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गोबिंद सागर झील में होगी विदेशी परिंदों की गिनती व प्रजातियों की पहचान, एक्सपर्ट की टीम कल करेगी सर्वेक्षण - वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया एजेंसी

बिलासपुर की गोबिंद सागर झील में विदेशी परिंदों की गिनती व प्रजातियों की पहचान के लिए पहली बार सर्वेक्षण किया जा रहा है. यह सर्वेक्षण रविवार के दिन 30 एक्सपर्ट की टीम द्वारा किया जाएगा. (Gobind Sagar lake of Bilaspur)

Gobind Sagar lake of Bilaspur
Gobind Sagar lake of Bilaspur
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Published : Feb 4, 2023, 2:31 PM IST

गोबिंद सागर झील का बनेगा इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में पहली बार रविवार के दिन गोबिंद सागर झील में हर साल आने वाले विदेशी मेहमानों की गिनती व प्रजातियों की पहचान के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है. यह सर्वे वन विभाग के सहयोग से वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया और बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी नामक एजेंसियां करेंगी. इसमें कॉलेज के छात्र व स्थानीय प्रबुद्धवर्ग को भी शुमार किया गया है.

गोबिंद सागर झील में विदेशी परिंदों की होगी गिनती: सर्वेक्षण कार्य के लिए 30 एक्सपर्ट की टीम तैयार की गई है. यह टीम रविवार को 5 घंटे की अवधि में सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगी. झील में पांच मोटर बोटों के माध्यम से यह कार्य किया जाएगा और हर मोटर बोट पर 6-6 एक्सपर्ट सवार होंगे. इन एक्सपर्ट के साथ 2-2 विभागीय एक्सपर्ट भी कैमरा व अन्य सुविधाओं से सुसज्जित होंगे. सभी मोटर बोटें गोबिंद सागर झील में अलग-अलग दिशाओं में जाकर सर्वे कार्य करेगी. इसके तहत विदेशी परिंदों की गिनती करने के अलावा इनकी प्रजाति की पहचान की जाएगी और इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट बनेगी जिसे केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाएगा.

सर्वेक्षण के लिए चयनित टीम को ट्रेनिंग करवाई गई
सर्वेक्षण के लिए चयनित टीम को ट्रेनिंग करवाई गई

वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया एजेंसी की जूनियर टेक्निकल ऑफिसर अपूर्वा थापा ने गोबिंद सागर झील में एशियन वाटर बर्ड सेशन करवाए जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि शनिवार को वन मंडल अधिकारी कार्यालय के हॉल में सर्वेक्षण के लिए चयनित टीम को ट्रेनिंग करवाई गई जिसमें विशेष रूप से वन विभाग के मुख्य अरण्यपाल अनिल ठाकुर भी मौजूद रहे. उन्होंने भी अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि रविवार को सुबह के समय सर्वेक्षण के लिए टीम लुहणू मैदान से मोटर बोटों के माध्यम से रवाना होगी और यह कार्य पांच घंटे की अवधि में किया जाएगा.

माईग्रेटर पक्षियों की पहचान कर जुटाया जाएगा आंकड़ा: उन्होंने बताया कि अभी तीन दिन पहले पौंग डैम में सर्वे किया गया है. गोबिंद सागर झील में आज तक कभी भी सर्वे नहीं हुआ था जिसके चलते इस बार बिलासपुर में सर्वेक्षण करने का निर्णय हुआ और योजना की पूरी रूपरेखा तैयार की गई है. इसके तहत माईग्रेटर पक्षियों की पहचान कर सही आंकड़े का पता लगाने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने बताया कि यह सर्वे अब हर साल गोबिंद सागर झील और पौंग डैम में किया जाएगा. योजना के तहत पौंग डैम और गोबिंद सागर का इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जाएगा.

पहली बार गोबिंद सागर झील का बनेगा इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान: वेटलैंड्स कंजर्वेशन को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरनमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज के सौजन्य से वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया और बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी नामक एजेंसियां सेंट्रल एशियन फ्लाईवे वेटलैंड प्रोजेक्ट पर संयुक्त रूप से कार्य कर रही है. वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया एजेंसी की टेक्निकल ऑफिसर अरघ्य चक्रवर्ती के अनुसार हिमालयन जोन के तीन राज्यों हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और सिक्किम में सर्वेक्षण किया जा रहा है. गोबिंद सागर झील का इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान पहली बार तैयार किया जा रहा है. सेंट्रल एशियन फ्लाईवे से किन किन प्रजातियों के पक्षी यहां आते हैं और पहले सीजन के दौरान इनकी कितनी तादाद रहती है और वर्तमान में तादाद कितनी रह गई है. इसका पता लगाया जाएगा.

गोबिंद सागर झील का बनेगा इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में पहली बार रविवार के दिन गोबिंद सागर झील में हर साल आने वाले विदेशी मेहमानों की गिनती व प्रजातियों की पहचान के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है. यह सर्वे वन विभाग के सहयोग से वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया और बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी नामक एजेंसियां करेंगी. इसमें कॉलेज के छात्र व स्थानीय प्रबुद्धवर्ग को भी शुमार किया गया है.

गोबिंद सागर झील में विदेशी परिंदों की होगी गिनती: सर्वेक्षण कार्य के लिए 30 एक्सपर्ट की टीम तैयार की गई है. यह टीम रविवार को 5 घंटे की अवधि में सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगी. झील में पांच मोटर बोटों के माध्यम से यह कार्य किया जाएगा और हर मोटर बोट पर 6-6 एक्सपर्ट सवार होंगे. इन एक्सपर्ट के साथ 2-2 विभागीय एक्सपर्ट भी कैमरा व अन्य सुविधाओं से सुसज्जित होंगे. सभी मोटर बोटें गोबिंद सागर झील में अलग-अलग दिशाओं में जाकर सर्वे कार्य करेगी. इसके तहत विदेशी परिंदों की गिनती करने के अलावा इनकी प्रजाति की पहचान की जाएगी और इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट बनेगी जिसे केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाएगा.

सर्वेक्षण के लिए चयनित टीम को ट्रेनिंग करवाई गई
सर्वेक्षण के लिए चयनित टीम को ट्रेनिंग करवाई गई

वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया एजेंसी की जूनियर टेक्निकल ऑफिसर अपूर्वा थापा ने गोबिंद सागर झील में एशियन वाटर बर्ड सेशन करवाए जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि शनिवार को वन मंडल अधिकारी कार्यालय के हॉल में सर्वेक्षण के लिए चयनित टीम को ट्रेनिंग करवाई गई जिसमें विशेष रूप से वन विभाग के मुख्य अरण्यपाल अनिल ठाकुर भी मौजूद रहे. उन्होंने भी अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि रविवार को सुबह के समय सर्वेक्षण के लिए टीम लुहणू मैदान से मोटर बोटों के माध्यम से रवाना होगी और यह कार्य पांच घंटे की अवधि में किया जाएगा.

माईग्रेटर पक्षियों की पहचान कर जुटाया जाएगा आंकड़ा: उन्होंने बताया कि अभी तीन दिन पहले पौंग डैम में सर्वे किया गया है. गोबिंद सागर झील में आज तक कभी भी सर्वे नहीं हुआ था जिसके चलते इस बार बिलासपुर में सर्वेक्षण करने का निर्णय हुआ और योजना की पूरी रूपरेखा तैयार की गई है. इसके तहत माईग्रेटर पक्षियों की पहचान कर सही आंकड़े का पता लगाने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने बताया कि यह सर्वे अब हर साल गोबिंद सागर झील और पौंग डैम में किया जाएगा. योजना के तहत पौंग डैम और गोबिंद सागर का इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जाएगा.

पहली बार गोबिंद सागर झील का बनेगा इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान: वेटलैंड्स कंजर्वेशन को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरनमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज के सौजन्य से वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया और बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी नामक एजेंसियां सेंट्रल एशियन फ्लाईवे वेटलैंड प्रोजेक्ट पर संयुक्त रूप से कार्य कर रही है. वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया एजेंसी की टेक्निकल ऑफिसर अरघ्य चक्रवर्ती के अनुसार हिमालयन जोन के तीन राज्यों हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और सिक्किम में सर्वेक्षण किया जा रहा है. गोबिंद सागर झील का इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान पहली बार तैयार किया जा रहा है. सेंट्रल एशियन फ्लाईवे से किन किन प्रजातियों के पक्षी यहां आते हैं और पहले सीजन के दौरान इनकी कितनी तादाद रहती है और वर्तमान में तादाद कितनी रह गई है. इसका पता लगाया जाएगा.

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