बिलासपुर: बुधवार को बिलासपुर जिला के मारकंड अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीज को वार्ड में शिफ्ट करने की मॉकड्रिल की गई. इस दौरान अस्पताल में मौजूद लोग कुछ देर के लिए सहम गए, लेकिन बाद में मॉकड्रिल की जानकारी मिलने पर लोगों की सांस में सांस आई.
मॉकड्रिल के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मारकंड में बुधवार को 108 एंबुलेंस के माध्यम से एक डमी कोरोना संक्रमित को पहुंचाया गया, जिसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मारकंड में तैनात चिकित्सकों ने उसकी जांच की. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने 108 एंबुलेंस और पुरे अस्पताल को सैनिटाइज किया. अस्पताल प्रशासन और गृहरक्षा विभाग द्वारा की गई यह मॉकड्रिल बिल्कुल असली लग रही थी और सभी इस मॉकड्रिल को देखकर कुछ देर के लिए भयभीत भी हो गए थे.
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्याम वर्मा ने बताया कि विभाग के आदेशों के तहत अस्पताल में मॉकड्रिल की गई. उन्होंने कहा कि मॉकड्रिल को करते वक्त सभी लोगों को पीपीई किट पहनने के आदेश दिये गए थे, लेकिन हमने पीपीई किट के स्टीकर लगाकर मॉकड्रिल की, ताकि पीपीई किट में स्वास्थ्य कर्मी सुरक्षित रहे और समय पर काम आ सके. उन्होंने बताया कि इस मॉकड्रिल के बाद अस्पताल स्टाफ व अन्य लोगों को यह पता लग गया कि अगर कोरोना संक्रमित किसी व्यक्ति को अस्पताल लाना है, तो किन सावधानियों को बरतना है.
मॉकड्रिल से स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना मरीज के उपचार के बारे में आवश्यक जानकारी मिली. इसके साथ ही गृह रक्षक विभाग के कर्मचारियों को भी इस बारे में पूरी जानकारी मिली, ताकि भविष्य में कभी ऐसी आवश्यकता पड़े तो उस समय गृह रक्षक विभाग की सेवाएं ली जा सके. गृह रक्षक विभाग के कर्मचारियों को भी यह पता लग गया कि कोरोना संक्रमित को अस्पताल पहुंचाते समय किन सावधानियों का ध्यान जाएगा.
इस मॉकड्रिल को खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्याम वर्मा की देखरेख में किया गया. मॉकड्रिल में स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनुपमा, हेल्थ एजुकेटर विजय कुमारी, गृह रक्षक की तरफ से कंपनी कमांडर बाबु राम, हवालदार बृज लाल, ड्राइवर संदेश सिंह, गृह रक्षक हंस राज सहित मारकंड अस्पताल के समस्त स्टाफ ने हिस्सा लिया.