कसौली/सोलन: देशभर में कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन के दौरान टीबी लक्ष्य को पूरा करने में लगी ब्रेक को स्वास्थ्य विभाग अब दोगुनी ताकत के साथ पूरा करेगा. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा फील्ड के लैब टेक्नीशियन व माइक्रो बायोलॉजिस्ट की फौज को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
इन दिनों स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्षय रोग अस्पताल धर्मपुर में इन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है और इस अभियान में तेजी लाने बारे बताया जा रहा है. इससे जहां विभाग द्वारा क्षय रोग मुक्ति अभियान को लेकर निर्धारित किया लक्ष्य जल्द पूरा होगा, वहीं टीबी मरीजों का पता लगाकार उनका तुरंत इलाज किया जाएगा. यह प्रशिक्षण शिविर धर्मपुर में 5 अक्टूबर से चलाया जा रहा है. साथ ही ऑनलइन माध्यम से भी फील्ड स्टाफ को इस बारे में बताया जा रहा है.
बता दें कि देश को टीबी मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 2025 का लक्ष्य रखा गया है, जबकि हिमाचल सरकार द्वारा 2021 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा हुआ है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा योजना बनाई गई है और अब फील्ड के लैब टेक्नीशियनों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि यदि लैब टेक्नीशियनों को प्रशिक्षित किया जाए, तो इस अभियान में काफी लाभ मिलेगा, क्यूंकि लैब टेक्नीशियन ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हे सबसे पहले पता चल जाता है कि मरीज को टीबी की बीमारी है या नहीं. अगर मरीज में टीबी के लक्षण हैं तो जल्द ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीज का इलाज शुरू किया जा सकेगा. इससे टीबी बीमारी के प्रसार पर भी रोक लगेगी और विभाग तय लक्ष्य पर भी जल्द पहुंच पाएगा.
जेल के लैब टेक्नीशियन को भी दी जा रही है ट्रेनिंग
इस प्रशिक्षण शिविर में जेल लैब टेक्नीशियन में भाग ले रहे हैं. इससे जेल के कैदियों को भी जल्द जांच कर टीबी बीमारी का पता चल सकेगा और तुरंत मरीज का इलाज किया जा सकेगा. इसमें शिमला, कांगड़ा, बिलासपुर व नाहन जेल के लैब टेक्नीशियन शिविर में भाग ले रहे हैं.
क्या कहते हैं नोडल ऑफिसर
क्षय रोग अस्पताल धर्मपुर के नोडल ऑफिसर डॉ. सतीश का कहना है की हिमाचल सरकार द्वारा निर्धारित टीबी मुक्त लक्ष्य के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. अब फील्ड के लैब टेक्नीशियन व माइक्रो बायोलॉजिस्ट को ट्रेनिंग दी जा रही है. यह प्रशिक्षण क्षय रोग अस्पताल धर्मपुर में दिया जा रहा है.
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