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फेक करेंसी मामले में ऊना पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग, आरोपी की निशानदेही पर पटियाला से प्रिंटर बरामद - ऊना

ऊना फेक करेंसी मामले में पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने पटियाला से प्रिंटर किया बरामद. चिंतपूर्णी मंदिर में दर्शन करने आए थे चार आरोपी.

फेक करेंसी मामले में ऊना पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग
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Published : Mar 10, 2019, 6:53 PM IST

ऊना: फेक करेंसी मामलें में ऊना पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने पटियाला से नकली नोट छपाई करने वाले प्रिंटर को एक आरोपी के घर से बरामद किया है. पिछले रविवार को पुलिस ने चिंतपूर्णी में दर्शन को आए पंजाब के चार लोगों को 57,700 रुपये की जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया था.

fake currency in una
फेक करेंसी मामले में ऊना पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग

आपको बता दें कि पिछले रविवार को चिंतपूर्णी के बाजार में पुलिस को एक निजी कार से 57,700 रुपये की जाली करेंसी बरामद हुई थी. आरोपियों से पूछताछ के दौरान पुलिस के हाथ कई अहम सुराग हाथ लगे थे. जिसके बाद एसएचओ जगदीश ठाकुर की अगुवाई में पुलिस ने पंजाब के पटियाला शहर में दबिश दी, जहां पर एक किराए के मकान से पुलिस को नोट छपाई करने वाला प्रिंटर मिला, जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है.

पुलिस के मुताबिक नोट छापने का मुख्य सरगना जसवीर है. जिस पर पंजाब पुलिस में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. जसवीर बड़े ही शातिर तरीके से कई लोगों अपने जाल में फंसता है. चिंतपूर्णी में लाई गई करेंसी को बाजार में चलाने की फिराक में था. लेकिन इससे पहले ही वह पुलिस के हाथ लग गया.
उधर एएसपी विनोद धीमान का कहना है कि पुलिस टीम ने पंजाब के पटियाला में दबिश दी. जहां पर पुलिस ने नकली नोट छपाई करने वाले प्रिंटर को कब्जे में लिया है और आगामी कार्रवाई जारी है.

ऊना: फेक करेंसी मामलें में ऊना पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने पटियाला से नकली नोट छपाई करने वाले प्रिंटर को एक आरोपी के घर से बरामद किया है. पिछले रविवार को पुलिस ने चिंतपूर्णी में दर्शन को आए पंजाब के चार लोगों को 57,700 रुपये की जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया था.

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फेक करेंसी मामले में ऊना पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग

आपको बता दें कि पिछले रविवार को चिंतपूर्णी के बाजार में पुलिस को एक निजी कार से 57,700 रुपये की जाली करेंसी बरामद हुई थी. आरोपियों से पूछताछ के दौरान पुलिस के हाथ कई अहम सुराग हाथ लगे थे. जिसके बाद एसएचओ जगदीश ठाकुर की अगुवाई में पुलिस ने पंजाब के पटियाला शहर में दबिश दी, जहां पर एक किराए के मकान से पुलिस को नोट छपाई करने वाला प्रिंटर मिला, जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है.

पुलिस के मुताबिक नोट छापने का मुख्य सरगना जसवीर है. जिस पर पंजाब पुलिस में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. जसवीर बड़े ही शातिर तरीके से कई लोगों अपने जाल में फंसता है. चिंतपूर्णी में लाई गई करेंसी को बाजार में चलाने की फिराक में था. लेकिन इससे पहले ही वह पुलिस के हाथ लग गया.
उधर एएसपी विनोद धीमान का कहना है कि पुलिस टीम ने पंजाब के पटियाला में दबिश दी. जहां पर पुलिस ने नकली नोट छपाई करने वाले प्रिंटर को कब्जे में लिया है और आगामी कार्रवाई जारी है.

to vinate sir

---------- Forwarded message ---------
From: MINAKSHI BHARDWAJ <minakshi.bhardwaj@etvbharat.com>
Date: Fri, Feb 15, 2019 at 3:53 PM
Subject: अज्ञात वास के समय नोर गांव में पांडवों ने किया था यज्ञ
To: ETV Himachal <hpdesk@etvbharat.com>




अज्ञात वास के समय नोर गांव में पांडवों ने किया था यज्ञ 
आज भी यज्ञ शाला में ग्राम देवता मारकंडे की पुजा का यज्ञ यहीं होता है
यहीं से होकर गए थे पांडव श्रखंड 

रामपुर बुशहर, 15 फरवरी मीनाक्षी 

कुल्लू जिला के निरमंड तहसील पौराणिक देवता का गांव नोर में अज्ञात वास के समय पाडव इस सथान  पर आए थे। उस समय बस्तीयां बहुत कम थी ऐसा माना जाता है की यहां एक व्यक्ति बकरियों के साथ पांडवों ने देखा और नर-नर पुकारने के कारण उस गांव का नोर पड़ा। पांडव कुछ समय यहां रूके उस आदमी को यह वरदान दिया की जब तक चाहो तुमहार घर में बकरियां रहेगी। उस समय पांडव ने यहां पर यज्ञशाला बनाकर यज्ञ किया था। ऐसा माना जाता है कि  चायल पंचायत के क्षेत्र में श्रीखंड के मार्ग में जो देश का सबसे कठीन तिर्थ माना जाता है इसके मार्ग में भीम डवार पड़ता है। यह माना जाता है कि पांडव यहां पर ठहरे थे इस लिए इसका नाम भीम डमार पड़ा। यह माना जाता है कि देव ढांक से होकर पांच पांडव अज्ञात वास के समय इस क्षेत्र में आए थे और यहां से श्रीखंड महादेम स्थल की और निकले और उस समय भीम डवार में रूके। भीम डवार एक प्रकारी की गुफा है । 
भीम डवार एक ऐसा स्थान है जिसके अंदर आज भी 12 के करीब लोग वर्षा इत्यादि से सुरक्षी रह सकते है। श्री खंड मार्ग में ही रखे हुए पत्थर है इनहें माना जाता है कि भीम के रखे है। पत्थर में कुरेद कर कुछ लिखा गया है। जिसे आज तक कोई पढ़ नहीं पाया। वर्तमान में यहां पर श्रीखंड यात्रियों के लिए ठहराव व लंगर की व्यवस्था रहती है। भीम डवार में यहां पर भेड़ पालक भी रहते है। 
पांडवों की बनाई यज्ञशाला में नोर गांव के ग्राम देवता मारकंडे की पुजा के समय आज भी यज्ञ होता है। 
यज्ञ शाला में एक खड़क का पेड़ उगा है जो यहां के गांव के लिए फेफड़े का कार्य करता है। इस पेड़ को काटा नहीं जाता है। यह पेड़ बहुत पुराना माना जाता है जो सदा बहार है। 

बाक्स 

इस संदर्भ में इइसी गांव के निवासी सेवा निवृत अध्यापक शाम भारद्वाज से बात की तब उन्होंने भी इस बात की पृष्टी की की हमारे घर में अभी तक बकरियां पाली जाती रही है। लेकिन इस समय उनके पास कोई बकरियां नहीं है। किसी कारण वश बकरियां लोगों को दे दी गई। जिन्हें बकरियां दी गई है उनके घर में आज भी मौजूद है। 

बाईट :  स्थानीय निवासी  अध्यापक शाम भारद्वाज । 






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