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निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी पर रोक, सरकार ने तय किया फीस स्ट्रक्चर

निजी विश्विद्यालय सरकार की मंजूरी के बिना कोई कोर्स भी नहीं शुरू कर पाएंगे. सरकार की ओर से तय यह फीस स्ट्रक्चर 21 निजी विश्वविद्यालयों के लिए मान्य है.

शिक्षा विभाग
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Published : Jun 14, 2019, 8:58 AM IST

शिमला: प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के लिए सत्र 2019-20 के लिए सरकार की ओर से फीस स्ट्रक्चर तय कर दिया गया है. तय किए गए फीस स्ट्रक्चर को शिक्षा विभाग की ओर से सभी विश्वविद्यालयों के लिए जारी कर दिया गया है.

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हर एक विश्वविद्यालय में जो संबंधित कोर्स चल रहे हैं उनके लिए फीस सरकार की ओर से तय की गई है. तय फीस से अधिक फीस अब विश्वविद्यालय नहीं ले सकेंगे और न ही फीस में इजाफा कर सकेंगे. सरकार की ओर से यह तय फीस स्ट्रक्चर निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए जारी किया गया है.

विशेष सचिव शिक्षा की ओर से जारी नए फीस स्ट्रक्चर में स्पष्ट किया गया है कि अगर तय फीस से ज्यादा वसूली गई तो उक्त विश्वविद्यालय पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. ट्यूशन फीस को किस्तों में लिया जाएगा. निजी विश्वविद्यालय पहले की तरह बिल्डिंग फंड, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, डेवलेपमेंट फंड छात्रों से नहीं वसूल पाएंगे.

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निजी विश्वविद्यालयों को 10 फीसदी सीटें आईआरडीपी/बीपीएल, हिमाचली बोनाफाइड छात्रों के लिए रखनी होगी. निजी विश्वविद्यालय सरकार की मंजूरी के बिना कोई कोर्स भी नहीं शुरू कर पाएंगे. सरकार की ओर से तय यह फीस स्ट्रक्चर 21 निजी विश्वविद्यालयों के लिए मान्य है. मेडिकल से लेकर तकनीकी और पीएचडी कोर्सेज के लिए यह फीस स्ट्रक्चर सरकार की ओर से तय किया गया है.

शिमला: प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के लिए सत्र 2019-20 के लिए सरकार की ओर से फीस स्ट्रक्चर तय कर दिया गया है. तय किए गए फीस स्ट्रक्चर को शिक्षा विभाग की ओर से सभी विश्वविद्यालयों के लिए जारी कर दिया गया है.

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हर एक विश्वविद्यालय में जो संबंधित कोर्स चल रहे हैं उनके लिए फीस सरकार की ओर से तय की गई है. तय फीस से अधिक फीस अब विश्वविद्यालय नहीं ले सकेंगे और न ही फीस में इजाफा कर सकेंगे. सरकार की ओर से यह तय फीस स्ट्रक्चर निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए जारी किया गया है.

विशेष सचिव शिक्षा की ओर से जारी नए फीस स्ट्रक्चर में स्पष्ट किया गया है कि अगर तय फीस से ज्यादा वसूली गई तो उक्त विश्वविद्यालय पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. ट्यूशन फीस को किस्तों में लिया जाएगा. निजी विश्वविद्यालय पहले की तरह बिल्डिंग फंड, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, डेवलेपमेंट फंड छात्रों से नहीं वसूल पाएंगे.

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निजी विश्वविद्यालयों को 10 फीसदी सीटें आईआरडीपी/बीपीएल, हिमाचली बोनाफाइड छात्रों के लिए रखनी होगी. निजी विश्वविद्यालय सरकार की मंजूरी के बिना कोई कोर्स भी नहीं शुरू कर पाएंगे. सरकार की ओर से तय यह फीस स्ट्रक्चर 21 निजी विश्वविद्यालयों के लिए मान्य है. मेडिकल से लेकर तकनीकी और पीएचडी कोर्सेज के लिए यह फीस स्ट्रक्चर सरकार की ओर से तय किया गया है.

Intro:प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के लिए सत्र 2019-20 के लिए सरकार की ओर से फीस स्ट्रक्चर तय कर दिया गया हैं । तय किए गए फ़ीस स्ट्रक्चर को शिक्षा विभाग की ओर से सभी विश्वविद्यालयों के लिए जारी कर दिया गया है। जो स्ट्रक्चर तय किया गया है उसे विषयवार जारी किया गया है। हर एक विश्वविद्यालय में जो संबंधित कोर्स चल रहे है उनके लिए फीस सरकार की ओर से तय की गई है। इस तय फीस के अधिक फ़ीस अब विश्वविद्यालय नहीं ले सकेंगे ना ही फ़ीस में बढ़ौतरी कर सकेंगे। सरकार की ओर से यह तय फ़ीस स्ट्रक्चर निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए जारी किया गया है।


Body:शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में यह सपष्ट लिखा गया है कि अगर इस तय फ़ीस से ज्यादा फीस वसूली गई तो उक्त विश्वविद्यालय पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा सचिव की ओर से तय इस फ़ीस स्ट्रक्चर में साफ किया गया है कि निजी विश्वविद्यालय ट्यूशन फीस किस्तों में लिया जाएगा। इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर,बिल्डिंग ओर डेवलपमेंट फंड विद्यार्थियों से नहीं वसूल सकेंगे। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि निजी विश्वविद्यालयों को 10 फीसदी सीटें आईआरडीपी/बीपीएल,हिमाचली बोनिफाइड छात्रों के लिए रखनी होगी। निजी विश्वविद्यालयों पर नकेल कसते हुए यह भी फ़ैसला सरकार की ओर से लिया गया है कि निजी विवि सरकार की मंजूरी के बिना कोई कोर्स भी नहीं शुरू कर पाएंगे ना ही उसका तय फीस स्ट्रक्चर मान्य होगा।


Conclusion:बता दे कि सरकार की ओर से तय यह फ़ीस स्ट्रक्चर 21 निजी विश्वविद्यालयों के लिए तय किया है। हर एक विश्वविद्यालय को उनके पढ़ाए जा रहे कोर्सेज के आधार पर ही फ़ीस तय की गई है। किस कोर्स की कितनी फ़ीस सरकार की ओर से तय की गई है उसकी जानकारी शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना से भी प्रदान हो सकती हैं। मेडिकल से लेकर तकनीकी और पीएचडी कोर्सेज के लिए यह फ़ीस स्ट्रक्चर सरकार की ओर से तय किया गया है। पूरे शैक्षणिक सत्र के लिए निजी विश्वविद्यालयों के लिए यही फीस स्ट्रक्चर रहेगा ।
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