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ऊना के इस पंचायत में अब कूड़े से होगी कमाई, डीसी ने ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र का किया निरीक्षण

डीसी ऊना संदीप कुमार ने ग्राम पंचायत अजौली में बने ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र का निरीक्षण किया. संयंत्र में लगी मशीनरी और कचरे प्रबंधन के बारे में परियोजना अधिकारी से जानकारी भी ली.

ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र का निरीक्षण करते डीसी.
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Published : Jul 5, 2019, 8:22 AM IST

Updated : Jul 5, 2019, 9:54 AM IST

ऊना: डीसी ऊना संदीप कुमार ने ग्राम पंचायत अजौली में बने ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र का निरीक्षण किया. संयंत्र में लगी मशीनरी और कचरे प्रबंधन के बारे में परियोजना अधिकारी से जानकारी भी ली.

इस अवसर पर परियोजना अधिकारी डीआरडीए राजेंद्र गौतम व पंचायत प्रधान प्रवीण कपिला ने डीसी संदीप कुमार को बताया कि संयंत्र को बनाने में 35 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है और इससे अजौली के सात वार्डों को लाभ मिल रहा है. साथ ही बताया कि घर-घर से कचरा इकट्ठा करने के लिए तीन रिक्शा खरीदे गए हैं और कूड़ा इकट्ठा करने के बाद इसे अलग-अलग किया जाता है. इसके अलावा जैविक कूड़े को मशीन में डाकर उसकी खाद बनाई जा रही है, जबकि प्लास्टिक को अलग करने के बाद उसके छोटे-छोटे टुकड़े करने के लिए अलग से मशीन लगाई गई है.

Una DC inspecting solid waste management plant
ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र का निरीक्षण करते डीसी.

परियोजना अधिकारी डीआरडीए राजेंद्र गौतम ने डीसी को बताया कि जैविक कूड़े का निष्पादन करने वाली मशीन की कीमत आठ लाख रुपये है और इसकी क्षमता 150 किलो प्रति दिन है. वहीं, बायो मेडिकल वेस्ट इंसीनेटर की लागत लगभग तीन लाख रुपये है और इसकी क्षमता 15 किलो प्रति घंटे है.

Una DC inspecting solid waste management plant
स कचरा प्रबंधन संयंत्र का निरीक्षण करते डीसी.

डीसी ऊना संदीप कुमार ने बताया कि पंचायत जैविक कूड़े से तैयार खाद व प्लास्टि के टुकड़ों को बेचने की योजना बना रही है, ताकि इससे पंचायत को कुछ आय हो सके और संयंत्र को चलाने में आसानी हो.

ऊना: डीसी ऊना संदीप कुमार ने ग्राम पंचायत अजौली में बने ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र का निरीक्षण किया. संयंत्र में लगी मशीनरी और कचरे प्रबंधन के बारे में परियोजना अधिकारी से जानकारी भी ली.

इस अवसर पर परियोजना अधिकारी डीआरडीए राजेंद्र गौतम व पंचायत प्रधान प्रवीण कपिला ने डीसी संदीप कुमार को बताया कि संयंत्र को बनाने में 35 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है और इससे अजौली के सात वार्डों को लाभ मिल रहा है. साथ ही बताया कि घर-घर से कचरा इकट्ठा करने के लिए तीन रिक्शा खरीदे गए हैं और कूड़ा इकट्ठा करने के बाद इसे अलग-अलग किया जाता है. इसके अलावा जैविक कूड़े को मशीन में डाकर उसकी खाद बनाई जा रही है, जबकि प्लास्टिक को अलग करने के बाद उसके छोटे-छोटे टुकड़े करने के लिए अलग से मशीन लगाई गई है.

Una DC inspecting solid waste management plant
ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र का निरीक्षण करते डीसी.

परियोजना अधिकारी डीआरडीए राजेंद्र गौतम ने डीसी को बताया कि जैविक कूड़े का निष्पादन करने वाली मशीन की कीमत आठ लाख रुपये है और इसकी क्षमता 150 किलो प्रति दिन है. वहीं, बायो मेडिकल वेस्ट इंसीनेटर की लागत लगभग तीन लाख रुपये है और इसकी क्षमता 15 किलो प्रति घंटे है.

Una DC inspecting solid waste management plant
स कचरा प्रबंधन संयंत्र का निरीक्षण करते डीसी.

डीसी ऊना संदीप कुमार ने बताया कि पंचायत जैविक कूड़े से तैयार खाद व प्लास्टि के टुकड़ों को बेचने की योजना बना रही है, ताकि इससे पंचायत को कुछ आय हो सके और संयंत्र को चलाने में आसानी हो.

Intro:उपायुक्त संदीप कुमार ने किया अजौली में बने ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र का निरीक्षण, संयंत्र के लगने से पंचायत के सात वार्डों को मिल रही सुविधा।

Body:उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने ग्राम पंचायत अजौली में बने ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र का निरीक्षण किया। संयंत्र में लगी मशीनरी और कचरे प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। कचरा निष्पादन में पंचायत के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज कचरे का सही प्रबंधन एक चुनौती है, लेकिन अजौली पंचायत इस दिशा में बेहतर काम कर रही है।
इस अवसर पर परियोजना अधिकारी डीआरडीए राजेंद्र गौतम व पंचायत प्रधान प्रवीण कपिला ने उपायुक्त संदीप कुमार को बताया कि संयंत्र को बनाने में लगभग 35 लाख रुपए की राशि खर्च की गई है और इससे अजौली के सात वार्डों को लाभ पहुंच रहा है। घर-घर से कचरा इक्टठा करने के लिए तीन रिक्शा खरीदे गए हैं और कूड़ा इक्टठा करने के बाद इसे अलग-अलग किया जाता है। जैविक कूड़े को मशीन में डाकर उसकी खाद बनाई जा रही है, जबकि प्लास्टिक को अलग करने के बाद उसके छोटे-छोटे टुकड़े करने के लिए अलग से मशीन लगाई गई है।
जैविक कूड़े का निष्पादन करने वाली मशीन की कीमत आठ लाख रुपए है और इसकी क्षमता 150 किलो प्रति दिन है जबकि बायो मेडिकल वेस्ट इंसीनेटर की लागत लगभग तीन लाख रुपए है और इसकी क्षमता 15 किलो प्रति घंटे है। उपायुक्त को बताया गया कि जैविक कूड़े से तैयार खाद व प्लास्टि के टुकड़ों को पंचायत बेचने की योजना बना रही है, ताकि इससे पंचायत को कुछ आय हो सके और संयंत्र को चलाने में आसानी हो।
डीसी संदीप कुमार ने अजौली ठोस कचरा प्रंबंध संयंत्र में गहरी रूचि दिखाई और पंचायत प्रतिनिधियों से उनकी समस्याओं के बारे में बात भी की। Conclusion:
Last Updated : Jul 5, 2019, 9:54 AM IST
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