ऊना: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, ताकि युवाओं को घर-द्वार पर ही आत्मनिर्भर बनने का मौका मिल सके. इसी कड़ी में जिला प्रशासन व वन विभाग ने मिलकर बैंबूना परियोजना शुरू की है, जिसके तहत ग्राम पंचायत लमलैहड़ी में स्वंय सहायता समूह बनाकर 7 महिलाओं को बांस के विभिन्न उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है.
बता दें कि महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए मार्च 2019 में त्रिपुरा से ट्रेनर विमल देव वर्मा को बुला गया है, जो महिलाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं. इस काम में महारत हासिल कर कुशल कारीगर बन चुकी स्वंय सहायता समूह की महिलाएं अब फर्नीचर, टेबल लैंप व हैंगर आदि बना रही हैं, जिसकी बाजार में अच्छी मांग है.
बैंबूना प्रोजेक्ट का शुभारंभ ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने पिपलू मेले के दौरान 12 जून को किया था. मेले में बांस से बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई और विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित किया गया. मेला देखने आए लोग बांस से बने उत्पादों को देखकर काफी उत्साहित हैं और तीन दिवसीय मेले में 17,100 रुपये के उत्पादों की बिक्री हुई. वहीं, इस सफलता को देखकर अब वन विभाग बैंबूना प्रोजेक्ट के विस्तार की योजना बना रहा है, ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिल सके.
बैंबूना प्रोजेक्ट के फायदों को देखकर, धन का प्रावधान जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ऊना के माध्यम से किया गया और इस रुपये से वन विभाग ने बांस के उत्पाद बनाने के लिए जरूरी उपकरण खरीदे है. बांस से बने प्रोडक्ट से प्लास्टिक की तरह प्रदूषण भी नहीं फैलता है और बांस से बने उत्पादों की मांग बढ़ने से बांस का उत्पादन भी बढ़ेगा. इसके अलावा बांस उगाकर जहां किसानों को अतिरिक्त कमाई का जरिया मिलेगा वहीं, मृदा कटान व भू-जल संरक्षण में भी मदद मिलेगी.
बैबूना प्रोजेक्ट के तहत काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि वन विभाग द्वारा उन्हें बांस के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे उन्हें आय का साधन मिला है. उन्होंने बताया कि पिपलू मेले का दौरान ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने 5100-5100 रुपये के चैक भी प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान किए थे.
डीएफओ ऊना यशुदीप सिंह ने बताया कि स्वंय सहायता समूह को न केवल बांस के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बल्कि अपने उत्पाद बेचने के लिए बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है.