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5 महीनों से वेतन के लिए तरसे रावी नदी पर निर्माण का काम कर रहे मजदूर, चूल्हा जलाना हुआ मुश्किल

रावी नदी पर निर्माणाधीन बजोली-होली जल विद्युत परियोजना के 2500 से अधिक कामगारों को पिछले 5 महीनों से वेतन नहीं मिला है. हालात यह है कि नेपाली मूल के कामगारों को दो वक्त की रोटी के लिए कड़ी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. कोरोना माहामारी के चलते कंपनी प्रबंधन यहां पर काम आरंभ नहीं कर पाया.

hydropower project
वेतन के लिए तरसे मजदूर.
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Published : May 11, 2020, 11:04 PM IST

Updated : May 12, 2020, 9:45 AM IST

भरमौर/चंबा: चंबा के भरमौर उपमंडल में रावी नदी पर निर्माणाधीन बजोली-होली जल विद्युत परियोजना के सैकडों कामगारों को पिछले 5 महीनों से वेतन नहीं मिला है. मौसम के कहर और बाद में आर्थिक संकट के चलते बंद पड़ा परियोजना का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. कोरोना संकट के बीच प्रोजेक्ट के 2500 से अधिक कामगारों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. हालात यह हैं कि नेपाली मूल के कामगारों को दो वक्त की रोटी के लिए कड़ी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

बता दें कि जीएमआर होली घाटी में 180 मैगावाट के पॉवर प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य चल रहा है. जीएमआर ने प्रोजेक्ट का सिविल वर्क गैमन को सौंपा है. सर्दियों के सीजन में भारी हिमपात और मूसलाधार बारिश के चलते परियोजना की विभिन्न साइट्स पर भारी नुक्सान हुआ था, जिसके बाद मौसम का साथ मिलने पर कंपनी ने बहानेबाजी दिखाकर काम शुरू नहीं किया. प्रशासन की ओर से भी प्रबंधन को निर्माण कार्य आरंभ करने को कहा गया था. इसके बाद कोरोना माहामारी के चलते कंपनी प्रबंधन यहां पर काम शुरू नहीं कर पाई है.

हैरानी की बात यह है कि पांच महीनों का समय बीतने के बाद भी कंपनी प्रबंधन 2500 से अधिक कामगारों के वेतन का भुगतान नहीं कर पाई है. खासकर नेपाली मजदूरों को यहां भारी दिक्कतें उठानी पड रही है. वर्करों का कहना है कि वह वेतन की मांग कर रहे है, लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि इन दिनों वह बेहद संकट के दौर से गुजर रहे है.

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भरमौर/चंबा: चंबा के भरमौर उपमंडल में रावी नदी पर निर्माणाधीन बजोली-होली जल विद्युत परियोजना के सैकडों कामगारों को पिछले 5 महीनों से वेतन नहीं मिला है. मौसम के कहर और बाद में आर्थिक संकट के चलते बंद पड़ा परियोजना का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. कोरोना संकट के बीच प्रोजेक्ट के 2500 से अधिक कामगारों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. हालात यह हैं कि नेपाली मूल के कामगारों को दो वक्त की रोटी के लिए कड़ी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

बता दें कि जीएमआर होली घाटी में 180 मैगावाट के पॉवर प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य चल रहा है. जीएमआर ने प्रोजेक्ट का सिविल वर्क गैमन को सौंपा है. सर्दियों के सीजन में भारी हिमपात और मूसलाधार बारिश के चलते परियोजना की विभिन्न साइट्स पर भारी नुक्सान हुआ था, जिसके बाद मौसम का साथ मिलने पर कंपनी ने बहानेबाजी दिखाकर काम शुरू नहीं किया. प्रशासन की ओर से भी प्रबंधन को निर्माण कार्य आरंभ करने को कहा गया था. इसके बाद कोरोना माहामारी के चलते कंपनी प्रबंधन यहां पर काम शुरू नहीं कर पाई है.

हैरानी की बात यह है कि पांच महीनों का समय बीतने के बाद भी कंपनी प्रबंधन 2500 से अधिक कामगारों के वेतन का भुगतान नहीं कर पाई है. खासकर नेपाली मजदूरों को यहां भारी दिक्कतें उठानी पड रही है. वर्करों का कहना है कि वह वेतन की मांग कर रहे है, लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि इन दिनों वह बेहद संकट के दौर से गुजर रहे है.

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Last Updated : May 12, 2020, 9:45 AM IST
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