बिलासपुर: प्रदेश सरकार द्वारा नई पंचायतों के गठन में घुमारवीं विकास खंड की कुठेड़ा पंचायत को नजर अंदाज करने को लेकर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की है. रोष प्रकट करते हुए मसौर, भुवाणा, घुलान, मलोह, भेल, भगोट, साडग, कुठेड़ा, टिहरी, घल्याणा, जोल प्लाखीं के ग्रामीणों ने मसौर मोड़ से कुठेड़ा पंचायत घर तक रोष रैली निकाली. जिसमें लगभग 150 लोगों ने हिस्सा लिया.
युवा मंडल मसौर के पूर्व प्रधान आशीष मेहता ने कहा कि पिछले कई वर्षों से कुठेड़ा पंचायत के विभाजन पूर्ण गठन की मांग पंचायत वासियों की ओर से की जा रही है जिसके लिए वर्ष 2008 और 2014 की ग्राम सभाओं में प्रस्ताव पारित करके आगामी कार्यवाही के लिए पंचायती राज विभाग को भेजे गए थे, लेकिन आज तक इन पर विभाग एवं सरकार द्वारा कोई कांम नहीं हुआ.
आशीष मेहता ने कहा कि इस संबंध में पिछले 2 महीनों में स्थानीय लोगों द्वारा मुख्यमंत्री, विधायक सदर बिलासपुर, उपायुक्त बिलासपुर, निदेशक पंचायती राज विभाग सभी से मिला जा चुका है और सभी से पत्राचार के माध्यम से ग्राम पंचायत के विभाजन/ पुर्नगठन के बारे में ज्ञापन भी सौंपे गए हैं लेकिन हैरानी की बात है कि अभी तक इन पर कोई भी जांच नहीं हुई जिसके कारण आज यह रोष रैली निकाली गई.
युवा मंडल मसौर के पूर्व प्रधान अरविंद मैहता ने बताया कि वर्तमान में इस पंचायत में 1190 परिवार हैं और लोगों की जनसंख्या लगभग 5000 है और इसमें करीब 4000 वोटर हैं जिस कारण इस पंचायत का विभाजन होना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा अगर 2 हफ्ते के अंदर पंचायत विभाजन पूर्ण गठन के बारे में प्रशासन एवं सरकार कोई विचार नहीं करती है तो कुठेड़ा पंचायत के लोग आमरण अनशन पर बैठने वाले हैं.