चंबा: कल्हेल के दो दर्जन से अधिक गांव आजादी के बाद भी सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाए हैं. सड़क सुविधा ना होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लोगों को रोज 10 से 12 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके सड़क तक पहुंचना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों, गर्भवती महिलाओं समेत बीमार लोगों को होती है.
ग्रामीणों की सबसे ज्यादा दिक्कत गांव में अचानक बीमार होने वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने में आती है. मरीज को पीठ पर लाद कर या पालकी में उठाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है, ऐसे में कई बार तो मरीज स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं.
पंचायत के लोगों ने कई बार स्थानीय नेताओं से सड़क सुविधा की मांग की है, लेकिन अभी तक समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया. स्कूली बच्चों को भी सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करके स्कूल पहुंचना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी लोकसभा विधानसभा चुनाव होते हैं तो दोनों ही पार्टियों के नेता बड़े बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद नेता सब कुछ भुल जाते हैं.
स्थानीय लोग बीते कई सालों से सड़क निर्माण का इंतजार कर रहे हैं. जब भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव होते हैं. हर बार पंचायत के दो दर्जन से अधिक गांव के लोगों को दरकिनार कर दिया जाता है. हैरानी इस बात को लेकर होती है कि नेता अपना काम निकल जाने के बाद सभी वादों को भूल जाते हैं.
बता दें कि काफी लंबे समय से लोग सड़क सुविधा को लेकर मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांग को अनसुना किया जा रहा है. अब लोगों ने एक बार फिर सरकार से मांग करते हुए कहा है कि उन्हें सड़क सुविधा उपलब्ध करवाई जाए ताकि स्कूली बच्चों समेत बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
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