बिलासपुर: बाल विकास परियोजना अधिकारी सदर बिलासपुर नीलम टाडू ने बताया कि सूबे के आंगनबाड़ी केंद्रों में नन्हें मुन्ने बच्चे अब ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे. इसके लिए निदेशालय से एक लिंक सुपरवाइजरों के व्हाट्सएप ग्रुप में डाला जाएगा. जहां से आगे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के ग्रुप में शेयर होगा.
इसके बाद यह स्टडी मेटेरियल बच्चों के अभिभावकों तक पहुंचेगा. इस लिंक में बच्चों के बौद्धिक व शारीरिक विकास के लिए अलग अलग टाईटल के साथ वीडियो उपलब्ध होंगे. जिनके जरिए अभिभावक अपने नन्हें मुन्नों को पढ़ाई के साथ साथ खेलों का भी अभ्यास करवा सकेंगे.
इस बाबत निदेशालय से सभी जिलों को आदेश जारी हो चुके हैं. लॉकडाउन की वजह से प्रदेश के 18 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र बंद चल रहे हैं. अकेले बिलासपुर जिला में ही 1011 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत हैं. इन केंद्रों में कार्यरत कार्यकर्ता व सहायिकाएं हर माह की पहली तारीख को पोषाहार बच्चों को घर द्वार पहुंचा रहे हैं.
वहीं, अभिभावक भी आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर पोषाहार प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही. इस बाबत निदेशालय की ओर से निर्णय लिया गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को घर पर ही पढ़ाया जाएगा जिसके लिए ऑनलाईन प्रक्रिया का सहारा लिया जाएगा.
बाल विकास परियोजना अधिकारी सदर बिलासपुर नीलम टाडू ने बताया कि निदेशालय की ओर से आदेश आए हैं. जिसके तहत सुपरवाईजरों को व्हाट्सऐप के जरिए लिंक भेजा जाएगा और सुपरवाईजर आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत कार्यकर्ताओं के व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर करेंगे. यहां से आगे अभिभावकों को लिंक पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं की जबावदेही तय की गई है.
यह सारी व्यवस्था बच्चों के बौद्धिक व शारीरिक विकास के लिए की गई है. जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती तब तक ऑनलाईन प्रक्रिया को अपनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी बच्चों के लिए एक्टिविटी बुक्स आएंगी जिसे उन्हें घर द्वार पर उपलब्ध करवाया जाएगा.
बता दें कि हर माह की पहली तारीख को केंद्रों के जरिए नन्हें मुन्नों को घरद्वार पोषाहार उपलब्ध करवाया जा रहा है जिसमें तय शेड्यूल के तहत सूखा राशन जिसमें दलिया, बिस्कुट, चावल, काले चने इत्यादि शुमार है. उन्होंने बताया कि बिलासपुर सदर ब्लॉक में नयनादेवी भी शामिल है. इस ब्लॉक के लिए एससी कंपोनेंट के तहत भवन निर्माण के लिए सात लाख का बजट उपलब्ध है.
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