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बिलासपुर में बनेगा एस्ट्रोटर्फ मैदान या आएगी अड़चन ?, कहां से आए थे एक्सपर्ट्स

बिलासपुर जिले में प्रदेश खेल विभाग का तीसरा एस्ट्रोटर्फ मैदान बनेगा. इसके लिए दिल्ली से स्पोर्ट्स एक्सपर्ट्स ने गोबिंद सागर झील किनारे हॉकी मैदान का जायजा लिया. इस दौरान चौड़ाई और लंबाई की नपाई की गई.टीम केंद्र को रिपोर्ट भेजेगी, जिसके आधार पर आगे का फैसला लिया जाएगा.

Himachal Pradesh third astroturf ground will built in Bilaspur
बिलासपुर में बनेगा हिमाचल प्रदेश का तीसरा एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड
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Published : Apr 28, 2023, 1:00 PM IST

बिलासपुर में बनेगा हिमाचल प्रदेश का तीसरा एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है, ताकि प्रदेश में युवाओं कों खेलों की ओर प्रोत्साहित किया जा सके. इसके लिए नए खेल मैदान बनाने के अलावा खिलाड़ियों को तमाम तरह की सुविधा मुहैया करवाने का प्रयास किया जा रहा, जिससे खिलाड़ियों की प्रतिभा उभर कर सामने आ सके. इसी कड़ी में बिलासपुर जिले में भी प्रदेश का तीसरा एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाने की कवायद शुरू की गई है. दिल्ली से आए स्पोर्ट्स एक्सपर्ट्स ने युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के अधिकारियों के साथ गुरुवार को गोबिंद सागर झील किनारे हॉकी मैदान का जायजा लिया.

दिल्ली के एक्सपर्ट्स को दिया फीडबैक : इस दौरान स्पोर्ट्स एक्सपर्ट्स द्वारा मैदान की लंबाई और चौड़ाई की नपाई की गई. योजना को सिरे चढ़ाने के लिए युवा सेवाएं एवं खेल विभाग बिलासपुर की ओर से एक प्रस्ताव केंद्र की स्वीकृति के लिए भेजा गया है. बीते समय केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के सामने भी इस मुद्दे को उठाया गया था. इसके चलते अब दिल्ली से आए तीन एक्सपर्ट ने बिलासपुर के हॉकी मैदान में एस्ट्रोटर्फ बिछाए जाने की योजना को साकार करने की दिशा में संभावनाएं देखीं. खेल विभाग के जिला अधिकारी रवि शंकर सहित भी एक्सपर्ट टीम के साथ रहे. इस दौरान टीम को ग्राउंड के बारे में फीडबैक दिया गया.

प्रदेश का तीसरा एस्ट्रोटर्फ मैदान: बता दें कि अभी तक प्रदेश में केवल ऊना में ही हिमाचल प्रदेश खेल विभाग का अपना एस्ट्रोटर्फ हॉकी ग्राउंड है, जबकि सिरमौर जिले के माजरा में दूसरा एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड की निर्माण प्रक्रिया जारी है. इसके बाद बिलासपुर में तीसरा एस्ट्रोटर्फ मैदान अब तैयार किया जाएगा. हालांकि, शिमला जिले के ऊपरी क्षेत्र शिलारू में एक एस्ट्रोटर्फ मैदान है, लेकिन वह साई का ग्राउंड है, जोंकी केंद्र सरकार के अधीन है.

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं: बिलासपुर में हॉकी का एक्सक्लूसिव ग्राउंड है जिस पर न केवल खिलाड़ी प्रेक्टिस करते हैं, बल्कि समय समय पर राज्य स्तर की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं. यदि यहां पर एस्ट्रोटर्फ मैदान बनता है तो यहां पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा. बता दें कि हॉकी ग्राउंड पर एस्ट्रोटर्फ को लेकर पूर्व में वरिष्ठ नेता रामलाल ठाकुर की ओर से भी प्रयास किए गए थे और एक प्रस्ताव खेल विभाग की तरफ से स्वीकृति के लिए आगे भेजा गया था, लेकिन यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई.

सुविधाओं को लेकर की गई चर्चा: युवा सेवाएं एवं खेल विभाग बिलासपुर के जिला खेल अधिकारी रविशंकर ने बताया कि बिलासपुर के लुहणू में विभाग का अपना एक्सक्लूसिव हॉकी खेल मैदान उपलब्ध है. जहां एस्ट्रोटर्फ बिछाने की योजना जारी है. बुधवार को दिल्ली से आए 3 एक्सपर्ट ने खेल मैदान की जांच -परख की और एस्ट्रोटर्फ बिछाने के लिए मैदान की लंबाई व चौड़ाई के अलावा अन्य सुविधाओं पर गहन चर्चा की है.

ये रहेंगी अड़चनें: सूत्रों की मानें तो दिल्ली से आए स्पोर्ट्स एक्सपर्ट टीम ने खेल विभाग के अधिकारियों को एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान तैयार करने के लिए दो ऑप्शन दिए हैं. प्रारंभिक सर्वे में टीम ने जांच-परख के दौरान पाया है कि सिंथेटिक ट्रैक तैयार होने के बाद हॉकी मैदान की 10 मीटर तक चौड़ाई कम हुई है, जबकि मैदान किनारे बना पवेलियन भी एस्ट्रोटर्फ मैदान विकसित करने की राह में बाधा है. इसलिए कबड्डी मैदान की तरफ एस्ट्रोटर्फ विकसित करने की ऑप्शन रखा गया है. बताया जा रहा है कि कबड्डी मैदान की तरफ यदि एस्ट्रोटर्फ मैदान तैयार करना है तो पवेलियन हटाना पड़ सकता है, जबकि यदि वर्तमान मैदान में एस्ट्रोटर्फ बिछाने का कार्य करना है तो नियमों के मुताबिक मैदान तैयार करने में काफी अड़चन पैदा होंगी.

ये भी पढे़ं: Bilaspur: कोलडैम और चमेरा डैम में शुरू होंगी मोटरबोट, पर्यटक भी ले सकेंगे जलाशयों का आनंद

बिलासपुर में बनेगा हिमाचल प्रदेश का तीसरा एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है, ताकि प्रदेश में युवाओं कों खेलों की ओर प्रोत्साहित किया जा सके. इसके लिए नए खेल मैदान बनाने के अलावा खिलाड़ियों को तमाम तरह की सुविधा मुहैया करवाने का प्रयास किया जा रहा, जिससे खिलाड़ियों की प्रतिभा उभर कर सामने आ सके. इसी कड़ी में बिलासपुर जिले में भी प्रदेश का तीसरा एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाने की कवायद शुरू की गई है. दिल्ली से आए स्पोर्ट्स एक्सपर्ट्स ने युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के अधिकारियों के साथ गुरुवार को गोबिंद सागर झील किनारे हॉकी मैदान का जायजा लिया.

दिल्ली के एक्सपर्ट्स को दिया फीडबैक : इस दौरान स्पोर्ट्स एक्सपर्ट्स द्वारा मैदान की लंबाई और चौड़ाई की नपाई की गई. योजना को सिरे चढ़ाने के लिए युवा सेवाएं एवं खेल विभाग बिलासपुर की ओर से एक प्रस्ताव केंद्र की स्वीकृति के लिए भेजा गया है. बीते समय केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के सामने भी इस मुद्दे को उठाया गया था. इसके चलते अब दिल्ली से आए तीन एक्सपर्ट ने बिलासपुर के हॉकी मैदान में एस्ट्रोटर्फ बिछाए जाने की योजना को साकार करने की दिशा में संभावनाएं देखीं. खेल विभाग के जिला अधिकारी रवि शंकर सहित भी एक्सपर्ट टीम के साथ रहे. इस दौरान टीम को ग्राउंड के बारे में फीडबैक दिया गया.

प्रदेश का तीसरा एस्ट्रोटर्फ मैदान: बता दें कि अभी तक प्रदेश में केवल ऊना में ही हिमाचल प्रदेश खेल विभाग का अपना एस्ट्रोटर्फ हॉकी ग्राउंड है, जबकि सिरमौर जिले के माजरा में दूसरा एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड की निर्माण प्रक्रिया जारी है. इसके बाद बिलासपुर में तीसरा एस्ट्रोटर्फ मैदान अब तैयार किया जाएगा. हालांकि, शिमला जिले के ऊपरी क्षेत्र शिलारू में एक एस्ट्रोटर्फ मैदान है, लेकिन वह साई का ग्राउंड है, जोंकी केंद्र सरकार के अधीन है.

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं: बिलासपुर में हॉकी का एक्सक्लूसिव ग्राउंड है जिस पर न केवल खिलाड़ी प्रेक्टिस करते हैं, बल्कि समय समय पर राज्य स्तर की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं. यदि यहां पर एस्ट्रोटर्फ मैदान बनता है तो यहां पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा. बता दें कि हॉकी ग्राउंड पर एस्ट्रोटर्फ को लेकर पूर्व में वरिष्ठ नेता रामलाल ठाकुर की ओर से भी प्रयास किए गए थे और एक प्रस्ताव खेल विभाग की तरफ से स्वीकृति के लिए आगे भेजा गया था, लेकिन यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई.

सुविधाओं को लेकर की गई चर्चा: युवा सेवाएं एवं खेल विभाग बिलासपुर के जिला खेल अधिकारी रविशंकर ने बताया कि बिलासपुर के लुहणू में विभाग का अपना एक्सक्लूसिव हॉकी खेल मैदान उपलब्ध है. जहां एस्ट्रोटर्फ बिछाने की योजना जारी है. बुधवार को दिल्ली से आए 3 एक्सपर्ट ने खेल मैदान की जांच -परख की और एस्ट्रोटर्फ बिछाने के लिए मैदान की लंबाई व चौड़ाई के अलावा अन्य सुविधाओं पर गहन चर्चा की है.

ये रहेंगी अड़चनें: सूत्रों की मानें तो दिल्ली से आए स्पोर्ट्स एक्सपर्ट टीम ने खेल विभाग के अधिकारियों को एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान तैयार करने के लिए दो ऑप्शन दिए हैं. प्रारंभिक सर्वे में टीम ने जांच-परख के दौरान पाया है कि सिंथेटिक ट्रैक तैयार होने के बाद हॉकी मैदान की 10 मीटर तक चौड़ाई कम हुई है, जबकि मैदान किनारे बना पवेलियन भी एस्ट्रोटर्फ मैदान विकसित करने की राह में बाधा है. इसलिए कबड्डी मैदान की तरफ एस्ट्रोटर्फ विकसित करने की ऑप्शन रखा गया है. बताया जा रहा है कि कबड्डी मैदान की तरफ यदि एस्ट्रोटर्फ मैदान तैयार करना है तो पवेलियन हटाना पड़ सकता है, जबकि यदि वर्तमान मैदान में एस्ट्रोटर्फ बिछाने का कार्य करना है तो नियमों के मुताबिक मैदान तैयार करने में काफी अड़चन पैदा होंगी.

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