डलहौजी: आजाद हिंद फौज के नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का हिमाचल प्रदेश के डलहौजी के साथ विशेष नाता रहा है. आजादी की लड़ाई के दौरान नेताजी को जेल में रखा गया था. जब 1937 में उनकी तबियत खराब हो गई तो वह स्वास्थ्य लाभ के लिए डलहौजी आए थे और यहां अपने दोस्त डॉक्टर धर्मवीर की कोठी कायनांस में रुके थे.
डलहौजी में 6 महीने रहे नेताजी- नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने लगभग छह महीने यहां पर स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए रहे. इसी दौरान वे सुबह शाम डलहौजी की सड़कों पर सैर किया करते थे और सुभाष बावली नामक स्थान पर प्राकृतिक स्त्रोत से पानी पिया करते थे. यहां की तरो ताजा हवा और पानी से उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया था. स्वास्थ्य लाभ पाने के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस यहां से दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे.
क्षयरोग बीमारी से हुए थे ग्रसित- नेता जी को क्षयरोग की बीमारी हो गई थी और डलहौजी में छह महीने रहने के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ हो गए थे. डलहौजी का नाता इसलिए नेता जी के साथ विशेष हो जाता है क्योंकि वो छह महीने तक डलहौजी में रुके थे और यहां से आजादी की योजना अकेले तैयार करते रहे. जिस कमरे में वह रहते थे उस कमरे को आज भी संजो कर रखा गया है ताकि नेता जी की यादें हमेशा यहां बनी रहें.
स्वस्थ होने के बाद लौटे दिल्ली- वहीं, कायनांस कोठी के चौकीदार पवन कुमार ने बताया कि 1937 में मेरे दादा यहां पर चौकीदार हुआ करते थे और उन्होंने बताया था कि यहां नेता जी सुभाष चंद्र बोस आए थे और उनका स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं था. जिसके लिए वे अपना इलाज करवाने यहां आए थे. वह जेल में बीमार हो गए थे. इलाज के दौरान वे इसी कोठी में रहे. यहां की हवा पानी से उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया था और स्वस्थ होने के बाद ही वह यहां से वापिस दिल्ली रवाना हो गए थे.
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