चंबा: इस महामारी के दौर में स्कूल पूरी तरह से बंद हैं. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. भले ही बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन जारी है, लेकिन स्कूल और क्लास रूम का माहौल ना मिलने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. बच्चे जितना क्लास रूम में सीखते हैं उतना ऑनलाइन पढ़ाई में नहीं सीखते.
बच्चों की इसी परेशानी को देखते हुए चंबा स्थित होली गांव के त्रिलोक सिंह ने अपने ही गांव में बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया. त्रिलोक सिंह गणित में एमएससी हैं. इसके साथ ही हाल में हुए पंचायत चुनाव में त्रिलोक को कुठेड और दुलार पंचायत से बीडीसी सदस्य चुना गया था.
चुनाव जीतने के बाद त्रिलोक ने लोगों तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का काम तो शुरू किया ही है, लेकिन इसके साथ ही अब त्रिलोक होली गांव सहित आसपास के गांव के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का काम भी कर रहे हैं. त्रिलोक का मानना है कि उनकी पढ़ाई लिखाई का लाभ इस दौर में बच्चों को मिले ये जरूरी है. वह बच्चों को ज्यादा से ज्यादा सीखाने की कोशिश करते हैं. त्रिलोक सिंह अपने घर में छठी कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा के बच्चों को मैथ, इंग्लिश, साइंस जैसे कठिन विषयों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं. त्रिलोक की पाठशाला का फायदा उन गरीब तबके के बच्चों को मिल रहा है जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं है. इसके साथ ही जहां सिग्नल की समस्या से जूझ रहे बच्चों को भी त्रिलोक की पाठशाला से राहत मिली है.
त्रिलोक सुबह 6:30 से 10:00 बजे तक बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं. उसके बाद पंचायत के बीडीसी सदस्य होने के नाते पंचायत के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं. त्रिलोक की पाठशाला में पढ़ने आ रहे बच्चों ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान उन्हें कई विषयों को समझने में समस्या आती थी, लेकिन अब उन्हें घर पर ही अच्छे से पढ़ाई करने का मौका मिल रहा है.
लोगों ने भी त्रिलोक के इस काम की सराहना की है. लोगों का मानना है कि राजनीति में हमेशा लोगों के पास समय की कमी होती है, लेकिन त्रिलोक इसके बाद भी बच्चों के लिए समय निकाल रहे हैं, ताकि उनका भविष्य खराब ना हों. वहीं, बीडीसी सदस्य त्रिलोक सिंह ने कहा कि वो बच्चों को रोजाना गणित, अंग्रेजी, विज्ञान पढ़ाते हैं, ताकि उन्हें इन विषयों को समझने में परेशानी ना हो.
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