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'आजाद हिंद फौज' के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का डलहौजी के साथ रहा है विशेष नाता - Subhas Chandra Bose Birth Anniversary

आज महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती है. आज युवा वर्ग उनसे प्रेरणा लेता है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का हिमाचल प्रदेश से गहरा नाता रहा है. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...(Subhas Chandra Bose Spent 6 Months In Dalhousie) (Birth Anniversary of Subhas Chandra Bose) (Netaji Subhas Chandra Bose relation With Himachal)

Birth Anniversary of Subhas Chandra Bose.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती.
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Published : Jan 23, 2023, 1:49 PM IST

Updated : Jan 23, 2023, 2:19 PM IST

सन् 1937 में उपचार के लिए डलहौजी में रहे थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस.

डलहौजी: आजाद हिंद फौज के नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का हिमाचल प्रदेश के डलहौजी के साथ विशेष नाता रहा है. आजादी की लड़ाई के दौरान नेताजी को जेल में रखा गया था. जब 1937 में उनकी तबियत खराब हो गई तो वह स्वास्थ्य लाभ के लिए डलहौजी आए थे और यहां अपने दोस्त डॉक्टर धर्मवीर की कोठी कायनांस में रुके थे.

डलहौजी में 6 महीने रहे नेताजी- नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने लगभग छह महीने यहां पर स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए रहे. इसी दौरान वे सुबह शाम डलहौजी की सड़कों पर सैर किया करते थे और सुभाष बावली नामक स्थान पर प्राकृतिक स्त्रोत से पानी पिया करते थे. यहां की तरो ताजा हवा और पानी से उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया था. स्वास्थ्य लाभ पाने के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस यहां से दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे.

Birth Anniversary of Subhas Chandra Bose.
कायनांस कोठी.

क्षयरोग बीमारी से हुए थे ग्रसित- नेता जी को क्षयरोग की बीमारी हो गई थी और डलहौजी में छह महीने रहने के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ हो गए थे. डलहौजी का नाता इसलिए नेता जी के साथ विशेष हो जाता है क्योंकि वो छह महीने तक डलहौजी में रुके थे और यहां से आजादी की योजना अकेले तैयार करते रहे. जिस कमरे में वह रहते थे उस कमरे को आज भी संजो कर रखा गया है ताकि नेता जी की यादें हमेशा यहां बनी रहें.

Subhas Chandra Bose Spent 6 Months In Dalhousie.
डलहौजी में 6 महीने रहे थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस.

स्वस्थ होने के बाद लौटे दिल्ली- वहीं, कायनांस कोठी के चौकीदार पवन कुमार ने बताया कि 1937 में मेरे दादा यहां पर चौकीदार हुआ करते थे और उन्होंने बताया था कि यहां नेता जी सुभाष चंद्र बोस आए थे और उनका स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं था. जिसके लिए वे अपना इलाज करवाने यहां आए थे. वह जेल में बीमार हो गए थे. इलाज के दौरान वे इसी कोठी में रहे. यहां की हवा पानी से उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया था और स्वस्थ होने के बाद ही वह यहां से वापिस दिल्ली रवाना हो गए थे.

ये भी पढ़ें: परमवीरों को सम्मानः अंडमान के 21 द्वीपों को मिलेगा नाम, शहीद अल्बर्ट एक्का के नाम पर भी होगा एक आईलैंड

सन् 1937 में उपचार के लिए डलहौजी में रहे थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस.

डलहौजी: आजाद हिंद फौज के नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का हिमाचल प्रदेश के डलहौजी के साथ विशेष नाता रहा है. आजादी की लड़ाई के दौरान नेताजी को जेल में रखा गया था. जब 1937 में उनकी तबियत खराब हो गई तो वह स्वास्थ्य लाभ के लिए डलहौजी आए थे और यहां अपने दोस्त डॉक्टर धर्मवीर की कोठी कायनांस में रुके थे.

डलहौजी में 6 महीने रहे नेताजी- नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने लगभग छह महीने यहां पर स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए रहे. इसी दौरान वे सुबह शाम डलहौजी की सड़कों पर सैर किया करते थे और सुभाष बावली नामक स्थान पर प्राकृतिक स्त्रोत से पानी पिया करते थे. यहां की तरो ताजा हवा और पानी से उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया था. स्वास्थ्य लाभ पाने के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस यहां से दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे.

Birth Anniversary of Subhas Chandra Bose.
कायनांस कोठी.

क्षयरोग बीमारी से हुए थे ग्रसित- नेता जी को क्षयरोग की बीमारी हो गई थी और डलहौजी में छह महीने रहने के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ हो गए थे. डलहौजी का नाता इसलिए नेता जी के साथ विशेष हो जाता है क्योंकि वो छह महीने तक डलहौजी में रुके थे और यहां से आजादी की योजना अकेले तैयार करते रहे. जिस कमरे में वह रहते थे उस कमरे को आज भी संजो कर रखा गया है ताकि नेता जी की यादें हमेशा यहां बनी रहें.

Subhas Chandra Bose Spent 6 Months In Dalhousie.
डलहौजी में 6 महीने रहे थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस.

स्वस्थ होने के बाद लौटे दिल्ली- वहीं, कायनांस कोठी के चौकीदार पवन कुमार ने बताया कि 1937 में मेरे दादा यहां पर चौकीदार हुआ करते थे और उन्होंने बताया था कि यहां नेता जी सुभाष चंद्र बोस आए थे और उनका स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं था. जिसके लिए वे अपना इलाज करवाने यहां आए थे. वह जेल में बीमार हो गए थे. इलाज के दौरान वे इसी कोठी में रहे. यहां की हवा पानी से उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया था और स्वस्थ होने के बाद ही वह यहां से वापिस दिल्ली रवाना हो गए थे.

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Last Updated : Jan 23, 2023, 2:19 PM IST
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