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दागदार छवि वाले अधिकारियों पर HC सख्त, राज्य सरकार से सूची की तलब

प्रदेश हाई कोर्ट ने दागदार छवि वाले अधिकारियों की सूची राज्य सरकार से तलब की है. प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी तलब की है कि जनहित में दागदार छवि वाले अधिकारियों को जबरन नौकरी से रिटायर किया गया है या नहीं.

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Published : Apr 17, 2019, 8:19 PM IST

हिमाचल हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

शिमला: प्रदेश हाई कोर्ट ने दागदार छवि वाले अधिकारियों की सूची राज्य सरकार से तलब की है. प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी तलब की है कि जनहित में दागदार छवि वाले अधिकारियों को जबरन नौकरी से रिटायर किया गया है या नहीं. अदालत ने उन सभी अधिकारियों की सूची तलब की है जिनके खिलाफ दागी छवि के कारण 1 जनवरी 2010 के बाद या तो आपराधिक मामले दायर किए गए हैं या उनके खिलाफ विभागीय जांच लंबित पड़ी है.

himachal high court (file photo)
हिमाचल हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने मुख्य सचिव द्वारा दायर शपथ पत्र का अवलोकन करने के पश्चात यह पाया कि शपथ पत्र में सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम नहीं दिए गए हैं. जोकि दागदार छवि के कारण विभागीय, विजिलेंस या पुलिस जांच का सामना कर रहे हैं.

फिलहाल न्यायालय के समक्ष दाखिल की गई सूची के मुताबिक 28 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है जबकि 16 के खिलाफ विभिन्न न्यायालय के समक्ष या तो आपराधिक मामले लंबित पड़े हैं या सजा होने के कारण उच्च अदालतों में अपीलें लंबित पड़ी है. न्यायालय ने पहले ही इस तरह के अधिकारियों को संवेदनशील पदों से हटाने सबंधी आदेश जारी कर रखे हैं अदालत ने इस मामले पर सुनवाई 19 जून को निर्धारित की है.

शिमला: प्रदेश हाई कोर्ट ने दागदार छवि वाले अधिकारियों की सूची राज्य सरकार से तलब की है. प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी तलब की है कि जनहित में दागदार छवि वाले अधिकारियों को जबरन नौकरी से रिटायर किया गया है या नहीं. अदालत ने उन सभी अधिकारियों की सूची तलब की है जिनके खिलाफ दागी छवि के कारण 1 जनवरी 2010 के बाद या तो आपराधिक मामले दायर किए गए हैं या उनके खिलाफ विभागीय जांच लंबित पड़ी है.

himachal high court (file photo)
हिमाचल हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने मुख्य सचिव द्वारा दायर शपथ पत्र का अवलोकन करने के पश्चात यह पाया कि शपथ पत्र में सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम नहीं दिए गए हैं. जोकि दागदार छवि के कारण विभागीय, विजिलेंस या पुलिस जांच का सामना कर रहे हैं.

फिलहाल न्यायालय के समक्ष दाखिल की गई सूची के मुताबिक 28 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है जबकि 16 के खिलाफ विभिन्न न्यायालय के समक्ष या तो आपराधिक मामले लंबित पड़े हैं या सजा होने के कारण उच्च अदालतों में अपीलें लंबित पड़ी है. न्यायालय ने पहले ही इस तरह के अधिकारियों को संवेदनशील पदों से हटाने सबंधी आदेश जारी कर रखे हैं अदालत ने इस मामले पर सुनवाई 19 जून को निर्धारित की है.

प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी तलब की है कि जनहित में दागदार छवि वाली अधिकारीयों को जबरन नौकरी से रिटायर किया गया है या नहीं/   अदालत ने उन सभी अधिकारियों की सूची तलब की है जिनके खिलाफ उनकी दागी छबि के कारण जनवरी 2010 के बाद या तो आपराधिक मामले दायर किये गए है या उनके खिलाफ विभागीय जांच लम्बित पड़ी है।

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने मुख्य सचिव द्वारा दायर शपथ पत्र का अवलोकन करने के पश्चात यह पाया कि शपथ पत्र में सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम नहीं दिए गए हैं जो कि दागदार छबि के कारण विभागीय, विजिलेंस या पुलिस जांच का सामना कर रहे है। फिलहाल न्यायालय के समक्ष दाखिल की गई सूची के मुताबिक 28 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है जबकि 16के खिलाफ विभिन्न न्यायालय के समक्ष या तो आपराधिक मामले लंबित पड़े है या उन्हें सजा होने के कारणउच्च अदालतों में अपीलें लम्बित पड़ी है। न्यायालय ने पहले ही इस तरह के अधिकारियों को संवेदनशील पदों से हटाने बाबत आदेश जारी कर रखे है। अदालत ने इस मामले पर सुनवाई 19 जून को निर्धारित की है।

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