा रहा यह बैंक जल्द ही बर्बादी की कगार पर होगा.

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