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चंबा में बारिश के बाद किसान खुश, इस साल बंपर फसल होने की उम्मीद - rainfall in himachal pradesh

इस साल की शुरुआत से ही अच्छी बारिश होने से चंबा में किसान काफी खुश हैं. पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल से पहले जितनी अधिक बारिश होती है उतनी मक्की की फसल के लिए बेहतर मानी जाती है.

rainfall in chamba
चांबा में बारिश
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Published : May 9, 2021, 6:55 PM IST

चंबा: हिमाचल प्रदेश मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से पहाड़ी जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई थी. रविवार को चंबा जिले के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश हुई,जिसके चलते किसान लोग काफी खुश हैं. चंबा जिले के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी होने से ठंड एक बार फिर लौट आई है और तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है.

चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में कुछ दिनों के बाद मक्की की फसल की बिजाई की जानी है. उससे पहले जितनी अधिक बारिश होती है उतनी जमीन में नमी होने से फसल के लिए अच्छी मानी जाती है. पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक बारिश हो रही रही है क्योंकि पिछले साल बेहद कम बारिश हुई थी जिसके चलते फसलों के लिए भी उस बारिश से लाभ नहीं हो पा रहा था. हालांकि इस साल की शुरुआत से ही अच्छी बारिश होने से किसान काफी खुश हैं. पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल से पहले जितनी अधिक बारिश होती है उतनी मक्की की फसल के लिए बेहतर मानी जाती है.

वीडियो.

बारिश में किसानों में खुशी

उम्मीद की जा रही है कि जिस तरह से बारिश हो रही है आने वाले समय में किसानों को इसका लाभ जरूर मिलेगा. इसके अलावा पहाड़ी इलाकों में किसानों ने मटर आलू की बिजाई करनी है. चंबा के पहाड़ी इलाकों में मटर और आलू की किसान बिजाई करते हैं. इन फसलों की बिजाई करने के लिए भी बारिश का होना बेहद जरूरी हो जाता है. यही वजह है कि रविवार को बारिश होने के चलते किसान काफी खुश हैं.

ये भी पढ़ें: कोरोना वैक्सीन बजट पर ईटीवी भारत के खुलासे पर हिमाचल में कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने

क्या कहते हैं स्थानीय किसान ?

वहीं, दूसरी ओर स्थानीय किसानों का कहना है कि चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में वे मक्की की बिजाई करते हैं. उसके लिए भारी बारिश होने से जमीन में नमी बनी रहती है. ताकि जैसे ही मक्की की फसल की बिजाई शुरू होती है. उसके तुरंत बाद मक्की की फसल खेतों में लहलहा ने लगती है. उन्होंने बताया कि मटर और आलू की बिजाई के लिए बारिश अच्छी होती है. उन्होंने कहा कि जितनी अधिक बारिश होती है उतनी ही जमीन में नमी रहती है और उसका लाभ फसलों को मिलता है.

ये भी पढ़ें: Mothers Day 2021: कैसे करती हैं कोरोना वॉरियर्स ड्यूटी, सुनें उनकी ही जुबानी

चंबा: हिमाचल प्रदेश मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से पहाड़ी जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई थी. रविवार को चंबा जिले के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश हुई,जिसके चलते किसान लोग काफी खुश हैं. चंबा जिले के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी होने से ठंड एक बार फिर लौट आई है और तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है.

चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में कुछ दिनों के बाद मक्की की फसल की बिजाई की जानी है. उससे पहले जितनी अधिक बारिश होती है उतनी जमीन में नमी होने से फसल के लिए अच्छी मानी जाती है. पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक बारिश हो रही रही है क्योंकि पिछले साल बेहद कम बारिश हुई थी जिसके चलते फसलों के लिए भी उस बारिश से लाभ नहीं हो पा रहा था. हालांकि इस साल की शुरुआत से ही अच्छी बारिश होने से किसान काफी खुश हैं. पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल से पहले जितनी अधिक बारिश होती है उतनी मक्की की फसल के लिए बेहतर मानी जाती है.

वीडियो.

बारिश में किसानों में खुशी

उम्मीद की जा रही है कि जिस तरह से बारिश हो रही है आने वाले समय में किसानों को इसका लाभ जरूर मिलेगा. इसके अलावा पहाड़ी इलाकों में किसानों ने मटर आलू की बिजाई करनी है. चंबा के पहाड़ी इलाकों में मटर और आलू की किसान बिजाई करते हैं. इन फसलों की बिजाई करने के लिए भी बारिश का होना बेहद जरूरी हो जाता है. यही वजह है कि रविवार को बारिश होने के चलते किसान काफी खुश हैं.

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क्या कहते हैं स्थानीय किसान ?

वहीं, दूसरी ओर स्थानीय किसानों का कहना है कि चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में वे मक्की की बिजाई करते हैं. उसके लिए भारी बारिश होने से जमीन में नमी बनी रहती है. ताकि जैसे ही मक्की की फसल की बिजाई शुरू होती है. उसके तुरंत बाद मक्की की फसल खेतों में लहलहा ने लगती है. उन्होंने बताया कि मटर और आलू की बिजाई के लिए बारिश अच्छी होती है. उन्होंने कहा कि जितनी अधिक बारिश होती है उतनी ही जमीन में नमी रहती है और उसका लाभ फसलों को मिलता है.

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