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बिलासपुर में तीसरे दिन भी दिखा कोरोना कर्फ्यू का असर, गलियां और चौराहे सुनसान - टैक्सी चालक हुए परेशान

कोरोना की दूसरी लहर के खतरे को देखते हुए प्रदेश में लगाए गए कोरोना कर्फ्यू का असर बिलासपुर में तीसरे दिन भी देखने को मिला. शहर के बाजार, गलियां व चौराहें सुनसान हो गए और जगह जगह पुलिस का पहरा लगा रहा.

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Published : May 9, 2021, 7:26 PM IST

बिलासपुर: कोरोना की दूसरी लहर के खतरे को देखते हुए प्रदेश में लगाए गए कोरोना कर्फ्यू का असर बिलासपुर में तीसरे दिन भी देखने को मिला. दोपहर के दो बजते ही सभी दुकानें बंद होने के बाद बिलासपुर में पूरी तरह से सन्नाटा छा गया. शहर के बाजार, गलियां व चौराहें सुनसान हो गए और जगह जगह पुलिस का पहरा लगा रहा.

जगह जगह पुलिस तैनात

हालांकि, बिलासपुर में दो बजे के बाद गाड़ियों और राहगीरों की आवाजाही के लिए कोई मनाही नहीं है, लेकिन व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने और कोरोना कर्फ्यू की पालना सुनिश्चित करने के लिए पुलिस तैनात की गई है.

घरों से बहार नहीं निकल रहे लोग

वहीं, बिलासपुर में कोरोना कर्फ्यू के तीसरे दिन बहुत कम लोग अपने घरों से बहार निकले हैं. जरूरत की दुकानों पर किसी प्रकार की कोई भीड़ नजर नहीं आई. जिससे साफ है कि बिलासपुर में लोग कोरोना कर्फ्यू का सही तरीके से पालन कर रहे हैं. साथ ही दुकानदारों ने दुकानों पर भीड़ अधिक न होने व सोशल डिस्टेंसिंग की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए गोले व रस्सी लगा दी है.

कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक

कोरोना के खतरे को दिन-प्रतिदिन बढ़ते देख अब लोगों ने भी नियमों की पालना सही तरीके से करना शुरू कर दिया है. पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार लोग काफी भयभीत हैं और घरों से निकलने से गुरेज कर रहे हैं. जबकि, पिछले वर्ष लॉकडाउन व जनता कर्फ्यू के दौरान कई लोग अपने घरों से जानबूझ कर बहार निकल जाते थे, जिससे पुलिस प्रशासन को काफी सख्ती करनी पड़ी थी.

लेकिन, इस बार कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हो रही है, जिसके चलते लोग बिना कार्य से घरों से बाहर नहीं निकल रहे. पुलिस को भी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ रही.

सवारियां न मिलने से टैक्सी चालक हुए परेशान

वहीं, कोरोना कर्फ्यू के दौरान टैक्सियों को चलने की अनुमति है. लेकिन, जब लोग ही घरों से बाहर नहीं निकलेंगे, तो टैक्सियां किसके लिए चलेंगी. अधिकतकर टैक्सियों का उपयोग आपातकालीन स्थिति में ही हो रहा है. बाकी पूरा दिन टैक्सी चालक अपनी गाडियों सहित टैक्सी स्टैंड पर खड़े रहते हैं.

जिसके चलते उन्हें अब गाड़ी की किश्त व टैक्स आदि की चिंता सताने लगी है. टैक्सी चालकों का कहना है कि कोरोना के खतरे के चलते लोग बहुत कम घरों से निकल रहे हैं और काफी रूटों पर एचआरटीसी की बसें चल रही हैं. ऐसे में उन्हें सवारी नहीं मिल रही हैं.

ये भी पढ़ें- HPU के PG परिणाम में हो सकती है देरी, अभी तक शुरू नहीं हुआ पेपर चेकिंग का काम

बिलासपुर: कोरोना की दूसरी लहर के खतरे को देखते हुए प्रदेश में लगाए गए कोरोना कर्फ्यू का असर बिलासपुर में तीसरे दिन भी देखने को मिला. दोपहर के दो बजते ही सभी दुकानें बंद होने के बाद बिलासपुर में पूरी तरह से सन्नाटा छा गया. शहर के बाजार, गलियां व चौराहें सुनसान हो गए और जगह जगह पुलिस का पहरा लगा रहा.

जगह जगह पुलिस तैनात

हालांकि, बिलासपुर में दो बजे के बाद गाड़ियों और राहगीरों की आवाजाही के लिए कोई मनाही नहीं है, लेकिन व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने और कोरोना कर्फ्यू की पालना सुनिश्चित करने के लिए पुलिस तैनात की गई है.

घरों से बहार नहीं निकल रहे लोग

वहीं, बिलासपुर में कोरोना कर्फ्यू के तीसरे दिन बहुत कम लोग अपने घरों से बहार निकले हैं. जरूरत की दुकानों पर किसी प्रकार की कोई भीड़ नजर नहीं आई. जिससे साफ है कि बिलासपुर में लोग कोरोना कर्फ्यू का सही तरीके से पालन कर रहे हैं. साथ ही दुकानदारों ने दुकानों पर भीड़ अधिक न होने व सोशल डिस्टेंसिंग की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए गोले व रस्सी लगा दी है.

कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक

कोरोना के खतरे को दिन-प्रतिदिन बढ़ते देख अब लोगों ने भी नियमों की पालना सही तरीके से करना शुरू कर दिया है. पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार लोग काफी भयभीत हैं और घरों से निकलने से गुरेज कर रहे हैं. जबकि, पिछले वर्ष लॉकडाउन व जनता कर्फ्यू के दौरान कई लोग अपने घरों से जानबूझ कर बहार निकल जाते थे, जिससे पुलिस प्रशासन को काफी सख्ती करनी पड़ी थी.

लेकिन, इस बार कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हो रही है, जिसके चलते लोग बिना कार्य से घरों से बाहर नहीं निकल रहे. पुलिस को भी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ रही.

सवारियां न मिलने से टैक्सी चालक हुए परेशान

वहीं, कोरोना कर्फ्यू के दौरान टैक्सियों को चलने की अनुमति है. लेकिन, जब लोग ही घरों से बाहर नहीं निकलेंगे, तो टैक्सियां किसके लिए चलेंगी. अधिकतकर टैक्सियों का उपयोग आपातकालीन स्थिति में ही हो रहा है. बाकी पूरा दिन टैक्सी चालक अपनी गाडियों सहित टैक्सी स्टैंड पर खड़े रहते हैं.

जिसके चलते उन्हें अब गाड़ी की किश्त व टैक्स आदि की चिंता सताने लगी है. टैक्सी चालकों का कहना है कि कोरोना के खतरे के चलते लोग बहुत कम घरों से निकल रहे हैं और काफी रूटों पर एचआरटीसी की बसें चल रही हैं. ऐसे में उन्हें सवारी नहीं मिल रही हैं.

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