चंबा: मेडिकल कॉलेज चंबा के सभागार में वीरवार को रिजर्व्ड नेशनल टीबी कंट्रोल प्रोग्राम (आरएनटीसीपी) के तहत समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता मेडिकल कॉलेज चंबा के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनोद शर्मा ने की. बैठक में टीबी के खात्मे को लेकर उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने विचार रखे.
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जालम भारद्वाज ने टीबी रोग के संबंध में रिपोर्ट पेश की. साथ ही 16 से 30 नवंबर तक चलने वाले क्षय रोग जागरूकता पखवाड़े को लेकर भी चर्चा की गई और आगामी रणनीति तैयार की गई. इस दौरान स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर लोगों में क्षय रोग के लक्षण जांचेंगी और छिपे हुए मामले की तलाश करेंगी.
जालम भारद्वाज ने कहा कि अगर इस रोग के लक्षण किसी व्यक्ति में पाए जाते हैं तो उनका जल्द से जल्द उपचार शुरू करवा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि टीबी की बीमारी का इलाज संभव है और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में टीबी का निशुल्क इलाज होता है. उन्होंने बताया कि टीबी को लेकर फैली भ्रांतियों का निवारण भी किया जाए. बैठक में टीबी रोग के लक्षणों के बारे में भी बताया गया.
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सरकार के टीबी मुक्त अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें. लोग टीबी की बीमारी को अनदेखा न करें, बल्कि उपचार शुरू करवाएं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति में इस बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में उपचार करवाएं.
इसके अलावा उन्होंने टीबी के लक्षणों पर प्रकाश डालते कहा कि टीबी मुख्य रूप से बुखार, छाती में दर्द, भूख न लगना, वजन का घटना व खांसी में खून आने के साथ होता है. उन्होंने कहा कि इसकी पहचान हो जाने पर जल्द से जल्द नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करना चाहिए और इसका उपचार शुरू कर देना चाहिए.