चंबा: शिक्षा से ही इंसान का जीवन रौशन होता है. जीवन में चाहे कितना ही अंधेरा या मुश्किलें हो शिक्षित इंसान हर परिस्थितियों से बाहर निकल आता है. शिक्षित व्यक्ति अपने साथ साथ समाज की भलाई के लिए कुछ कर सकता है. चंबा के सन्नी सूर्यवंशी भी एक ऐसे शिक्षित युवा हैं जो अपने साथ साथ झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के भविष्य को रौशन करने में लगे हुए हैं. सन्नी सूर्यवंशी ने अपने कुछ दोस्तों के साथ चंबा में माई का बाग में खड्ड के किनारे झुग्गी झोपड़ियों में रह रहे बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है.
चंबा कॉलेज में पढ़ाई करने वाले सन्नी सूर्यवंशी ने 2019 में हैल्पिंग हैंड संस्था बनाई थी. इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ साथ चंबा में झुग्गी झोपड़ियों में रह रहे बच्चों को भी पढ़ाने का बीड़ा उठाया. इस समय सन्नी अपनी टीम के साथ झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले 68 से अधिक बच्चों को पढ़ा रहे हैं. यह युवा दिन में कॉलेज में पढ़ाई करते है और शाम के समय झुग्गी झोपड़ी में पहुंचकर बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं.
बच्चों को मुफ्त दी जाती है पठन सामग्री
झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के लिए पढ़ाई संबंधी सारी सामग्री ये युवा ही उपलब्ध करवा रहे हैं. इन झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों में बहुत से ऐसे होनहार बच्चे भी हैं जो पढ़ाई में काफी तेज हैं और इन युवाओं की पहल से काफी प्रभावित हुए हैं और अपनी पढ़ाई को बखूबी अंजाम दे रहे हैं.
प्रशासन भी दे रहा सहयोग
सन्नी सूर्यवंशी का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2019 में एक संस्था का गठन किया था जिसके माध्यम से वह पर्यावरण और शिक्षा को लेकर कार्य कर रहे हैं. झुग्गियों में रहने वाले बच्चे शिक्षा से वंचित ना रहें इसके लिए उन्होंने इन बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाया है. इस काम में उन्हें प्रशासन की ओर से भी सहायता दी जाती है.
अभिभावकों ने बताया अच्छी पहल
सन्नी सूर्यवंशी की सहयोगी पायल और मिनाक्षी का कहना है कि वह बच्चों को पढ़ाने के लिए इन झुग्गी झोपड़ियों में आती हैं और उन्हें काफी अच्छा लगता है. यह बच्चे भी हमारे ही समाज का हिस्सा हैं इन्हें भी आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए, ताकि यह भी मुख्यधारा में जुड़ कर देश के लिए अपना योगदान दे सकें. वहीं दूसरी और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि यहां पर हमारे बच्चों को पढ़ाने के लिए कुछ युवा आते हैं और पिछले काफी समय से बच्चों को फ्री में पढ़ा रहे हैं जो काफी अच्छी पहल है.
लाखों बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित
भले ही भारते में छह साल से लेकर 14 साल के हर बच्चो के लिए शिक्षा का अधिकार दिया गया है, सर्व शिक्षा अभियान जैसे कई कार्यक्रम चल रहे हैं, लेकिन सरकार के ये अभियान और शिक्षा अधिकार बस कागजों में ही सिमट कर रह गए हैं. भारत में आज भी लाखों बच्चे स्कूल का मुंह तक नहीं देख पाते.
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