चंबा: अनलॉक दो के शुरू होते ही सरकार के अलावा अब विभिन्न सामाजिक परिवेशों का दायित्व भी बढ़ गया है. इसी कड़ी मे समाज के समस्त वर्गों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक व स्तर्क करने की जिम्मेदारी अब सीधे तौर पर शिक्षा विभाग में तैनात विभिन्न अध्यापकों ने भी कमान संभाल ली है.
जिला चंबा उपमंडल में भी प्रशासनिक बैठक में लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय के बाद अब लोगों को कोरोना के प्रति पूर्ण रूप से सचेत व जागरूक करने की जिम्मेदारी अध्यापकों ने संभाल ली है.
इसके लिए प्रशासन ने विभिन्न सीनीयर सेकेंडरी व हाई स्कूलों के प्रधानाचार्यों व मुख्य अध्यापकों को नोडल अधिकारी बनाकर उनके स्कूलों मे तैनात अध्यापकों व प्राध्यापकों को जागरूकता व निगरानी टीमों का गठन किया है.
जो जगह-जगह पर लोगों को कोरोना महामारी के दुष्प्रभाव, इसकी सुरक्षा व बचाव संबंधी उपायों को लोगों को विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान कर रहे हैं. साथ ही लोगों को मास्क की अनिवार्यता, सेनिटाइजर से हाथ धोने और सामाजिक दूरी का भी पाठ पढ़ा रहे हैं.
सीनियर सेकेंडरी स्कूल उदयपुर मे तैनात बायोलॉजी के प्रोफेसर दीपक कुमार ने भी बताया कि ये प्रशासन का एक अच्छा कदम है जिसके लिए वे अब अपने समस्त प्राध्यापकों की टीम के साथ नए सामाजिक दायित्व को निभा रहे हैं.
कोविड़-19 को लेकर जारी दिशा-निर्देशों के बाद अब अध्यापक वर्ग भी लोगों में जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका अदा कर रहा है. इसके तहत लोगों विशेषकर महिलाओं को दस वर्ष से कम आयु के बच्चों को घरों से बाहर न ले जाने, मास्क पहनने, साबुन या सेनिटाइजर से बार-बार हाथ धोने बारे विस्तारपूर्वक जानकारी सांझा कर रहा है.
इतना ही नहीं, कोरोना महामारी से बचाव व सुरक्षा के लिए अपनाए जाने वाले उपायों बारे भी लोगों को अवगत करवा रहे हैं. अध्यापकों की ओर से लोगों को बताया जा रहा है कि हर एक व्यक्ति का कर्त्तव्य बनता है कि वे समस्या का समाधान करवाने के लिए आगे बढ़े. जिससे इस महामारी से सभी को बचाया जा सके.
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