चंबा: हिमाचल प्रदेश में सरकार ने नौवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के स्कूलों को खोल दिया है, लेकिन इस पर भी सियासत होना शुरू हो गई है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव पंजाब के पूर्व प्रभारी और डलहौजी से विधायक का आशा कुमारी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन उसके बावजूद भी सरकार ने स्कूलों को खासकर नौवीं से 12वीं कक्षा तक के लिए खोलने की बात कही है.
विधायक आशा कुमारी ने कहा कि बच्चों के अभिभावक इस बात को लेकर चिंतित है कि आखिरकार कैसे अपने बच्चों को स्कूल भेजें. सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों अनुसार स्कूलों में सेनिटाइजेशन का कार्य कैसे होगा अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है. इसके अलावा बच्चों को स्कूल में सोशल डिस्टेंस के माध्यम से कैसे रखना है इस तरह की बातें अभी तक सरकार ने साफ नहीं किया है.
ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल कैसे भेजेंगे यह कह पाना मुश्किल है, लेकिन सरकार को इस बारे में जरूर विचार करना चाहिए कि अभी फिलहाल बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहिए और इस वर्ष को जीरो वर्ष डिक्लेयर कर देना चाहिए, ताकि बच्चों सहित अभिभावक को परेशानी का सामना ना करना पड़े. जिस तरह के हालात कोरोनावायरस हिमाचल प्रदेश में हो रहे हैं ऐसे में स्कूलों का खुलना कहीं ना कहीं चिंता में डालने जैसा है.
क्या कहती हैं डलहौजी से कांग्रेस विधायक आशा कुमारी
वहीं, दूसरी ओर डलहौजी से कांग्रेस की विधायक का आशा कुमारी का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्कूलों को खोलने की बात कही है. जिसके चलते बच्चों की परेशानी बढ़ सकती है. सरकार ने अभी तक दिशा निर्देश जारी नहीं करें.
विधायक आशा कुमारी ने कहा कि स्कूलों में सेनिटाइजेशन कैसे होगी. स्कूलों में बच्चों को सोशल डिस्टेंस के माध्यम से कैसे रखा जाना है ये तमाम तरह की जानकारियां सरकार ने कहीं भी नहीं दी हैं. ऐसे में स्कूल में बच्चे आते हैं तो बच्चों की परेशानी बढ़ सकती हैं.
जाहिर सी बात है पिछले छह महीनों के बाद हिमाचल प्रदेश के स्कूल खुले हैं, लेकिन इस तरह सियासत होना लाजमी है. ऐसे में सरकार को इसकी और ध्यान देना चाहिए कि अगर स्कूल पूरी तरह से खुलते हैं तो उसके लिए सरकार किस तरह के प्रबंध करती है या आने वाला वक्त तय करेगा.