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बिलासपुर में धूमधाम से मनाई गई ईद, मुस्लिम भाइयों ने घरों में ही अदा की नमाज

कोरोना काल में बिलासपुर में ईद उल जुहा का त्योहार मुस्लिम समुदाय में उत्साह के साथ अपने-अपने घरों में मनाया है. वक्त की नजाकत को देखते हुए किसी भी मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ी. लोगों ने अपने घरों में ही नमाज अदा की.

Eid al Adha
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Published : Aug 1, 2020, 7:38 PM IST

बिलासपुर: कोरोना काल में बिलासपुर में ईद उल जुहा का त्योहार मुस्लिम समुदाय में उत्साह के साथ अपने-अपने घरों में मनाया है. वक्त की नजाकत को देखते हुए किसी भी मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ी. लोगों ने अपने घरों के बरामदे, आंगन और छत पर नमाज अदा की.

सरकारों के आदेशानुसार नमाजी इस बार भी मस्जिदों में नहीं गए हैं, उन्होंने अपने घरों में ही ईद की नमाज अदा की. नगर के प्रमुख बाजारों में काफी रौनक रही. वहीं, अपने गैर मजहबी भाईयों को उपहार देने के लिए मिठाइंयों का आदान प्रदान खूब हुआ.

गौर हो कि ईद की नमाज गुनाहों से माफी का उत्तम दिन है. नामाजियों को जहां अल्लाह की रहमतें व बरकतें प्राप्त होती हैं. मान्यता है कि इस खास नमाज से साल भर के गुनाह पतझड़ में झड़ रहे पत्तों की तरह नमाजी के शरीर से हट जाते हैं.

नमाज के फौरन बाद बकरों की कुर्बानी का सिलसिला भी उत्साहपूर्वक अपने घरों में शुरू है, जो आगामी दो दिन और जिला भर में जारी रहेगा. जिला मुस्लिम वेलफेयर कमेटी के प्रधान नसीम मुहम्मद व संयोजक गुलाम मुहयूदीन ने बताया कि दावतों का आयोजन इस बार नहीं हो रहा है. लोग इनसे भी परहेज कर रहे हैं. महिलाओं व बच्चों में भी ईद-उल-जुहा का काफी उत्साह नजर आया.

सभी नए परिधानों में सजे धजे जिला भर में नजर आ रहे हैं. नगर सुधार समिति के प्रधान दिनेष कुमार, प्रेस सचिव तनुज सोनी, उप-प्रधान संजीव ढिल्लो व महासचिव राजेन्द्र गौतम ईद की मुबारकबाद देने विषेश तौर पर जिला मुस्लिम वेलफेयर कमेटी के कार्यालय में पहुंचे.

पढ़ें: बेटे की चाह में बाप बना कातिल, पैदा होते ही बच्ची को उतारा मौत के घाट

बिलासपुर: कोरोना काल में बिलासपुर में ईद उल जुहा का त्योहार मुस्लिम समुदाय में उत्साह के साथ अपने-अपने घरों में मनाया है. वक्त की नजाकत को देखते हुए किसी भी मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ी. लोगों ने अपने घरों के बरामदे, आंगन और छत पर नमाज अदा की.

सरकारों के आदेशानुसार नमाजी इस बार भी मस्जिदों में नहीं गए हैं, उन्होंने अपने घरों में ही ईद की नमाज अदा की. नगर के प्रमुख बाजारों में काफी रौनक रही. वहीं, अपने गैर मजहबी भाईयों को उपहार देने के लिए मिठाइंयों का आदान प्रदान खूब हुआ.

गौर हो कि ईद की नमाज गुनाहों से माफी का उत्तम दिन है. नामाजियों को जहां अल्लाह की रहमतें व बरकतें प्राप्त होती हैं. मान्यता है कि इस खास नमाज से साल भर के गुनाह पतझड़ में झड़ रहे पत्तों की तरह नमाजी के शरीर से हट जाते हैं.

नमाज के फौरन बाद बकरों की कुर्बानी का सिलसिला भी उत्साहपूर्वक अपने घरों में शुरू है, जो आगामी दो दिन और जिला भर में जारी रहेगा. जिला मुस्लिम वेलफेयर कमेटी के प्रधान नसीम मुहम्मद व संयोजक गुलाम मुहयूदीन ने बताया कि दावतों का आयोजन इस बार नहीं हो रहा है. लोग इनसे भी परहेज कर रहे हैं. महिलाओं व बच्चों में भी ईद-उल-जुहा का काफी उत्साह नजर आया.

सभी नए परिधानों में सजे धजे जिला भर में नजर आ रहे हैं. नगर सुधार समिति के प्रधान दिनेष कुमार, प्रेस सचिव तनुज सोनी, उप-प्रधान संजीव ढिल्लो व महासचिव राजेन्द्र गौतम ईद की मुबारकबाद देने विषेश तौर पर जिला मुस्लिम वेलफेयर कमेटी के कार्यालय में पहुंचे.

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