शिमला: हिमाचल प्रदेश में मौसम शुष्क बना हुआ है. अक्टूबर महीने में बारिश की एक भी बूंद नहीं टपकी है. लोग लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे हैं. ये इंतजार लंबा खिंच सकता है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों तक बारिश की कोई संभावना नहीं जताई है.
बारिश न होने से लोग सूखी ठंड झेल रहे हैं. वहीं, कई जिलों में घने कोहरे और धुंध से परेशान हैं. नवंबर महीने में प्रेदश में लगभग शून्य के बराबर बारिश हुई है. मौसम विभाग ने 11 नवंबर को उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश की आंशका जताई थी, लेकिन शिमला में मौसम साफ बना हुआ है और सुबह से धूप खिली है. नवंबर महीने में भी सर्दियों के गर्म कपड़े अलमारियों में ही पैक है.
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी की संभावना
वहीं, मौसम विभाग की मानें तो 12 से लेकर 14 नवंबर तक प्रदेश में मौसम पूरी तरह से साफ रहेगा. वहीं, 15 और 16 नवंबर को मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है. वहीं, निचले और मैदानी क्षेत्रों में 17 नवंबर तक मौसम एकदम साफ रहेगा. यहां बारिश की कोई संभावना नहीं है. बीते 24 घंटे में भी कहीं बारिश रिकॉर्ड नहीं की गई. बारिश का किसान और बागवान बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. बारिश न होने के कारण अभी तक गेंहू की बुआई नहीं हो पाई है.
प्रदेश के अलग अलग हिस्सों का तापमान
बारिश और बर्फबारी न होने के कारण अभी तापमान में उतनी गिरावट नहीं आई है. लोग सुबह शाम ठंड का एहसास कर रहे हैं. दिन में धूप खिलने से लोगों को ठंड से राहत है. प्रदेश में सबसे कम तापमान ताबो में -4.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. वहीं, सबसे अधिक तापमान 27.6 डिग्री दर्ज किया गया है.
शहर | अधिकतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में) | न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में) |
शिमला | 20.8 | 11.2 |
सुंदरनगर | 25.7 | 10.5 |
भुंतर | 27.4 | 8.0 |
कल्पा | 19.8 | 3.4 |
धर्मशाला | 23.8 | 13.0 |
ऊना | 26.6 | 12.6 |
नाहन | 25.5 | 14.9 |
सोलन | 26.0 | 0.7 |
केलंग | 17.5 | 9.8 |
घने कोहरे का येलो अलर्ट
प्रदेश के कई हिस्सों में घने कोहरे के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. 15 नवंबर तक प्रदेश के कई हिस्सों में घना कोहरा देखने को मिलेगा. बिलासपुर में भाखड़ा बांध और मंडी के बल्ह में घना कोहरा देखने को मिलेगा. कोहरे के कारण विजिबिलटी कम रहेगी. इससे वाहन चालकों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है. रविवार को बिलासपुर में घने कोहरे के दौरान विजिबिलिटी सिर्फ 50 मीटर तक रही.
ये भी पढ़ें: कैंची मोड़ की जमीन धंसने से लटका पंडोह बाईपास का काम, स्थानीय लोगों में नाराजगी