ऊना: जिले में बेसहारा पशुओं के आतंक से किसान परेशान है. पशु फसलों को एक बार फिर उजाड़ने लग गए हैं. इस कारण काफी फसलों को नुकसान हो चुका है.
बंगाणा उपमंडल के अधिकतर स्थानों जैसे बंगाणा, थाना कलां, खुरबाईं, तलमेहड़ा, रायपुर मैदान, लठ्यानी इत्यादि स्थानों पर बेसहारा पशुओं के जमावड़े को देखा जा सकता है. बेसहारा पशुओं का झुंड कुछ समय में किसानों की फसलों का सफाया कर देता है. जिससे किसानों द्वारा बोई गई फसल का लाभ तो दूर की बात, उसकी लागत भी नहीं निकल पाती.
किसानों का कहना है कि सरकार ने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई हैं जिससे किसानों की आय में इजाफा हो. लेकिन इन पशुओं के आगे सरकार की ये सभी योजनाएं फेल होती नजर आ रही है.
किसान महंगे दामों पर बीज और खाद खरीदते हैं लेकिन उन्हें फसल से कोई लाभ नहीं मिलता, जिस कारण किसान खेतीबाड़ी से मुंह मोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं.
लोगों का कहना है कि बेसहारा पशु सिर्फ फसलों को बर्बाद नहीं कर रहे, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहे हैं. बेसहारा पशुओं की बजह से लोग कई बार सड़क दुघर्टनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं.
किसानों का कहना है कि प्रदेश में चाहे कांग्रेस या भाजपा की सरकार रही हो. परन्तु कोई भी सरकार इस समस्या का समाधन करने में असफल रही है. किसानों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि इन पशुओं से निजात दिलाई जाए.
खरयालता पंचायत के पूर्व प्रधान सुखदेव शर्मा का कहना है कि जो लोग इन पशुओं को बेसहारा छोड़ रहे हैं. उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इन पशुओं के लिए गौशाला का प्रबंध किया जाए. स्थानीय निवासी विजय रायजादा ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इन पशुओं की समस्या से निजात दिलाई जाए.