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22 साल बाद अमेरिका ने लिया बदला, मारा गया अबू मोहम्मद अल-मसरी - joint usa israel operation

वर्ष 1998 में दक्षिण अफ्रीका में स्थित अमेरिकी दूतावासों पर हमला करने वाला आतंकि अबू मोहम्मद अल-मसरी मारा गया. अमेरिका और इजराइल ने संयुक्त अभियान चला के इस वर्ष सात अगस्त को ईरान में मार गिराया था. अमेरिकी दूतावास पर हुए हमलों में 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे. बता दें कि मोहम्मद अल-मसरी 22 साल बात हमले की तारीख पर मौत के घाट उतारा गया.

al qaeda terrorist Abdullah Ahmed Abdullah
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Nov 15, 2020, 2:22 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका और इजराइल ने इस साल ईरान में अल-कायदा के एक आतंकवादी का पता लगाने और उसे मारने के लिए मिलकर काम किया था. दोनों सहयोगी देशों ने यह बड़ा खुफिया अभियान ऐसे समय में चलाया जब ट्रंप प्रशासन तेहरान पर दबाव बढ़ा रहा था.

अमेरिका के चार पूर्व और वर्तमान अधिकारियों ने कहा कि अल-कायदा के दूसरे नंबर के आतंकवादी अबू मोहम्मद अल-मसरी को अगस्त में ईरान की राजधानी में मार गिराया गया था.

इनमें से दो अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका ने इजराइली अधिकारियों को इस बारे में खुफिया सूचना दी कि अल-मसरी कहां मिल सकता है, वहीं इजराइली एजेंटों ने इस काम को अंजाम दिया. दो अन्य अधिकारियों ने अल-मसरी के मारे जाने की पुष्टि की लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं दे सके.

पढ़ें-ईरान पर लगे परमाणु प्रतिबंध खत्म, अमेरिका ने जताई आपत्ति

अल-मसरी को तेहरान में सात अगस्त को मार गिराया गया. 1998 में सात अगस्त के दिन ही नैरोबी, कीनिया, दार अस सलाम और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों में बम हमले हुए थे.

माना जाता है कि अल-मसरी उन हमलों की साजिश में शामिल था और एफबीआई के वांछित आतंकवादियों की सूची में था.

अल-मसरी के मारे जाने से अल-कायदा को झटका लगा है और संगठन के नेता अयमन अल-जवाहिरी को लेकर पश्चिम एशिया में चल रही अफवाहों के बीच यह खबर आई है. इसी आतंकी संगठन ने 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में हमलों को अंजाम दिया था.

वॉशिंगटन : अमेरिका और इजराइल ने इस साल ईरान में अल-कायदा के एक आतंकवादी का पता लगाने और उसे मारने के लिए मिलकर काम किया था. दोनों सहयोगी देशों ने यह बड़ा खुफिया अभियान ऐसे समय में चलाया जब ट्रंप प्रशासन तेहरान पर दबाव बढ़ा रहा था.

अमेरिका के चार पूर्व और वर्तमान अधिकारियों ने कहा कि अल-कायदा के दूसरे नंबर के आतंकवादी अबू मोहम्मद अल-मसरी को अगस्त में ईरान की राजधानी में मार गिराया गया था.

इनमें से दो अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका ने इजराइली अधिकारियों को इस बारे में खुफिया सूचना दी कि अल-मसरी कहां मिल सकता है, वहीं इजराइली एजेंटों ने इस काम को अंजाम दिया. दो अन्य अधिकारियों ने अल-मसरी के मारे जाने की पुष्टि की लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं दे सके.

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अल-मसरी को तेहरान में सात अगस्त को मार गिराया गया. 1998 में सात अगस्त के दिन ही नैरोबी, कीनिया, दार अस सलाम और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों में बम हमले हुए थे.

माना जाता है कि अल-मसरी उन हमलों की साजिश में शामिल था और एफबीआई के वांछित आतंकवादियों की सूची में था.

अल-मसरी के मारे जाने से अल-कायदा को झटका लगा है और संगठन के नेता अयमन अल-जवाहिरी को लेकर पश्चिम एशिया में चल रही अफवाहों के बीच यह खबर आई है. इसी आतंकी संगठन ने 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में हमलों को अंजाम दिया था.

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