बिलासपुर: कोरोना संकट की वजह से पैदा हुई विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए आंगनबाड़ी वर्कर्स भी अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं. आमजन को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करने के साथ प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है. साथ ही आंगनबाड़ी नौनिहालों, धात्री, गर्भवती महिलाओं को पोषाहार भी घरद्वार पर उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसके अलावा सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए भी आंगनबाड़ी वर्कर्स अपना महत्वपूर्ण योगदान अदा कर रही हैं.
घर द्वार पर उपलब्ध कराया जा रहा पोषाहार
जानकारी के मुताबिक जिला बिलासपुर में 1,111 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत हैं. इनमें 19,829 नौनिहाल और 5,494 धात्री एवं गर्भवती महिलाएं पंजीकृत हैं. जिले में 65 आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं जिनके पास अपने भवन हैं जबकि 574 किराए के भवनों में चल रहे हैं. वहीं 272 सरकारी स्कूलों और शेष 200 आंगनबाड़ी केंद्र युवा, महिला मंडलों और पंचायत भवनों में संचालित किए जा रहे हैं. जहां-जहां जमीन उपलब्ध हो रही है, वहां पर विभाग की तरफ से बजट मुहैया करवाकर भवनों का निर्माण करवाया जा रहा है.
विभाग की मानें तो आने वाले समय में ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्रों के पास अपने भवन उपलब्ध होंगे. पिछले साल कोविड संकट के चलते केंद्र बंद रहे जिसके चलते नौनिहालों और गर्भवती महिलाओं को घरद्वार पर पोषाहार उपलब्ध करवाया गया.
वैक्सीनेशन के लिए जागरुक कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
इस साल भी पोषाहार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि न्यूट्रिशन की सुविधा से कोई वंचित न रहे. आंगनबाड़ी वर्कर्स अब डोर टू डोर जाकर लोगों को वैक्सीन लगवाने के प्रति जागरूक कर रही हैं. साथ ही कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनने और सैनिटाइजेशन के लिए भी प्रेरित कर रही हैं.
महिला एवं बाल विकास विभाग बिलासपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी अश्विनी कुमार शर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी वर्कर्स लोगों को वैक्सीनेशन के लिए जागरूक कर रही हैं. साथ ही नौनिहालों और गर्भवती महिलाओं को घर द्वार पर पोषाहार भी उपलब्ध करवा रही हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के चलते केंद्र तो खुले हैं लेकिन नौनिहालों को नहीं बुलाया जा रहा है.
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