बिलासपुर: वन मंत्री राकेश पठानिया ने झंडूता में वन विभाग द्वारा लगाई गई नर्सरी का निरीक्षण किया. इस अवसर पर उन्होंने बताया कि वन विभाग की ओर से झंडूता पौध नर्सरी में 38,914 विभिन्न प्रजाति के पौधे तैयार किए जा रहे हैं. इन पौधों को वन विभाग झंडूता रेंज के अंतर्गत आने वाले जंगलों में रोपित किया जाएगा.
वन नर्सरी में आंवला, अर्जुन, बेहड़ा, हरड़, जामुन, दाडू, कचनार, खैर, बांस इत्यादि औषधीय फलदार एवं पशु चारे के पौधे शामिल हैं. वन नर्सरी में आंवले के 8132, अर्जुन के 6252, बेडे के 2173, हरड़ के 63, जामुन के 3861, दाडू के 10994, कचनार 2930, खैर के 1775 एवं बांस के 2734 पौधे तैयार किए गए हैं.
लोगों से की अपील
वन विभाग की सभी नर्सरियों में जल भंडारण और वर्मी कम्पोस्ट, स्प्रिकल सिस्टम के द्वारा नर्सरी पौधशाला में पौधों के सिंचाई की व्यवस्था की जाएगी. ताकि नर्सरी से जो भी पौधे निकले वो बेहतर प्रजाति के हो और उनकी जीवित प्रतिशता में ज्यादा सुधार आए. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि गर्मी के मौसम में घास के लिए जंगलों में आग ना लगाएं.
कोरोना से निपटने के लिए प्रदेश सरकार सर्तक
आगजनी से वन सम्पदा नष्ट होने के साथ-साथ जंगलों में रहने वाले जीव-जंतुओं के जीवन को खतरा रहता है. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह से सर्तक है. प्रदेश में कोरोना महामारी से संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए विभिन्न सुविधाएं दी जा रही है, ताकि किसी भी स्तर पर कोरोना रोगियों के उपचार में कोई भी कमी न रहे.
वितरित की जा रही होम आइसोलेशन किट
वन मंत्री ने कहा कि जहां प्रदेश के अस्पतालों में कोरोना रोगियों की बेहतर देखभाल की जा रही है, वहीं होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों को स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी रखने के लिए होम आइसोलेशन किट भी वितरित की जा रही है
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