शिमला: राजधानी के डेंटल कॉलेज के पेरियोडोटोलॉजी विभाग में सहायक आचार्य के रूप में कार्य कर रहे डॉ. दीपक शर्मा और डॉ. परवेश झिंगटा ने डेंटल इम्प्लांट नाम की नई पद्धति का निर्माण किया है.
डॉ. परवेश झिंगटा ने बताया कि जिस इम्प्लांट का नामकरण किया गया है वो एक पेचनुमा आकार का उपकरण है. जिसका उपयोग दांत निकालने के बाद जबड़े की हड्डी में लगाने के लिए किया जाता है, इसके बाद नकली दांत लगाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस पद्दति से मरीज और लेबोरेट्री टेक्नीशियन को लाभ होगा.
डॉ. परवेश ने बताया कि ये पद्धति देश की पहली पद्धति है और 4, 5 सितंबर को अन्तरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें ये शोध पढ़े जाएंगे. कॉन्फ्रेंस में भारत के प्रख्यात दंत विशेषज्ञों को बुलाया गया है.