शिमला: लंबी माथापच्ची के बाद कांग्रेस पार्टी ने आखिरकार हिमाचल की 2 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. मंडी से पंडित सुखराम को पोते और शिमला संसदीय क्षेत्र से कर्नल धनीराम राम शांडिल को उम्मीदवार बनाया गया है.
बता दें कि धनीराम शांडिल पहली बार सुखराम की हिविकां (हिमाचल विकास कांग्रेस) से एमपी बने थे. और अब कांग्रेस से मैदान में उतर रहे हैं. फिलहाल धनीराम सोलन से विधायक हैं.
आइए एक नजर डालते हैं धनीराम के अब तक के राजनीतिक सफर पर
धनीराम शांडिल का जन्म 20 अक्टूबर 1940 को ग्राम बसेल, तहसील कंडाघाट, जिला सोलन में हुआ था. इन्होंने M.A, M,PHIL और PHD की शिक्षा ग्रहण की है. धनीराम की दो बेटियां और एक बेटा है.
1962 से 1996 तक सशस्त्र बलों में अपनी सेवाएं दी और कर्नल के रूप में सेवानिवृत्त हुए. वह 13वीं संसद में शिमला संसदीय सीट से हिमाचल विकास कांग्रेस से लोकसभा के सदस्य रहे. बाद में 14 वीं संसद में भी दोबारा कांग्रेस पार्टी से लोकसभा के लिए चुने गये. उन्होंने 2012 में सोलन विधानसभा से चुनाव जीता. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी कुमारी शीला को 4472 मतों से पराजित किया था. अब 2019 में कांग्रेस पार्टी से एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं.
धनीराम शांडिल मिजरोम, मेघालय और अरूणाचल प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी भी रह चुके हैं. अप्रैल 2011 से सितंबर 2013 तक कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य भी रह चुके हैं.
दिसंबर 2012 में राज्य विधानसभा के लिए सोलन से निर्वाचित हुए और 25 दिसंबर 2012 से 21 दिसंबर 2017 तक सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के पद पर रहे. दिसंबर, 2017 में तेरहवीं विधानसभा (दूसरा कार्यकाल) के लिए फिर से निर्वाचित हुए और सदस्य, कल्याण, लोक प्रशासन और नैतिकता समितियों के पद पर रहे.
धनीरम को पढ़ना, संगीत सुनना (शास्त्रीय), ट्रेकिंग, प्रकृति में लंबी सैर, टेनिस, गोल्फ और बैडमिंटन खेलने का शौक है.
इनको हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी भाषा पर अच्छी पकड़ है और थाईलैंड, भूटान, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा की सैर कर चुके हैं.