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किश्तवाड़ में विलेज डिफेंस गार्ड की हत्या के बाद सतर्क हुए VDG, बढ़ाई निगरानी - VILLAGE DEFENSE GUARDS

हाल ही में किश्तवाड़ में आतंकवादियों ने दो वीडीजी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद वीडीजी और भी अधिक सतर्क हो गए हैं

किश्तवाड़ में विलेज डिफेंस गार्ड की हत्या के बाद सतर्क हुए VDG
किश्तवाड़ में विलेज डिफेंस गार्ड की हत्या के बाद सतर्क हुए VDG (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 11, 2024, 5:17 PM IST

श्रीनगर: हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले तेज हो गए हैं, लेकिन आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की ओर से बड़े पैमाने पर ऑपरेशन जारी हैं. इस लड़ाई में विलेज डिफेंस गार्ड (VDG) हमेशा से ही सुरक्षा बलों के मजबूत सहयोगी रहे हैं. इसके चलते अब आतंकी इन गांव के रक्षकों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

इस खतरे को भांपते हुए VDG और भी सतर्क हो गए हैं और अपने इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है. इस सतर्कता को देखने के लिए ETV भारत ने जम्मू जिले के अखनूर के मखवाल और चौकी चौरा का दौरा किया, जहां हथियारबंद VDG सदस्य गांव की सुरक्षा के लिए तैनात हैं. वे सीमा पार से आने वाले हर व्यक्ति या गांवों में घुसने वाले किसी भी संदिग्ध व्यक्ति पर कड़ी नजर रख रहे हैं.

वीडीजी ने कई आतंकियों को मार गिराया
विलेज डिफेंस गार्ड ने ईटीवी भारत को बताया कि इसी क्षेत्र से आतंकी घुसपैठ करते हैं और घुसपैठ करने के बाद वे इसी रास्ते से कश्मीर घाटी में प्रवेश करते हैं, लेकिन सुरक्षा बलों और वीडीजी की संयुक्त सतर्कता के कारण आतंकियों को इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. इस क्षेत्र में वीडीजी ने न केवल पहले कई आतंकियों को मार गिराया है, बल्कि कुछ आतंकियों को पकड़ने में भी सफलता पाई है.

किश्तवाड़ में विलेज डिफेंस गार्ड की हत्या के बाद सतर्क हुए VDG (ETV Bharat)

जम्मू कश्मीर में लगभग 30,000 वीडीजी
हाल ही में किश्तवाड़ में आतंकवादियों ने दो वीडीजी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद वीडीजी और भी अधिक सतर्क हो गए हैं और क्षेत्र में किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार हैं. वर्तमान में जम्मू कश्मीर में लगभग 30,000 वीडीजी हैं. विभिन्न जिलों के प्रत्येक गांव में, 5 से 7 वीडीजी सदस्यों का एक समूह क्षेत्र की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है. ये वीडीजी गांवों में होने वाली शादियों और अन्य कार्यक्रमों के दौरान भी सुरक्षा प्रदान करते हैं. लगभग एक साल पहले, राजौरी के डांगरी में आतंकवादी हमले के बाद सरकार ने वीडीजी को ऑटोमैटिक हथियारों से लैस करने का फैसला किया.

परिणामस्वरूप, अधिकांश वीडीजी अब ऑटोमैटिक राइफलों से लैस हैं. बंदूकें प्राप्त करने से पहले, सेना और पुलिस ने वीडीजी को हथियारों को संभालने और चलाने का विशेष प्रशिक्षण दिया था. इससे पहले वीडीजी 303 राइफलों से लैस थे. वहीं, अब नए हथियारों से लैस वीडीजी अधिक मजबूत और अधिक आश्वस्त हैं.

वीडीजी सदस्य ने आतंकी किया ढेर
अगर बात करें इनकी बहादुरी की तो कुछ महीने पहले गुंडा-ख्वास इलाके में वीडीजी सदस्य पुरुषोत्तम कुमार ने अपनी 303 राइफल से एक आतंकी को सफलतापूर्वक गोली मार दी थी, जिसके बाद उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था. इससे पहले डांगरी में हुए आतंकी हमले के दौरान वीडीजी की फायरिंग से कई लोगों की जान बच गई थी.

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के वीडीजी लगातार चल रहे ऑपरेशनों में आतंकियों को घेरकर सुरक्षा बलों की मदद कर रहे हैं, जिससे उनके योगदान की मान्यता और बढ़ गई है. इसीलिए सरकार ने अब वीडीजी को उनकी सेवा के लिए 4,000 रुपये का मासिक वजीफा देना शुरू किया है, ताकि उन्हें और अधिक जिम्मेदारी और उत्साह के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

यह भी पढ़ें- सड़क मार्ग से सीएम ऑफिस पहुंचे उमर अब्दुल्ला, काफिले के वीडियो किए शेयर

श्रीनगर: हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले तेज हो गए हैं, लेकिन आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की ओर से बड़े पैमाने पर ऑपरेशन जारी हैं. इस लड़ाई में विलेज डिफेंस गार्ड (VDG) हमेशा से ही सुरक्षा बलों के मजबूत सहयोगी रहे हैं. इसके चलते अब आतंकी इन गांव के रक्षकों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

इस खतरे को भांपते हुए VDG और भी सतर्क हो गए हैं और अपने इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है. इस सतर्कता को देखने के लिए ETV भारत ने जम्मू जिले के अखनूर के मखवाल और चौकी चौरा का दौरा किया, जहां हथियारबंद VDG सदस्य गांव की सुरक्षा के लिए तैनात हैं. वे सीमा पार से आने वाले हर व्यक्ति या गांवों में घुसने वाले किसी भी संदिग्ध व्यक्ति पर कड़ी नजर रख रहे हैं.

वीडीजी ने कई आतंकियों को मार गिराया
विलेज डिफेंस गार्ड ने ईटीवी भारत को बताया कि इसी क्षेत्र से आतंकी घुसपैठ करते हैं और घुसपैठ करने के बाद वे इसी रास्ते से कश्मीर घाटी में प्रवेश करते हैं, लेकिन सुरक्षा बलों और वीडीजी की संयुक्त सतर्कता के कारण आतंकियों को इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. इस क्षेत्र में वीडीजी ने न केवल पहले कई आतंकियों को मार गिराया है, बल्कि कुछ आतंकियों को पकड़ने में भी सफलता पाई है.

किश्तवाड़ में विलेज डिफेंस गार्ड की हत्या के बाद सतर्क हुए VDG (ETV Bharat)

जम्मू कश्मीर में लगभग 30,000 वीडीजी
हाल ही में किश्तवाड़ में आतंकवादियों ने दो वीडीजी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद वीडीजी और भी अधिक सतर्क हो गए हैं और क्षेत्र में किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार हैं. वर्तमान में जम्मू कश्मीर में लगभग 30,000 वीडीजी हैं. विभिन्न जिलों के प्रत्येक गांव में, 5 से 7 वीडीजी सदस्यों का एक समूह क्षेत्र की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है. ये वीडीजी गांवों में होने वाली शादियों और अन्य कार्यक्रमों के दौरान भी सुरक्षा प्रदान करते हैं. लगभग एक साल पहले, राजौरी के डांगरी में आतंकवादी हमले के बाद सरकार ने वीडीजी को ऑटोमैटिक हथियारों से लैस करने का फैसला किया.

परिणामस्वरूप, अधिकांश वीडीजी अब ऑटोमैटिक राइफलों से लैस हैं. बंदूकें प्राप्त करने से पहले, सेना और पुलिस ने वीडीजी को हथियारों को संभालने और चलाने का विशेष प्रशिक्षण दिया था. इससे पहले वीडीजी 303 राइफलों से लैस थे. वहीं, अब नए हथियारों से लैस वीडीजी अधिक मजबूत और अधिक आश्वस्त हैं.

वीडीजी सदस्य ने आतंकी किया ढेर
अगर बात करें इनकी बहादुरी की तो कुछ महीने पहले गुंडा-ख्वास इलाके में वीडीजी सदस्य पुरुषोत्तम कुमार ने अपनी 303 राइफल से एक आतंकी को सफलतापूर्वक गोली मार दी थी, जिसके बाद उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था. इससे पहले डांगरी में हुए आतंकी हमले के दौरान वीडीजी की फायरिंग से कई लोगों की जान बच गई थी.

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के वीडीजी लगातार चल रहे ऑपरेशनों में आतंकियों को घेरकर सुरक्षा बलों की मदद कर रहे हैं, जिससे उनके योगदान की मान्यता और बढ़ गई है. इसीलिए सरकार ने अब वीडीजी को उनकी सेवा के लिए 4,000 रुपये का मासिक वजीफा देना शुरू किया है, ताकि उन्हें और अधिक जिम्मेदारी और उत्साह के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

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