ऊना: सेना भर्ती की लिखित परीक्षा नहीं होने के चलते युवाओं का गुस्सा लगातार फूटता जा रहा है. 5 अप्रैल को इसी मुद्दे को लेकर जिला मुख्यालय की सड़कों पर रोष रैली निकालने वाले युवा बुधवार को एक बार फिर सड़कों पर उतर आए. इस दौरान युवाओं ने बेरोजगार मेला का आयोजन कर रोष प्रदर्शन किया. युवाओं ने केंद्र सरकार से आर्मी भर्ती की लिखित परीक्षा जल्द करवाने की मांग उठाई. इंदिरा गांधी खेल परिसर से शुरू हुई युवाओं की रोष रैली डीसी कार्यालय तक गई. युवाओं का आरोप है कि सरकार की लचर कार्यप्रणाली के चलते भारतीय सेनाओं में सेवाएं देने का सपना संजोए युवाओं का सपना चकनाचूर होता जा रहा है.
बुधवार सुबह जिला मुख्यालय की सड़कों पर युवाओं का हुजूम एक बार फिर तिरंगे झंडे लेकर रोष रैली के रूप में नजर आया. 5 अप्रैल के बाद 11 मई को एक बार फिर युवाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करते हुए आर्मी भर्ती की लिखित परीक्षा जल्द संचालित करने की मांग उठाई. करीब 2 वर्ष पूर्व आर्मी भर्ती की रैली में ग्राउंड टेस्ट क्लियर करने वाले युवाओं को अब अपना भविष्य अंधकार में नजर आने लगा है. युवाओं का कहना है कि लिखित परीक्षा समय पर न होने के कारण उन्हें काफी तनाव का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ उनकी उम्र बढ़ती जा रही है, दूसरी तरफ उन्हें आर्मी भर्ती में अपने अयोग्य होने का भी खतरा सताने लगा है.
तिरंगे झंडे हाथों में लेकर सड़कों पर उतरे युवाओं की केवल एक ही मांग रही कि सरकार बिना विलंब किए आर्मी भर्ती की लिखित परीक्षा संचालित करवाए. ताकि सालों से सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का सपना संजोए बैठे युवाओं का सपना साकार हो सके. युवाओं की इस रैली की अगुवाई कर रहे युवा अधिवक्ता एवं बीडीसी सदस्य शोभित गौतम का कहना है कि सरकार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने मांग की है कि जल्द आर्मी भर्ती की लिखित परीक्षा संचालित की जाए ताकि युवाओं को सेना में भर्ती होकर सेवाएं देने का मौका मिल सके.