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प्रेरणा: जन्म से ही दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन फिर भी कर लेता है ड्राइविंग और हर काम

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Published : Sep 7, 2020, 2:40 PM IST

Updated : Sep 27, 2020, 7:51 PM IST

ग्राम पंचायत तनबोल के गांव नाल के विनोद कुमार के हाथ नहीं होने के बावजूद भी अपने सारे काम कर रहा है और परिवार का पालन पोषण कर रहा है. बिना हाथ के यह युवक हर काम करने में माहिर है चाहे गाड़ी चलाना हो या कोई अन्य काम हो.

special story of etv bharat on divyang Vinod Kumar of bilaspur
डिजाइन फोटो.

बिलासपुर: जिला बिलासपुर के स्वारघाट के साथ लगती ग्राम पंचायत तनबोल के गांव नाल के विनोद कुमार के हाथ नहीं होने के बावजूद भी कठिनाइयों को बोझ न समझते हुए युवक अपने सारे काम कर रहा है और परिवार का पालन पोषण कर रहा है.

बिना हाथ के यह युवक हर काम करने में माहिर है चाहे गाड़ी चलाना हो या कोई अन्य काम हो. यह युवक बड़ी ईमानदारी से करता है. बता दें कि वर्ष 1992 में विनोद कुमार का जन्म हुआ था और जन्म से ही उसके दोनों हाथ नहीं हैं.

वीडियो.

दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद भी विनोद कुमार ने हिम्मत नहीं हारी और तनबौल स्कूल से अपनी बाहरवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद ए ग्रेड में बीसीए की पढ़ाई भी पूरी की. जिसमें वार्षिक परीक्षाओं में बिना हाथों के भी विनोद ने सामान्य विद्यार्थियों की तरह पेपर दिए थे.

पढ़ाई के साथ साथ विनोद कुमार खेलों में भी काफी रुचि रखता है और अपने पसंदीदा खेल वॉलीबाल में जिला स्तर तक वॉलीबाल खेलकर स्कूल का नाम भी रोशन किया है. दिव्यांग होने के कारण विनोद कुमार के इस हौसले की सभी तारीफ कर रहे हैं.

विनोद कुमार गाड़ी चलाने में भी माहिर है और आसानी से गाड़ी चला लेता है. विनोद कुमार ने बताया दिव्यांग होने के कारण सरकार की ओर से उन्हें दिव्यांग पेंशन भी लगाई गई है, लेकिन उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि अच्छी पढ़ाई करने के बावजूद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली.

विनोद कुमार ने सरकार से कई बार गुहार भी लगाई, लेकिन उसके बाबजूद भी उन्हें कोई नौकरी नहीं मिल पाई है. जिससे वह सरकार से काफी निराश हुए हैं. वहीं, उन्होंने दोबारा से सरकार से आग्रह किया है कि दिव्यांग होने के चलते उन्हें कोई नौकरी दी जाए, ताकि वह अपने परिवार का वह खुद का पालन पोषण आसानी से कर सके.

बिलासपुर: जिला बिलासपुर के स्वारघाट के साथ लगती ग्राम पंचायत तनबोल के गांव नाल के विनोद कुमार के हाथ नहीं होने के बावजूद भी कठिनाइयों को बोझ न समझते हुए युवक अपने सारे काम कर रहा है और परिवार का पालन पोषण कर रहा है.

बिना हाथ के यह युवक हर काम करने में माहिर है चाहे गाड़ी चलाना हो या कोई अन्य काम हो. यह युवक बड़ी ईमानदारी से करता है. बता दें कि वर्ष 1992 में विनोद कुमार का जन्म हुआ था और जन्म से ही उसके दोनों हाथ नहीं हैं.

वीडियो.

दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद भी विनोद कुमार ने हिम्मत नहीं हारी और तनबौल स्कूल से अपनी बाहरवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद ए ग्रेड में बीसीए की पढ़ाई भी पूरी की. जिसमें वार्षिक परीक्षाओं में बिना हाथों के भी विनोद ने सामान्य विद्यार्थियों की तरह पेपर दिए थे.

पढ़ाई के साथ साथ विनोद कुमार खेलों में भी काफी रुचि रखता है और अपने पसंदीदा खेल वॉलीबाल में जिला स्तर तक वॉलीबाल खेलकर स्कूल का नाम भी रोशन किया है. दिव्यांग होने के कारण विनोद कुमार के इस हौसले की सभी तारीफ कर रहे हैं.

विनोद कुमार गाड़ी चलाने में भी माहिर है और आसानी से गाड़ी चला लेता है. विनोद कुमार ने बताया दिव्यांग होने के कारण सरकार की ओर से उन्हें दिव्यांग पेंशन भी लगाई गई है, लेकिन उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि अच्छी पढ़ाई करने के बावजूद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली.

विनोद कुमार ने सरकार से कई बार गुहार भी लगाई, लेकिन उसके बाबजूद भी उन्हें कोई नौकरी नहीं मिल पाई है. जिससे वह सरकार से काफी निराश हुए हैं. वहीं, उन्होंने दोबारा से सरकार से आग्रह किया है कि दिव्यांग होने के चलते उन्हें कोई नौकरी दी जाए, ताकि वह अपने परिवार का वह खुद का पालन पोषण आसानी से कर सके.

Last Updated : Sep 27, 2020, 7:51 PM IST
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