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ऊना में बेसहारा पशुओं का आतंक, आए दिन जख्मी हो रहे राहगीर

शहर के हाइवे पर दर्जनों बेसहारा पशु हादसों को न्यौता दे रहे हैं. बेसहारा पशुओं के सड़क पर कोहराम मचाने से रोज कोई न कोई वाहन चालक व राहगीर जख्मी हो रहे हैं.

wild animals attacked on vehicle driver
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Published : Jul 19, 2019, 9:06 PM IST

ऊना: शहर में हाइवे पर दर्जनों बेसहारा पशु हादसों को न्यौता दे रहे हैं. बेसहारा पशुओं के सड़क पर कोहराम मचाने से रोज कोई न कोई वाहन चालक व राहगीर जख्मी हो रहे हैं.

स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं से आये दिन सड़क हादसों में लोग जख्मी हो रहे है. साथ ही पशुओं के आपस में भीड़ जाने के कारण हाइवे पर काफी लंबा जाम लग जाता है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन और नगर परिषद से इस समस्या का समाधान करने की बात कही गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

समूर गांव में निर्मित गौशाला कमेटी के उपाध्यक्ष मनोहर लाल ने बताया कि नगर परिषद द्वारा इस गौशाला का संचालन करने के लिए हाथ खड़े कर दिए गए हैं. साथ ही उद्घाटन के बाद से ही नगर परिषद के किसी भी अधिकारी या सदस्य द्वारा गौशाला के लिए कोई सहयोग नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा ही गौशाला को चलाया जा रहा है. इसके अलावा पशुओं के चारे के लिए सरकार की ओर से केवल 16 हजार रुपये मिले थे, जिससे खरीदा गया चारा सिर्फ 5 दिन ही चल पाया.

वही नगर परिषद के कार्यकारी ईओ विजय राय ने बताया कि नगर परिषद द्वारा 34 लाख रुपये की राशि खर्च करके गौशाला का निर्माण किया गया है, उन्होंने बताया कि अगर गौशाला के लिए कोई मदद नहीं की जा रही, तो रिकॉर्ड की जांच की जाएगी.

जानकारी देते स्थानीय निवासी

कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा ने बताया कि सरकार गाय के नाम पर लाखों रुपये राजस्व इकट्ठा कर रही है, लेकिन गौशालाओं में सरकार की भागीदारी नाममात्र ही है. उन्होंने ने बताया कि जो गौशालाएं चल रही है, वो केवल लोगों के सहयोग से ही काम कर रही हैं.

बता दें कि नगर परिषद द्वारा इन गौवंश को रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. करीब डेढ़ साल पहले समूर गांव में 34 लाख रुपये खर्च करके नगर परिषद ऊना सहित सात गांवों के बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए गौशाला का निर्माण किया गया था, लेकिन गौशाला के उद्घाटन के बाद से नगर परिषद ने इस गौशाला का रूख तक नहीं किया.

ऊना: शहर में हाइवे पर दर्जनों बेसहारा पशु हादसों को न्यौता दे रहे हैं. बेसहारा पशुओं के सड़क पर कोहराम मचाने से रोज कोई न कोई वाहन चालक व राहगीर जख्मी हो रहे हैं.

स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं से आये दिन सड़क हादसों में लोग जख्मी हो रहे है. साथ ही पशुओं के आपस में भीड़ जाने के कारण हाइवे पर काफी लंबा जाम लग जाता है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन और नगर परिषद से इस समस्या का समाधान करने की बात कही गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

समूर गांव में निर्मित गौशाला कमेटी के उपाध्यक्ष मनोहर लाल ने बताया कि नगर परिषद द्वारा इस गौशाला का संचालन करने के लिए हाथ खड़े कर दिए गए हैं. साथ ही उद्घाटन के बाद से ही नगर परिषद के किसी भी अधिकारी या सदस्य द्वारा गौशाला के लिए कोई सहयोग नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा ही गौशाला को चलाया जा रहा है. इसके अलावा पशुओं के चारे के लिए सरकार की ओर से केवल 16 हजार रुपये मिले थे, जिससे खरीदा गया चारा सिर्फ 5 दिन ही चल पाया.

वही नगर परिषद के कार्यकारी ईओ विजय राय ने बताया कि नगर परिषद द्वारा 34 लाख रुपये की राशि खर्च करके गौशाला का निर्माण किया गया है, उन्होंने बताया कि अगर गौशाला के लिए कोई मदद नहीं की जा रही, तो रिकॉर्ड की जांच की जाएगी.

जानकारी देते स्थानीय निवासी

कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा ने बताया कि सरकार गाय के नाम पर लाखों रुपये राजस्व इकट्ठा कर रही है, लेकिन गौशालाओं में सरकार की भागीदारी नाममात्र ही है. उन्होंने ने बताया कि जो गौशालाएं चल रही है, वो केवल लोगों के सहयोग से ही काम कर रही हैं.

बता दें कि नगर परिषद द्वारा इन गौवंश को रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. करीब डेढ़ साल पहले समूर गांव में 34 लाख रुपये खर्च करके नगर परिषद ऊना सहित सात गांवों के बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए गौशाला का निर्माण किया गया था, लेकिन गौशाला के उद्घाटन के बाद से नगर परिषद ने इस गौशाला का रूख तक नहीं किया.

Intro:स्लग -- ऊना शहर में बेसहारा पशु दे रहे हादसों को न्यौता, ऊना नगर परिषद की समूर गांव में है गौशाला, उद्घाटन के बाद ही नगर परिषद ने खड़े कर दिए थे हाथ, स्थानीय लोग अपने बल- बुते पर चला रहे गौशाला, शहर के वाशिंदों ने समस्या से निजात की लगाई गुहार, विपक्ष ने गाय के नाम पर सिर्फ टैक्स बसूलने का जड़ा आरोप।Body:एंकर -- ऊना शहर में हाइवे पर दर्जनों बेसहारा पशु हादसों को न्यौता दे रहे है। बेसहारा पशुओं से जहाँ सड़क हादसों में वृद्धि हो रही है। वहीं बीच सड़क में ही इनके कोहराम मचाने से कई वाहन चालक व राहगीर भी जख्मी हो चुके है। ऐसा नहीं है कि नगर परिषद द्वारा इन गौवंश को रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। करीब डेढ़ वर्ष पहले समूर गांव में 34 लाख रुपये खर्च कर नगर परिषद ऊना सहित सात गांवों के बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए गौशाला का निर्माण किया गया था। लेकिन गौशाला के उद्घाटन के बाद से नगर परिषद ने इस गौशाला का रूख तक नहीं किया। वहीं विपक्ष सरकार पर गाय के नाम पर टैक्स लेने के बाबजूद भी इनका संरक्षण न करने के आरोप लगा रहा है।

वी ओ 1 -- ऊना शहर के वाशिंदें इन दिनों बेसहारा पशुओं की बजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । ऊना शहर में दर्जनों पशुओं को हाइवे पर घूमते और कोहराम मचाते देखा जा सकता है। सड़क पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं से आये दिन सड़क हादसे हो रहे है । वही बेसहारा पशुओं द्वारा कई लोगो को भी जख्मी किया जा चुका है। इन पशुओं के आपस में भीड़ जाने के कारण हाइवे पर काफी लंबा जाम लग जाता है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और नगर परिषद से इस समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई है। स्थानीय लोगों की माने तो बेसहारा पशुओं के कारण कई दफा हादसे पेश आते है और इन हादसों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन को इन पशुओं को गौशाला में रखने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।

बाइट -- स्थानीय वासी
COWS PROBLEM 3

बाइट -- स्थानीय वासी
COWS PROBLEM 4

बाइट -- स्थानीय वासी
COWS PROBLEM 5
बाइट -- विजय राय (कार्यकारी ईओ/तहसीलदार ऊना) COWS PROBLEM 6
वहीं ऊना नगर परिषद कार्यकारी ईओ व तहसीलदार ऊना विजय राय भी मानते है कि नगर परिषद क्षेत्र में बेसहारा पशु घूम रहे है। कार्यकारी ईओ की माने तो ऊना शहर में साथ लगती पंचायतों से पशुओं को छोड़ा जा रहा है जिस कारण यह समस्या पेश आ रही है। वहीँ कार्यकारी ईओ द्वारा नगर परिषद द्वारा समूर गांव में निर्मित गौशाला में समय समय पर बेसहारा पशुओं को सहायता पहुंचाने का दावा भी किया गया।

बाइट -- मनोहर लाल (उपाध्यक्ष, समूर गौशाला कमेटी) COWS PROBLEM 7
वहीं समूर गांव में निर्मित गौशाला कमेटी के उपाध्यक्ष मनोहर लाल ने नगर परिषद और सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है। मनोहर लाल की माने तो नगर परिषद द्वारा इस गौशाला का संचालन करने के लिए हाथ खड़े कर दिए गए है। मनोहर लाल ने कहा कि उद्घाटन के बाद से ही नगर परिषद के किसी भी अधिकारी या सदस्य द्वारा गौशाला के लिए कोई सहयोग नहीं किया गया है। वहीँ मनोहर लाल ने बताया कि स्थानीय लोग ही इस गौशाला को चला रहे है। मनोहर लाल सरकार द्वारा भी गौशाला के लिए कोई मदद ना करने से खासे आहत है। मनोहर लाल की माने तो डेढ़ साल में पशु चारे के लिए सरकार की ओर से केवल 16 हजार रुपये मिले थे जिससे खरीदा गया चारा सिर्फ 5 दिन ही चल पाया।
बाइट -- विजय राय (कार्यकारी ईओ/तहसीलदार ऊना) COWS PROBLEM 8
वही नगर परिषद के कार्यकारी ईओ विजय राय ने कहा कि नगर परिषद द्वारा 34 लाख रुपये की राशि खर्च कर गौशाला का निर्माण करवाया गया है, उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई बात होगी तो रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। कार्यकारी ईओ ने गौशाला कमेटी के उपाध्यक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा समय समय पर गौशाला के लिए राशि जारी की गई है।

बाइट -- सतपाल रायजादा (विधायक, ऊना सदर)
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वहीँ गौशाला पर उठ रहे सवालों पर विपक्ष ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। ऊना सदर से कांग्रेस के विधायक सतपाल रायजादा ने कहा कि सरकार गाय के नाम पर लाखों रुपये राजस्व इकट्ठा कर रही है लेकिन गौशालाओं में सरकार की भागीदारी नाममात्र ही है। रायजादा ने कहा कि जो गौशालाएं चल भी रही है वो केवल लोगों के सहयोग से ही काम कर रही है।
Conclusion:
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