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देवभूमि के डॉक्टर्स ने दांतों के लिए बनाई ये पद्धति, 5 सितंबर को कनाडा में पढ़ेंगे शोध - मरीज

राजधानी के दो डॉक्टर्स ने बनाई डेंटल इम्प्लांट नाम की नई पद्धति. रीज और लेबोरेट्री टेक्नीशियन को मिलेगा लाभ

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Published : Jun 22, 2019, 9:07 PM IST

शिमला: राजधानी के डेंटल कॉलेज के पेरियोडोटोलॉजी विभाग में सहायक आचार्य के रूप में कार्य कर रहे डॉ. दीपक शर्मा और डॉ. परवेश झिंगटा ने डेंटल इम्प्लांट नाम की नई पद्धति का निर्माण किया है.

डॉ. परवेश झिंगटा ने बताया कि जिस इम्प्लांट का नामकरण किया गया है वो एक पेचनुमा आकार का उपकरण है. जिसका उपयोग दांत निकालने के बाद जबड़े की हड्डी में लगाने के लिए किया जाता है, इसके बाद नकली दांत लगाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस पद्दति से मरीज और लेबोरेट्री टेक्नीशियन को लाभ होगा.

जानकारी देते डॉ. परवेश झिंगटा

डॉ. परवेश ने बताया कि ये पद्धति देश की पहली पद्धति है और 4, 5 सितंबर को अन्तरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें ये शोध पढ़े जाएंगे. कॉन्फ्रेंस में भारत के प्रख्यात दंत विशेषज्ञों को बुलाया गया है.

शिमला: राजधानी के डेंटल कॉलेज के पेरियोडोटोलॉजी विभाग में सहायक आचार्य के रूप में कार्य कर रहे डॉ. दीपक शर्मा और डॉ. परवेश झिंगटा ने डेंटल इम्प्लांट नाम की नई पद्धति का निर्माण किया है.

डॉ. परवेश झिंगटा ने बताया कि जिस इम्प्लांट का नामकरण किया गया है वो एक पेचनुमा आकार का उपकरण है. जिसका उपयोग दांत निकालने के बाद जबड़े की हड्डी में लगाने के लिए किया जाता है, इसके बाद नकली दांत लगाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस पद्दति से मरीज और लेबोरेट्री टेक्नीशियन को लाभ होगा.

जानकारी देते डॉ. परवेश झिंगटा

डॉ. परवेश ने बताया कि ये पद्धति देश की पहली पद्धति है और 4, 5 सितंबर को अन्तरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें ये शोध पढ़े जाएंगे. कॉन्फ्रेंस में भारत के प्रख्यात दंत विशेषज्ञों को बुलाया गया है.

Intro:डेंटल कॉलेज शिमला के दो चिकित्सको ने बनाई इम्प्लांट के नामकरण की नई पद्दति
4,5 सितंबर को कनाडा में पढ़ेंगे शोध

शिमला।
डेंटल कॉलेज शिमला के दो चिकित्सक डॉ दीपक शर्मा और डॉ परवेश झिंगटा ने डेंटल इम्प्लांट के नामकरण की नई पद्दति को बनाया है।दोनों चिकित्सक डेंटल कॉलेज के पेरियोडोटोलॉजी में बतौर सहायक आचार्य व आचार्य के रूप में कार्य कर रहे हैं।
इस सम्बंध में जानकारी देते हुए डॉ परवेश झिंगटा ने बताया कि जिस इम्प्लांट का नामकरण किया गया है वह एक पेचनुमा आकार का उपकरण होता है जिसे दांत निकालने के बाद जबड़े की हड्डी में फिक्स किया जाता है।


Body:ओर उकसे उपर नकली नकली दाँत लगाए जातें है। उन्होंने बताया कि अभी तक इस तरह की नाम पद्दति नही हुई है।
लेकिन इसके प्रयोग से चिकित्सक मरीज एवम लेबोरेट्री टेक्नीशियन के लिए लाभकारी रहेगी।
इस से यह पता लग जायेगा कि किस तरह का इम्प्लांट लगाया जा रहा है।



Conclusion:डॉ परवेश ने बताया कि 4 वे 5सिंतबर को अन्तर्राष्ट्र्रीय कॉन्फ्रेंस होगी जिसमें यह शोध पढ़े जाएंगे।इस मे भारत के प्रख्यात दंत विशेषग्यों को ही बुलाया गया है।
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