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इंसानों की लापरवाही से तालाब में मर गई 'जल की रानी', गंदगी से सैकड़ों मछलियों की मौत

अमरपुर गांव के पनौल तालाब में मरी मछलियों की बदबू के कारण स्थानीय लोगो में बीमारी फैलने का डर बना हुआ है. लोगों का आरोप है कि 6 साल से तालाब से मछलियों को नहीं निकाला गया है.

गंदगी से सैकड़ों मछलियों की मौत
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Published : Aug 26, 2019, 9:44 PM IST

बिलासपुर: घुमारवीं विधानसभा के अमरपुर गांव में स्थित पनौल तालाब में मरी मछलियों की बदबू से आस-पास के इलाकों में जीना बेहाल हो गया है. बदबू के कारण कई बिमारियां फैलने का डर भी लोगों का सता रहा है.

गांव के दलेल सिंह और सीता देवी ने बताया कि तीन दिन पहले तालाब में गंदगी की वजह से मछलियां मरना शुरू हो गई थीं. कुछ लोग बोरियों में मरी मछलियों को ले गए, लेकिन अभी भी सैकड़ों मछलियां तालाब में मरी पड़ी हैं. इनसे फैली बदबू के कारण तालाब के साथ लगते रिहायशी मकानों में रहने वालों का जीना मुशिकल हो गया है.

ग्रामीणों ने बताया पंचायत ने स्थानीय व्यक्ति को मछलियां पालने का ठेका दिया है. मछलियों का बीज 6 साल पहले तालाब में डाला गया था, लेकिन आज तक मछलियां नहीं निकाली गई. इसके बाद तालाब में पानी गंदा होने से मछलियां मरना शुरू हुई हैं.

bilaspur
गंदगी से सैकड़ों मछलियों की मौत

ग्रामीणों ने बताया कि तलाब के नजदीक छोटे-छोटे बच्चे खेलते रहते हैं. ऐसे में हादसे का डर बना रहता है. जनमंच कार्यक्रम में तालाब के चारों और कंटीली तार या सुरक्षा दीवार लगाने की मांग की गई थी. कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों ने तालाब के चारों ओर दीवार लगाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक ग्रामीणों की मांग को पूरा नहीं किया गया.

ये भी पढें: अरुण जेटली के निधन पर हिमाचल में दो दिवसीय राजकीय शोक, आत्मा की शांति के लिए श्री नैना देवी में विशेष पूजा-अर्चना

बिलासपुर: घुमारवीं विधानसभा के अमरपुर गांव में स्थित पनौल तालाब में मरी मछलियों की बदबू से आस-पास के इलाकों में जीना बेहाल हो गया है. बदबू के कारण कई बिमारियां फैलने का डर भी लोगों का सता रहा है.

गांव के दलेल सिंह और सीता देवी ने बताया कि तीन दिन पहले तालाब में गंदगी की वजह से मछलियां मरना शुरू हो गई थीं. कुछ लोग बोरियों में मरी मछलियों को ले गए, लेकिन अभी भी सैकड़ों मछलियां तालाब में मरी पड़ी हैं. इनसे फैली बदबू के कारण तालाब के साथ लगते रिहायशी मकानों में रहने वालों का जीना मुशिकल हो गया है.

ग्रामीणों ने बताया पंचायत ने स्थानीय व्यक्ति को मछलियां पालने का ठेका दिया है. मछलियों का बीज 6 साल पहले तालाब में डाला गया था, लेकिन आज तक मछलियां नहीं निकाली गई. इसके बाद तालाब में पानी गंदा होने से मछलियां मरना शुरू हुई हैं.

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गंदगी से सैकड़ों मछलियों की मौत

ग्रामीणों ने बताया कि तलाब के नजदीक छोटे-छोटे बच्चे खेलते रहते हैं. ऐसे में हादसे का डर बना रहता है. जनमंच कार्यक्रम में तालाब के चारों और कंटीली तार या सुरक्षा दीवार लगाने की मांग की गई थी. कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों ने तालाब के चारों ओर दीवार लगाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक ग्रामीणों की मांग को पूरा नहीं किया गया.

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Intro:घुमारवीं विधानसभा के तहत आने वाली ग्राम पंचायत अमरपुर के अमरपुर गांव पनौल तालाब मैं मछलियां मरने से फैली बदबू के कारण कोई बड़ी विमारी फैलने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता Body:EmgConclusion:घुमारवीं विधानसभा के तहत आने वाली ग्राम पंचायत अमरपुर के अमरपुर गांव पनौल चुक्के तळाब में मछलियां मरने से फैली बदबू के कारण कोई बड़ी विमारी फैलने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता हैं । तळाब के नजदीक रिहायशी वस्तियों में बदबू के कारण जीना बेहाल हो चुका है । गांव के दलेल सिहं और सीता देवी ने बताया कि अरसा तीन दिन पहले तळाब में मछलियां मरना शुरू हो गई थी और लगभग तीन चार क्विंटल मछलियां मरने से तळाब मरी मछलियों से भर गया था कुछ लोगों ने बोरियों वह बैगों में मरी हुई मछलियों को ले गए लेकिन अभी भी सैंकड़ों मछलियां तळाब के वीच और कुछ तळाब की दीवार पर पड़ी हैँ जिनको कुते वह पक्षी नोच रहे है जिनसे फैली बदबू के कारण तळाब के साथ लगते रिहायशी मकानों में रहने वालों का जीना मुशिकल हो गया है । दलेल सिहं ने बताया कि कुछ दिन पहले प्रशासन द्वारा जन मंच का आयोजन भी अमरपुर पँचायत में किया गया था उसमें उपमंडल अधिकारी शशि शर्मा ,विकास खण्ड अधिकारी जीत राम विशेष रूप से उपथित रहे ।इस संदर्भ में वह तळाब के चारों ओर कांटेदार लगाने की मांग की थी क्योंकि तळाब के नजदीक रिहायशी मकान भी हैं ।सुरक्षा दीवार या कांटेदार तार न होने से छोटे बच्चों के डूबने के खतरा हमेशा ही बना रहता है । दलेल सिहं बताया कि तळाब पँचायत के अंतर गत आता है ।पँचायत द्वारा यहां के स्थानीय व्यक्ति को मछलियां पालने का ठेका दिया है ।लेकिन 6 साल पहले मछलियों का वीज तळाब में डाला गया हैं लेकिन आज तक मछलियां नहीं निकाली गई । तळाब में पानी गन्दा होने से मछलियां मरना शुरू हुई है ।
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