चंबा: कोरोना काल के दौरान जिले में स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं की गुणवत्ता को परखने की मुहिम तेज कर दी है. विभाग की टीम ने मसरूंड क्षेत्र में दबिश देकर दो दुकानों से कुल चार दवाओं के सैंपल एकत्रित किए हैं. इन सैंपलों को जांच के लिए कंडाघाट स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया है. जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर ही दवाओं की गुणवत्ता की सही जानकारी मिल पाएगी.
दवाइयों के सैंपल गुणवत्ताहीन पाए जाते हैं, तो संबंधित विक्रेता के खिलाफ विभाग नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाएगा. विभागीय टीम ने दवा निरीक्षक राकेश कुमार की अगुआई में मसरूंड क्षेत्र में विभिन्न दुकानों से कुल चार दवाओं के सैंपल एकत्रित किए है, जिनमें दो सैंपल एंटीबायोटिक, एक सैंपल कैल्शियम और एक सैंपल दर्द निवारक का शामिल है.
दवा निरीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि टीम ने दवाइयों की गुणवत्ता को परखने का काम जारी रखा है. इसी कड़ी में मसरूंड में दवा की दुकानों से चार दवाओं के सैंपल एकत्रित किए हैं. क्रय-विक्रय संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर दो दुकानदारों को नोटिस भी जारी किए हैं. यदि वह तय समय अवधि के भीतर रिकॉर्ड प्रस्तुत न कर पाए तो उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. लोगों से किसी तरह का अधिक शुल्क ना लिया जाए इसका भी दवा निरीक्षक विभाग पूरी निगरानी रखता है.
बता दें कि मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में बनी 11 जीवनरक्षक दवाओं के सैंपल लिए गए हैं, लेकिन इन दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं, जिससे हिमाचल की छवि को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इसको लेकर ड्रग अलर्ट जारी किया है. प्रदेश के बीबीएन क्षेत्र में बनी नौ उद्योगों व सिरमौर सहित ऊना के एक-एक उद्योग की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. ऐसे में ड्रग विभाग ने उन सभी दवा उद्योगों को नोटिस जारी करने की तैयारी कर ली है, जिनकी दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं. वहीं, जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं उनको बाजार से रीकॉल किया जाएगा.
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