धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड पड़ोसी राज्यों की तुलना में मैट्रिक व जमा दो कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित करने में अग्रणी रहा है. लॉकडाउन के चलते पूरे देश में अभी तक बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किए जा सके हैं. हालांकि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने शिक्षकों व बोर्ड स्टाफ की कमी भी थी. इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कड़ी मेहनत के साथ दोनों बोर्ड कक्षाओं का परिणाम देश के अन्य शिक्षा बोर्डों से पहले घोषित करने में कामयाबी हासिल की है.
कोरोना संकट के चलते देश में लागू लॉकडाउन के कारण जमा दो के मेन सब्जेक्ट ज्योग्राफी और वोकेशनल सब्जेक्ट कंप्यूटर साइंस और व्यवसायिक विषय की परीक्षाएं लेना बाकी रह गया था. परीक्षार्थी के अन्य चार विषयों में जिस विषय की लिखित परीक्षा में अधिक हैं, (प्रेक्टिकल और इंटरनल एसेस्मेंट के अंकों को छोड़कर) उतने अंक पाचवें सब्जेक्ट में देकर रिजल्ट तैयार किया गया.
हिमाचल में 5 मार्च को शुरू हुई थी परीक्षाएं
बता दें कि बाहरवीं कक्षा की परीक्षाएं 5 मार्च से शुरू हुई थी और 18 जून को परीक्षा परिणाम घोषित किया गया. वहीं, पिछले वर्ष की बात की जाए तो छह मार्च को जमा दो की परीक्षाएं शरू हुई थी. इसके बाद 22 अप्रैल 2019 को परीक्षा परिणाम घोषित किया गया था.
लॉकडाउन के चलते इस साल परीक्षा परिणाम घोषित करने में देरी हुई और जून माह में परीक्षा परिणाम घोषित किया गया. इस वर्ष का जमा दो का परीक्षा परिणाम 76.07 फीसदी रहा है, जबकि पिछले वर्ष 62.01 फीसदी रहा था. बाहरवीं की मेरिट में 83 स्टूडेंटस ने जगह बनाई है.
पहले 50-50 स्थानों वाले स्टूडेंटस की उत्तरपुस्तिकाओं की फिर जांच
बोर्ड ने कोरोना संकट के चलते प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद परिणाम बेहतर कार्य करते हुए परीक्षा परिणाम घोषित करने की पहल की है. यही नहीं जमा दो कक्षा के तीनों संकायों की मैरिट में पहले 50-50 स्थानों पर रहने वाले स्टूडेंटस की उत्तरपुस्तिकाओं की फिर जांच करवाकर परिणाम घोषित किया है, जो कि बोर्ड के इतिहास में पहली बार हुआ है. वहीं, बात करें रिजल्ट में देरी की तो कोरोना संकट के चलते इस मर्तबा पिछले वर्ष की अपेक्षा लगभग दो माह बाद रिजल्ट घोषित किया गया है.
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